Desh

यूएनएससी: भारत ने कहा- जैविक हथियार के मामलों को संबंधित पक्षों के सहयोग के साथ देखें

सार

जैविक कार्यक्रमों की रिपोर्ट पर उन्होंने कहा कि भारत ने सदस्य देशों के हालिया बयानों और यूक्रेन से संबंधित जैविक गतिविधियों के बारे में व्यापक जानकारी पर ध्यान दिया है।

ख़बर सुनें

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से कहा है कि जैविक और विषाक्त हथियार सम्मेलन (बीटीडब्ल्यूसी) के तहत आने वाले दायित्वों से संबंधित किसी भी मामले को संबंधित पक्षों से परामर्श व सहयोग के साथ संबोधित किया जाना चाहिए। भारत ने यूक्रेन पर यूएनएससी ब्रीफिंग के दौरान रूस द्वारा अमेरिकी जैविक कार्यक्रमों को लेकर लगाए आरोपों के बीच यह बात कही।

बता दें कि सुरक्षा परिषद की बैठक के रूसी अनुरोध के बाद अमेरिका ने रूस के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि यूक्रेन अमेरिकी समर्थन से रासायनिक और जैविक प्रयोगशालाओं का संचालन कर रहा है।

में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि यूक्रेन के हालात पर हमने बार-बार चिंता जताई है। जैविक कार्यक्रमों की रिपोर्ट पर उन्होंने कहा कि भारत ने सदस्य देशों के हालिया बयानों और यूक्रेन से संबंधित जैविक गतिविधियों के बारे में व्यापक जानकारी पर ध्यान दिया है।

इस संबंध में हम बीटीडब्ल्यूसी को एक प्रमुख वैश्विक और गैर-भेदभावपूर्ण निरस्त्रीकरण सम्मेलन के रूप में दिए गए महत्व को बताना चाहते हैं, जो सामूहिक विनाश के हथियारों की एक पूरी श्रेणी को प्रतिबंधित करता है। उन्होंने कहा, बीटीडब्ल्यूसी का अक्षरश: पूर्ण और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।

यूक्रेन के कई शहरों में हालात चिंताजनक
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि मैरियूपोल, खारकीव, सुमी और चेर्निहीव में हालात खासतौर पर चिंताजनक हैं। यहां आवासीय तथा नागरिक बुनियादी ढांचे पर गोलाबारी की गई है। इस कारण मृतक और घायलों की संख्या बढ़ रही है। तिरुमूर्ति ने कहा, भारत को पूरी उम्मीद है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी सीधी बातचीत से आपसी शत्रुता समाप्त हो जाएगी।

यूक्रेन में 30 जैविक प्रयोगशालाओं का नेटवर्क : रूस
संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थायी प्रतिनिधि वसीली नेबेंजिया ने कहा कि हमले कीव शासन द्वारा अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के समर्थन से सैन्य जैविक कार्यक्रम के संचालन का पता लगाया है।

उन्होंने कहा कि उनके पास इस बात की पुष्टि की दस्तावेज हैं कि यूक्रेन में 30 जैविक प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क था जहां सिंथेटिक जीव विज्ञान का इस्तेमाल करके प्लेग, एंथ्रेक्स, हैजा और अन्य घातक बीमारियों के रोगजनक गुणों को मजबूत करने के मकसद से बहुत खतरनाक जैविक प्रयोग किए जा रहे हैं।

विस्तार

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से कहा है कि जैविक और विषाक्त हथियार सम्मेलन (बीटीडब्ल्यूसी) के तहत आने वाले दायित्वों से संबंधित किसी भी मामले को संबंधित पक्षों से परामर्श व सहयोग के साथ संबोधित किया जाना चाहिए। भारत ने यूक्रेन पर यूएनएससी ब्रीफिंग के दौरान रूस द्वारा अमेरिकी जैविक कार्यक्रमों को लेकर लगाए आरोपों के बीच यह बात कही।

बता दें कि सुरक्षा परिषद की बैठक के रूसी अनुरोध के बाद अमेरिका ने रूस के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि यूक्रेन अमेरिकी समर्थन से रासायनिक और जैविक प्रयोगशालाओं का संचालन कर रहा है।

में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि यूक्रेन के हालात पर हमने बार-बार चिंता जताई है। जैविक कार्यक्रमों की रिपोर्ट पर उन्होंने कहा कि भारत ने सदस्य देशों के हालिया बयानों और यूक्रेन से संबंधित जैविक गतिविधियों के बारे में व्यापक जानकारी पर ध्यान दिया है।

इस संबंध में हम बीटीडब्ल्यूसी को एक प्रमुख वैश्विक और गैर-भेदभावपूर्ण निरस्त्रीकरण सम्मेलन के रूप में दिए गए महत्व को बताना चाहते हैं, जो सामूहिक विनाश के हथियारों की एक पूरी श्रेणी को प्रतिबंधित करता है। उन्होंने कहा, बीटीडब्ल्यूसी का अक्षरश: पूर्ण और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।

यूक्रेन के कई शहरों में हालात चिंताजनक

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि मैरियूपोल, खारकीव, सुमी और चेर्निहीव में हालात खासतौर पर चिंताजनक हैं। यहां आवासीय तथा नागरिक बुनियादी ढांचे पर गोलाबारी की गई है। इस कारण मृतक और घायलों की संख्या बढ़ रही है। तिरुमूर्ति ने कहा, भारत को पूरी उम्मीद है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी सीधी बातचीत से आपसी शत्रुता समाप्त हो जाएगी।

यूक्रेन में 30 जैविक प्रयोगशालाओं का नेटवर्क : रूस

संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थायी प्रतिनिधि वसीली नेबेंजिया ने कहा कि हमले कीव शासन द्वारा अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के समर्थन से सैन्य जैविक कार्यक्रम के संचालन का पता लगाया है।

उन्होंने कहा कि उनके पास इस बात की पुष्टि की दस्तावेज हैं कि यूक्रेन में 30 जैविक प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क था जहां सिंथेटिक जीव विज्ञान का इस्तेमाल करके प्लेग, एंथ्रेक्स, हैजा और अन्य घातक बीमारियों के रोगजनक गुणों को मजबूत करने के मकसद से बहुत खतरनाक जैविक प्रयोग किए जा रहे हैं।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

Gold Import: सोने का आयात 2021 में तेजी से बढ़ा, पिछले साल की तुलना में यहां पहुंचा आंकड़ा Gold Import: सोने का आयात 2021 में तेजी से बढ़ा, पिछले साल की तुलना में यहां पहुंचा आंकड़ा
11
Business

Gold Import: सोने का आयात 2021 में तेजी से बढ़ा, पिछले साल की तुलना में यहां पहुंचा आंकड़ा

To Top
%d bloggers like this: