पीटीआई, वाशिंगटन
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Tue, 15 Mar 2022 09:02 AM IST
सार
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार को कहा था कि मिसाइल के बारे में भारत की व्याख्या ‘दुर्घटनावश चलाई जाना’ एक गंभीर मामला है।
भारत की तरफ से नौ मार्च को गलती से फायर हुई मिसाइल पर जहां पाकिस्तान में हंगामा जारी है वहीं अब इस पर अन्य देशों के भी बयान सामने आने लगे हैं। इस मामले में अमेरिका भारत के साथ खड़ा दिख रहा है। अमेरिका ने कहा है कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि हाल ही में भारत की ओर से पाकिस्तान में जानबूझकर मिसाइल से फायरिंग की गई थी। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को एक सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा कि हमारे पास इसका कोई संकेत नहीं है क्योंकि आपने हमारे भारतीय भागीदारों से भी सुना है कि यह घटना महज एक दुर्घटना के अलावा कुछ भी नहीं थी। प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हम आपको किसी भी अनुवर्ती कार्रवाई के लिए भारतीय रक्षा मंत्रालय के पास भेजते हैं। उन्होंने 9 मार्च को एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि क्या हुआ था। हमारे पास इससे आगे कोई टिप्पणी नहीं है।
क्या है मामला
दरअसल, शुक्रवार को तकनीकी खामियों की वजह से भारत की ओर से पाकिस्तान में गलती से मिसाइल फायरिंग हो गई थी जिसे लेकर पाकिस्तान सरकार ने भारत सरकार से स्पष्टीकरण देने के लिए कहा था। इसके बाद भारत सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि मिसाइल गलती से फायरिंग हो गई थी, जो पाकिस्तान में गिरी और यह खेदजनक घटना नियमित रखरखाव के दौरान एक तकनीकी खराबी के कारण हुई थी। वहीं भारत के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और इसमें एक कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है। उससे एक दिन पहले पाकिस्तान ने कहा था कि भारत से छोड़ी गई एक हाई-स्पीड प्रोजेक्टाइल उसके हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर गई और पंजाब प्रांत के खानेवाल जिले में मियां चन्नू के पास गिरी।
स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं पाकिस्तान
पाकिस्तान ने शनिवार को कहा कि वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गिरी मिसाइल के दुर्घटनावश चलने पर भारत के स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं है। पाकिस्तान ने इस घटना से संबंधित तथ्यों का सही तरीके से पता लगाने के लिए संयुक्त जांच की मांग की थी। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने कहा था कि यह घटना परमाणु वातावरण में दुर्घटनावश या अनधिकृत मिसाइल प्रक्षेपण के खिलाफ सुरक्षा प्रोटोकॉल और तकनीकी सुरक्षा उपायों के संबंध में कई बुनियादी सवाल उठाती है। भारत के रक्षा मंत्रालय के बयान में मिसाइल का नाम नहीं बताया गया, लेकिन पाकिस्तानी सेना द्वारा दिए गए विवरण से संकेत मिलता है कि यह ब्रह्मोस मिसाइल हो सकती है।
विस्तार
भारत की तरफ से नौ मार्च को गलती से फायर हुई मिसाइल पर जहां पाकिस्तान में हंगामा जारी है वहीं अब इस पर अन्य देशों के भी बयान सामने आने लगे हैं। इस मामले में अमेरिका भारत के साथ खड़ा दिख रहा है। अमेरिका ने कहा है कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि हाल ही में भारत की ओर से पाकिस्तान में जानबूझकर मिसाइल से फायरिंग की गई थी। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को एक सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा कि हमारे पास इसका कोई संकेत नहीं है क्योंकि आपने हमारे भारतीय भागीदारों से भी सुना है कि यह घटना महज एक दुर्घटना के अलावा कुछ भी नहीं थी। प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हम आपको किसी भी अनुवर्ती कार्रवाई के लिए भारतीय रक्षा मंत्रालय के पास भेजते हैं। उन्होंने 9 मार्च को एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि क्या हुआ था। हमारे पास इससे आगे कोई टिप्पणी नहीं है।
क्या है मामला
दरअसल, शुक्रवार को तकनीकी खामियों की वजह से भारत की ओर से पाकिस्तान में गलती से मिसाइल फायरिंग हो गई थी जिसे लेकर पाकिस्तान सरकार ने भारत सरकार से स्पष्टीकरण देने के लिए कहा था। इसके बाद भारत सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि मिसाइल गलती से फायरिंग हो गई थी, जो पाकिस्तान में गिरी और यह खेदजनक घटना नियमित रखरखाव के दौरान एक तकनीकी खराबी के कारण हुई थी। वहीं भारत के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और इसमें एक कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है। उससे एक दिन पहले पाकिस्तान ने कहा था कि भारत से छोड़ी गई एक हाई-स्पीड प्रोजेक्टाइल उसके हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर गई और पंजाब प्रांत के खानेवाल जिले में मियां चन्नू के पास गिरी।
स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं पाकिस्तान
पाकिस्तान ने शनिवार को कहा कि वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गिरी मिसाइल के दुर्घटनावश चलने पर भारत के स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं है। पाकिस्तान ने इस घटना से संबंधित तथ्यों का सही तरीके से पता लगाने के लिए संयुक्त जांच की मांग की थी। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने कहा था कि यह घटना परमाणु वातावरण में दुर्घटनावश या अनधिकृत मिसाइल प्रक्षेपण के खिलाफ सुरक्षा प्रोटोकॉल और तकनीकी सुरक्षा उपायों के संबंध में कई बुनियादी सवाल उठाती है। भारत के रक्षा मंत्रालय के बयान में मिसाइल का नाम नहीं बताया गया, लेकिन पाकिस्तानी सेना द्वारा दिए गए विवरण से संकेत मिलता है कि यह ब्रह्मोस मिसाइल हो सकती है।
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