वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Fri, 07 Jan 2022 10:58 PM IST
सार
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा था कि भारत सरकार ऐसी स्थानों पर करीबी से नजर बनाए हुए है। इस पुल का निर्माण ऐसे इलाकों में किया जा रहा है जिन पर चीन का करीब 60 साल से गैरकानूनी कब्जा रहा है।
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विस्तार
भारत के विदेश मंत्रालय टिप्पणी पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने शुक्रवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि मुझे स्थिति के बारे में पता नहीं है। मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि चीन के बुनियादी ढांचे का निर्माण पूरी तरह से उसकी संप्रभुता के भीतर आता है और इसका उद्देश्य चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता और सुरक्षा के साथ-साथ चीन-भारत सीमा पर शांति और स्थिरता की रक्षा करना है।
इससे पहले खबर आई थी कि चीन की पिपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पूर्वी लद्दाख के विवादित पैंगोंग झील के एक भाग में पुल का निर्माण कर रही है। सेटेलाईट इमेज से मिली जानकारी के मुताबिक, पुल निर्माण चीन अपने इलाके में कर रहा है, लेकिन पिछले दो साल से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर चल रही तनातनी के मद्देनजर विवादित इलाके में इस तरह का निर्माण उकसावे की हरकत के तौर पर देखा जा रहा है।
सेटेलाईट इमेज की पड़ताल के बाद सेना सूत्रों ने कहा था कि इससे सामरिक लिहाज से एक अहम इलाके में चीनी सेना अपने टैंक और ट्रूप को उत्तरी से दक्षिणी किनारे तक आसानी से ले जा सकती है। यह इमेज जियो-इंटेलिजेंस विशेषज्ञ डामीन साइमोन ने हालिस की है। इमेज के मुताबिक पैंगोंग की एक पतली पट्टी पर यह काम तेजी से चल रहा है और उत्तरी किनारे को दक्षिणी किनारे से जोड़ता है।
इसके बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा था कि भारत सरकार ऐसी स्थानों पर करीबी से नजर बनाए हुए है। इस पुल का निर्माण ऐसे इलाकों में किया जा रहा है जिन पर चीन का करीब 60 साल से गैरकानूनी कब्जा रहा है। सरकार हमारे सुरक्षा हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठा रही है।
