वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लाहौर
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Fri, 08 Apr 2022 06:29 PM IST
सार
मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को पाकिस्तान की एक एंटी टेररिज्म कोर्ट ने दो मामलों में 31 साल कैद की सजा सुनाई है।
पाकिस्तान की एक आतंक रोधी अदालत ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद को दो मामलों में कुल 31 साल कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने सईद की सभी संपत्तियों को जब्त करने का निर्देश भी दिया है। सईद का जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है जो 2008 के मुंबई हमलों का जिम्मेदार है, जिसमें कुल 166 लोग मारे गए थे।

इससे पहले ऐसे पांच मामलों में 70 साल के कट्टरपंथी मौलवी को पहले ही 36 साल कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। उसे मिली 68 साल कैद की कुल सजा एक साथ चलेगी। एक वकील ने बताया कि संभव है सईद को ज्यादा साल जेल में नहीं बिताने पड़ें क्योंकि उसकी सजा साथ-साथ चलेगी। वहीं, कोर्ट एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) के न्यायाधीश एजाज अहमद भुट्टर ने पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग द्वारा दर्ज दो प्राथमिकी 21/2019 और 90/2019 में सईद को 32 साल की जेल की सजा सुनाई। वहीं, उसे पहले भी साढ़े 15 साल और साढ़े 16 साल कैद की सजा सुनाई गई थी।
अदालत ने सईद पर 3.4 लाख पाकिस्तानी रुपयों का जुर्माना भी लगाया। उन्होंने कहा कि सईद को लाहौर की कोट लखपत जेल से अदालत में लाया गया, जहां वह 2019 से कड़ी सुरक्षा में कैद है। संयुक्त राष्ट्र-नामित आतंकवादी सईद पर अमेरिका ने एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा है। उसे जुलाई 2019 को आतंक के वित्तपोषण के मामलों में गिरफ्तार किया गया था।
एफएटीएफ की काली सूची से डरा पाकिस्तान
माना जा रहा है कि कोर्ट ने हाफिज सईद के खिलाफ यह फैसला ऐसे समय में सुनाया है, जब पाकिस्तान पर एफएटीएफ की काली सूची में शामिल होने का खतरा मंडरा रहा है। अगर पाक को एफएटीएफ की काली सूची में शामिल कर लिया जाता है तो उसकी डूब रही अर्थव्यवस्था पर यह कड़ा प्रहार होगा।
विस्तार
पाकिस्तान की एक आतंक रोधी अदालत ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद को दो मामलों में कुल 31 साल कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने सईद की सभी संपत्तियों को जब्त करने का निर्देश भी दिया है। सईद का जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है जो 2008 के मुंबई हमलों का जिम्मेदार है, जिसमें कुल 166 लोग मारे गए थे।

इससे पहले ऐसे पांच मामलों में 70 साल के कट्टरपंथी मौलवी को पहले ही 36 साल कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। उसे मिली 68 साल कैद की कुल सजा एक साथ चलेगी। एक वकील ने बताया कि संभव है सईद को ज्यादा साल जेल में नहीं बिताने पड़ें क्योंकि उसकी सजा साथ-साथ चलेगी। वहीं, कोर्ट एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) के न्यायाधीश एजाज अहमद भुट्टर ने पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग द्वारा दर्ज दो प्राथमिकी 21/2019 और 90/2019 में सईद को 32 साल की जेल की सजा सुनाई। वहीं, उसे पहले भी साढ़े 15 साल और साढ़े 16 साल कैद की सजा सुनाई गई थी।
अदालत ने सईद पर 3.4 लाख पाकिस्तानी रुपयों का जुर्माना भी लगाया। उन्होंने कहा कि सईद को लाहौर की कोट लखपत जेल से अदालत में लाया गया, जहां वह 2019 से कड़ी सुरक्षा में कैद है। संयुक्त राष्ट्र-नामित आतंकवादी सईद पर अमेरिका ने एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा है। उसे जुलाई 2019 को आतंक के वित्तपोषण के मामलों में गिरफ्तार किया गया था।
एफएटीएफ की काली सूची से डरा पाकिस्तान
माना जा रहा है कि कोर्ट ने हाफिज सईद के खिलाफ यह फैसला ऐसे समय में सुनाया है, जब पाकिस्तान पर एफएटीएफ की काली सूची में शामिल होने का खतरा मंडरा रहा है। अगर पाक को एफएटीएफ की काली सूची में शामिल कर लिया जाता है तो उसकी डूब रही अर्थव्यवस्था पर यह कड़ा प्रहार होगा।
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