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रूस-यूक्रेन युद्ध : रिहाइशी इलाकों पर कहर बरपा रहा रूस, दुनिया के आगे खड़ा हो सकता है खाने का संकट

सार

यूक्रेन के 50 से ज्यादा शहर रूसी हमलों के निशाने पर हैं। कमजोर पड़ोसी देश पर पूर्ण नियंत्रण करने में नाकामी से बौखलाए रूस ने हमले और तेज कर दिये हैं। बमबारी, टैंकों के गोलों, रॉकेट और मिसाइल हमलों ने जगह-जगह विनाश की भयावह तस्वीर खींच दी है। एक अनुमान के मुताबिक, रूसी हमलों के नतीजे में अकेले मैरियूपोल में ही 2,500 से ज्यादा नागरिकों को जान गंवानी पड़ी है। यूक्रेन के मुताबिक, रूसी हमलों में सैनिकों से ज्यादा आम नागरिकों की जान गई है।

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यूक्रेन में सोमवार को कई शहरों के रिहाइशी इलाकों पर रूस का कहर टूट पड़ा। अपार्टमेंटों पर बमबारी के साथ रॉकेट और मिसाइल हमले किए गए। हमलों में कई आवासीय इलाके तबाह हो गए हैं। कीव के उत्तर-पश्चिमी और पूर्वी उपनगर खासतौर से निशाने पर रहे। कीव क्षेत्र के प्रमुख ओलेक्सी कुलेबा ने सोमवार को कहा कि कीव के पूर्व में लड़ाई के दौरान ब्रोवरी के एक नगर पार्षद की मौत हो गई। 

उत्तर-पश्चिमी में इरपिन, बुचा और होस्तोमेल में भी कई हमले हुए। कीव पर कब्जे की कोशिश में ये हमले किए गए। सोमवार सुबह पूर्वी यूक्रेन में एक नौ मंजिला अपार्टमेंट पर बमबारी की गई। इस हमले में अपार्टमेंट के कई फ्लोर नष्ट हो गए। यूक्रेनी सेना ने आरोप लगाया कि रूसी फौज गिरजाघरों तथा अन्य नागरिक बुनियादी ढांचों में सैन्य उपकरण स्थापित कर रही है। इन ठिकानों का सैन्य इस्तेमाल किए जाने की आशंका है।

हमले बढ़ाएंगे पुतिन…
अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने कहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सेना की नाकामी से क्रोध और हताशा में यूक्रेन के भीतर और ज्यादा विनाश कर सकते हैं। अधिकारियों का आकलन है कि पुतिन प्रतिरोध खत्म करने के मकसद से संघर्ष और आगे बढ़ाएंगे।

मॉस्को में राजदूत रह चुके बर्न्स ने अमेरिकी सांसदों को बताया, पश्चिमी प्रतिबंधों से रूसी अर्थव्यवस्था पंगु हो चुकी है और रूस प्रमुख शहरों पर कब्जा नहीं कर पाया है। ऐसे में पुतिन क्रोध व निराशा में नागरिक हताहतों की परवाह किए बगैर बड़े हमले कर सकते हैं।

मध्यस्थता के लिए भारत के संपर्क में यूएन
रूस-यूक्रेन संघर्ष को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा है क वह मध्यस्थता प्रयास को लेकर कई देशों के संपर्क में हैं। इनमें भारत, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इस्राइल और तुर्की शामिल हैं। उनका प्रयास है कि युद्ध जल्द से जल्द समाप्त हो जाए। यूक्रेन की स्थिति पर गंभीर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि एक देश दुनिया की आंखों के सामने नष्ट हो रहा है और यही समय है कि हम आतंक को समाप्त कर कूटनीति और शांति की राह पर लौटें। शांति की अपील जरूर सुनी जानी चाहिए।  

भारत ने सीधी बातचीत पर जोर दिया
इस मसले पर भारत ने कहा, रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई रोकने के लिए सीधी बातचीत होनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थाई प्रतिनिधि  आर रविंद्र ने कहा कि भारत इस मामले में लगातार यूएन चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानूनों और विभिन्न देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने का पक्षधर रहा है।

भारत यूक्रेन में लड़ाई के तत्काल अंत के पक्ष में है।  सुरक्षा परिषद में चीन ने रूस पर लगाए प्रतिबंधों पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा कि दुनिया में शीत युद्ध समाप्त हो गया है और अब समय है कि उसकी मानसिकता भी खत्म की जाए। दुनिया के कुछ देश अब भी उस मानसिकता से ग्रस्त हैं।

यूक्रेन ने कहा- गांवों व कस्बों तक में हो रहे रूसी हमले
यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने बताया कि छोटे-छोटे गांवों और कस्बों तक पर हमले हो रहे हैं। रूस सीमा से सटे इलाकों से लेकर कारपेथियन पहाड़ियों तक देशभर के शहरों और कस्बों में सायरनों की आवाज गूंजती रही। दक्षिणी शहर मायकोलाइव, पूर्वी शहर खारकीव में आवासीय भवनों को निशाना बनाया गया तो उत्तर-पश्चिम के रिवने क्षेत्र में टीवी टावर ध्वस्त किया गया।

खेरसान में रातभर धमाकों की आवाज गूंजती रही और चेर्निहीव में तीन हवाई हमले किए गए। बिजली न होने की वजह से घरों और इमारतों को गर्म रखने वाली प्रणाली काम नहीं कर रही है। कर्मचारी बिजली बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन गोलाबारी की चपेट में आ जाते हैं।

मैरियूपोल से नागरिक निकलना शुरू
कई दिनों के विफल प्रयास के बाद आखिरकार सोमवार को यूक्रेन के बंदरगाह शहर मैरियूपोल से नागरिकों के एक जत्थे को सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया। कम से कम 160 कारों का काफिला भारतीय समयानुसार शाम साढ़े चार बजे तब शहर से निकल पाया जब रूसी सैनिकों ने गोलीबारी बंद की।

  • कारों का यह काफिला मैरियूपोल से 225 किमी दूर जैपोरिझिया जाने वाला है। स्थानीय अधिकारी इसी गलियारे के जरिये शहर में रसद और पानी की आपूर्ति करने का प्रयास भी कर रहे हैं।
10 मानवीय गलियारों का एलान
इस बीच, यूक्रेनी उप प्रधानमंत्री इरीना वेरेशचुक ने लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सोमवार से 10 मानवीय गलियारों के काम करने का एलान किया। टेलीग्राम पर एक वीडियो संबोधन में उन्होंने कहा कि 10 मानवीय गलियारों के संचालन को लेकर सहमति बन गई है, जो कीव और दोनेत्सक, दोनों क्षेत्र के लिए होंगे।

पाबंदी लगाने वाली कंपनियों पर कार्रवाई करने की धमकी
इस बीच, रूस ने उसके यहां कामकाज पर प्रतिबंध लगाने वाली विदेशी कंपनियों को धमकी दी है कि वह उनके अधिकारियों को गिरफ्तार कर संपत्तियां जब्त कर लेगा। क्रेमलिन ने एक बयान में कहा कि कोका-कोला, मैकडॉनल्ड्स, प्रॉक्टर एंड गैंबल, आईबीएम समेत तमाम ऐसी विदेशी कंपनियों और ब्रांडों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहा है।

पश्चिमी कंपनियों ने काम समेटा
माइक्रोसॉफ्ट, आईबीएम, प्रॉक्टर एंड गैंबल के साथ मेगा तेल कंपनी शैल समेत तमाम पश्चिमी कंपनियों ने हमलों के विरोध में रूस से अपना कारोबार समेटने या लेन-देन खत्म करने की घोषणा की है।

दुनिया में तेल-गैस ही नहीं, भोजन के भी पड़ सकते हैं लाले
यूक्रेन में जारी जंग दुनिया पर तेल-गैस के अलावा खाद्यान्न का संकट भी पैदा कर रही है। रूसी हमले के बाद से ही उर्वरकों की कीमतें तेजी से चढ़ रही हैं, जिसके चलते काफी किसानों के लिए इन्हें खरीदना बूते से बाहर हो रहा है और इसका असर उत्पादन पर पड़ना तय है। रूस में उर्वरक के दिग्गज कारोबारी एंड्रेई मल्निचेंको ने सोमवार को कहा, कृषि व खाद्यान्न यूक्रेन संकट का बड़ा शिकार होंगे, जो सबके लिए त्रासदीपूर्ण हो सकता है।

  • मल्निचेंको के मुताबिक, हमें शांति कायम करने की तत्काल जरूरत है। रूस पोटाश, फास्फेट और नाइट्रोजन आधारित उर्वरकों का बहुत बड़ा उत्पादक है, जिनका कई प्रमुख फसलों में इस्तेमाल किया जाता है।
  • यूक्रेनी माता की संतान और बेलारूस में पले-बढ़े यूरो केम के मालिक मल्निचेंको के मुताबिक, उर्वरकों के दामों में तेजी रुकने का नाम नहीं ले रही है और ये किसानों की पहुंच से बाहर होते जा रहे हैं।
  • उन्होंने कहा, कोरोना महामारी के कारण विश्व में पहले से ही खाद्य आपूर्ति शृंखला बाधित थी और अब इस लड़ाई ने हालात खराब कर दिए हैं।
  • युद्ध के चलते खाद्य महंगाई आसमान छूने के आसार हैं और गरीब देशों के सामने खाने के लाले पड़ सकते हैं।
  • बता दें, जंग के मद्देनजर इस माह रूस के कारोबार व उद्योग मंत्री ने देश के उर्वरक उत्पादकों को अस्थायी रूप से उत्पादन रोकने को कहा था। 

विस्तार

यूक्रेन में सोमवार को कई शहरों के रिहाइशी इलाकों पर रूस का कहर टूट पड़ा। अपार्टमेंटों पर बमबारी के साथ रॉकेट और मिसाइल हमले किए गए। हमलों में कई आवासीय इलाके तबाह हो गए हैं। कीव के उत्तर-पश्चिमी और पूर्वी उपनगर खासतौर से निशाने पर रहे। कीव क्षेत्र के प्रमुख ओलेक्सी कुलेबा ने सोमवार को कहा कि कीव के पूर्व में लड़ाई के दौरान ब्रोवरी के एक नगर पार्षद की मौत हो गई। 

उत्तर-पश्चिमी में इरपिन, बुचा और होस्तोमेल में भी कई हमले हुए। कीव पर कब्जे की कोशिश में ये हमले किए गए। सोमवार सुबह पूर्वी यूक्रेन में एक नौ मंजिला अपार्टमेंट पर बमबारी की गई। इस हमले में अपार्टमेंट के कई फ्लोर नष्ट हो गए। यूक्रेनी सेना ने आरोप लगाया कि रूसी फौज गिरजाघरों तथा अन्य नागरिक बुनियादी ढांचों में सैन्य उपकरण स्थापित कर रही है। इन ठिकानों का सैन्य इस्तेमाल किए जाने की आशंका है।

हमले बढ़ाएंगे पुतिन…

अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने कहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सेना की नाकामी से क्रोध और हताशा में यूक्रेन के भीतर और ज्यादा विनाश कर सकते हैं। अधिकारियों का आकलन है कि पुतिन प्रतिरोध खत्म करने के मकसद से संघर्ष और आगे बढ़ाएंगे।

मॉस्को में राजदूत रह चुके बर्न्स ने अमेरिकी सांसदों को बताया, पश्चिमी प्रतिबंधों से रूसी अर्थव्यवस्था पंगु हो चुकी है और रूस प्रमुख शहरों पर कब्जा नहीं कर पाया है। ऐसे में पुतिन क्रोध व निराशा में नागरिक हताहतों की परवाह किए बगैर बड़े हमले कर सकते हैं।

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