ओटीटी प्लेटफॉर्म पर बहुत सी फिल्में और सीरीज देखने के लिए हैं। मंडे ब्लूज को दूर करने के लिए अगर आप कुछ अच्छा देखना चाहते हैं, जिससे आपको खुशी के साथ ही कुछ सीखने को भी मिले तो आप इन फिल्मों को देख सकते हैं। हम आपको आज ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें देखकर आपको जरूर अच्छा महसूस होगा।
द इंटर्न (The Intern)
यह फिल्म साल 2005 में आई थी। इसकी कहानी एक 70 वर्षीय बुजुर्ग बेन व्हिटेकर की है, जिसका मानना है कि रिटायरमेंट ही सब कुछ नहीं है और वह वापस से काम पर लौटना चाहता है। बेन को जूल्स ऑस्टिन की एक फैशन वेबसाइट पर वरिष्ठ इंटर्न की नौकरी मिल जाती है और दोनों की दोस्ती हो जाती है। यह फिल्म आपको खुश कर देगी।
द टर्मिनल( The Terminal)
द टर्मिनल 2004 की अमेरिकी कॉमेडी-ड्रामा फिल्म है। इस फिल्म की कहानी विक्टर नवोस्की की है, जो अपने देश मे युद्ध शुरू हो जाने की वजह से एयरपोर्ट पर ही फंस जाता है। विक्टर को उसकी मूल पहचान की पुष्टि नहीं होने तक उसे एयरपोर्ट पर ही रहने को कहा जाता है। उसे कहीं जाने की इजाजत नहीं होती। जब तक वह अपनी पहचान साबित नहीं कर देता, तब कर वह कैसे एयरपोर्ट पर रहता है और लोगों से मिलजुल कर रहने लगता है कि कहानी को बखूबी दिखाया गया है।
द परस्यूट ऑफ हैप्पीनेस (The Persuit of Happiness)
यह फिल्म एक सिंगल फादर क्रिस गार्डनर की कहानी है, जिसको अपने बेटे के साथ अपने अपार्टमेंट से निकलना पड़ता है। दोनों के पास रहने के लिए कोई जगह भी नहीं है। क्रिस को एक ब्रोकरेज फर्म में एक इंटर्न की नौकरी तो मिल जाती है, लेकिन उसके लिए उसे पैसे नहीं मिलते। इस सबके बाद भी वह निराश नहीं होता और अपने बेटे के जीवन को बेहतर बनाने के लिए संघर्ष करता है।
वंडर (Wonder)
यह कहानी एक ऑगस्ट नाम के 10 साल के बच्चे की कहानी है, जिसे चेहरे की एक दुर्लभ बीमारी होती है। जब वह पांचवीं कक्षा में आता है और प्राइवेट स्कूल जाना शुरू करता है, तो उसे बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बच्चे उसके चेहरे को देखकर दूर चले जाते हैं और उसको बुली करते हैं। इस फिल्म में यहीं दिखाया गया है कि कैसे वह इस सबका सामना करता है और दोस्त बनाता है।
