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केरल : दो साल के लिए नियोजित कर्मचारियों को आजीवन पेंशन देने की नीति की ‘सुप्रीम’ आलोचना, जानें पूरा मामला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Mon, 14 Mar 2022 10:03 PM IST

सार

पीठ ने केरल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील वी गिरी से कहा, आप एकमात्र राज्य हैं जहां लोगों को दो साल के लिए नियुक्त किया जाता है और उन्हें आजीवन पेंशन दी जाती है। राज्य को कहिये कि अगर वह ऐसा कर सकती है तो यह वृद्धि वापस क्यों नहीं ले सकती। राज्य के पास बहुत पैसा है।

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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) को प्रदेश के स्वामित्व वाली तेल विपणन कंपनियों द्वारा बेचे जाने वाले थोक डीजल की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ याचिका दायर करने के लिए फटकार लगाई है। साथ ही जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने पूछा कि कैसे राज्य मंत्रियों द्वारा दो साल के लिए नियोजित कर्मचारियों के लिए आजीवन पेंशन का भुगतान कर रहा है?

पीठ ने केरल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील वी गिरी से कहा, आप एकमात्र राज्य हैं जहां लोगों को दो साल के लिए नियुक्त किया जाता है और उन्हें आजीवन पेंशन दी जाती है। राज्य को कहिये कि अगर वह ऐसा कर सकती है तो यह वृद्धि वापस क्यों नहीं ले सकती। राज्य के पास बहुत पैसा है। सुनवाई के दौरान गिरी ने कहा कि निगम से ‘अंतर मूल्य’ वसूल किया जा रहा था जो बाजार दर से अधिक है। उन्होंने कहा कि समझौता होने के बावजूद सात रुपये प्रति लीटर का अंतर है। 

यहां क्यों आए, हाईकोर्ट जाएं
जस्टिस अब्दुल नजीर ने याचिका पर विचार करने से असहमति जताते हुए निगम को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा। उन्होंने कहा, आप यहां क्यों आए हैं? केरल हाईकोर्ट को इस पर निर्णय लेने दें। पीठ ने यह कहते हुए याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। हालांकि पीठ ने निगम को केरल हाईकोर्ट का रुख करने की स्वतंत्रता दे दी।

हाईकोर्ट में लंबित है याचिका
केरल हाईकोर्ट में वह याचिका लंबित है जिसमें राज्य में मंत्रियों के लिए निजी कर्मचारियों की नियुक्ति के तरीके और सिर्फ दो साल से अधिक की सेवा करने वाले इन कर्मचारियों को पेंशन लाभ की व्यवस्था को चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और जस्टिस शाजी पी चाली की पीठ ने इस मामले में केरल सरकार के साथ-साथ मुख्यमंत्री पी विजयन, विपक्ष के नेता वीडी सतीशन और मुख्य सचेतक एम जयराज के निजी सचिवों को नोटिस जारी किया है।

विस्तार

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) को प्रदेश के स्वामित्व वाली तेल विपणन कंपनियों द्वारा बेचे जाने वाले थोक डीजल की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ याचिका दायर करने के लिए फटकार लगाई है। साथ ही जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने पूछा कि कैसे राज्य मंत्रियों द्वारा दो साल के लिए नियोजित कर्मचारियों के लिए आजीवन पेंशन का भुगतान कर रहा है?

पीठ ने केरल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील वी गिरी से कहा, आप एकमात्र राज्य हैं जहां लोगों को दो साल के लिए नियुक्त किया जाता है और उन्हें आजीवन पेंशन दी जाती है। राज्य को कहिये कि अगर वह ऐसा कर सकती है तो यह वृद्धि वापस क्यों नहीं ले सकती। राज्य के पास बहुत पैसा है। सुनवाई के दौरान गिरी ने कहा कि निगम से ‘अंतर मूल्य’ वसूल किया जा रहा था जो बाजार दर से अधिक है। उन्होंने कहा कि समझौता होने के बावजूद सात रुपये प्रति लीटर का अंतर है। 

यहां क्यों आए, हाईकोर्ट जाएं

जस्टिस अब्दुल नजीर ने याचिका पर विचार करने से असहमति जताते हुए निगम को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा। उन्होंने कहा, आप यहां क्यों आए हैं? केरल हाईकोर्ट को इस पर निर्णय लेने दें। पीठ ने यह कहते हुए याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। हालांकि पीठ ने निगम को केरल हाईकोर्ट का रुख करने की स्वतंत्रता दे दी।

हाईकोर्ट में लंबित है याचिका

केरल हाईकोर्ट में वह याचिका लंबित है जिसमें राज्य में मंत्रियों के लिए निजी कर्मचारियों की नियुक्ति के तरीके और सिर्फ दो साल से अधिक की सेवा करने वाले इन कर्मचारियों को पेंशन लाभ की व्यवस्था को चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और जस्टिस शाजी पी चाली की पीठ ने इस मामले में केरल सरकार के साथ-साथ मुख्यमंत्री पी विजयन, विपक्ष के नेता वीडी सतीशन और मुख्य सचेतक एम जयराज के निजी सचिवों को नोटिस जारी किया है।

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