videsh

नेपाल में ऊपरी सदन का चुनाव: हार में भी सियासी जीत हासिल की ओली की पार्टी ने

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, काठमांडो
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Thu, 27 Jan 2022 03:16 PM IST

सार

पर्यवेक्षकों का कहना है कि प्रांत-1 में क्रॉस वोटिंग होना सत्ताधारी गठबंधन के लिए झटका है। इस प्रांत की प्रतिनिधि सभा में नेपाली कांग्रेस के सदस्य राजीव कोइराला ने स्वीकार किया कि सत्ताधारी गठबंधन से जुड़े कुछ सदस्यों ने यूएमएल को वोट डाले। नतीजा हुआ कि यूएमएल की सोनम ग्यालजेन नेशनल असेंबली के लिए चुन ली गईं

ख़बर सुनें

नेपाल की संसद के ऊपरी सदन- नेशनल असेंबली के चुनाव सीटों के लिहाज से विपक्षी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल) को तगड़ा झटका लगा। लेकिन कई विश्लेषकों ने कहा है कि इस हार के बावजूद यूएमएल यह दिखाने में सफल रही कि देश में वह सबसे मजबूत ताकत है। इस तरह चुनावी हार में उसने एक तरह की राजनीतिक जीत दर्ज की है।

इन चुनावों में यूएमएल का मुकाबला सत्ताधारी गठबंधन के पांच दलों ने मिल कर किया। उसका नतीजा रहा कि वे 19 में से 18 सीटें जीतने में सफल रहे। इस तरह इस चुनाव में यूएमएल को सात सीटें गंवानी पड़ी हैं। इसके बावजूद ऊपरी सदन में वह अब भी सबसे बड़ी पार्टी रहेगी। सदन में उसके पास अब 16 सीटें होंगी। सत्ताधारी गठबंधन के बीच नेपाली कांग्रेस ने छह, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड सोशलिस्ट) ने पांच-पांच, और जनता समाजवादी पार्टी एवं राष्ट्रीय जनमोर्चा ने एक-एक सीटें जीतीं। प्रांत-1 से एक सीट यूएमएल को मिली।

नेशनल असेंबली के एक तिहाई सदस्यों को चुनने के लिए बुधवार को मतदान हुआ। नेशनल असेंबली के सदस्यों का चुनाव एक इलेक्ट्रॉल कॉलेज के जरिए होता है। इस निर्वाचक मंडल के सदस्यों में प्रांतों की प्रतिनिधि सभा के सदस्य, और नगर परिषदों के मेयर एवं उप मेयर, और ग्रामीण समितियों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष शामिल होते हैँ। उन सबके वोटों का मूल्य अलग-अलग होता है।

अकेले यूएमएल को 4,524 वोट

इन चुनावों में आरंभ में अनुमान लगाया गया था कि यूएमएल को एक भी सीट नहीं मिलेगी। लेकिन प्रांत-1 में क्रॉस वोटिंग के कारण उसका एक उम्मीदवार जीतने में सफल रहा। अगर वोटों के लिहाज से देखें तो पांच दलों के सत्ताधारी गठबंधन के उम्मीदवारों को 4,668 वोट मिले, जबकि अकेले यूएमएल को 4,524 वोट मिले।

पर्यवेक्षकों का कहना है कि प्रांत-1 में क्रॉस वोटिंग होना सत्ताधारी गठबंधन के लिए झटका है। इस प्रांत की प्रतिनिधि सभा में नेपाली कांग्रेस के सदस्य राजीव कोइराला ने स्वीकार किया कि सत्ताधारी गठबंधन से जुड़े कुछ सदस्यों ने यूएमएल को वोट डाले। नतीजा हुआ कि यूएमएल की सोनम ग्यालजेन नेशनल असेंबली के लिए चुन ली गईं।

नेपाली संसद के ऊपरी सदन में कुल 59 सदस्य होते हैँ। उनमें 56 निर्वाचित होते हैं, जबकि तीन को राष्ट्रपति की सिफारिश पर मंत्रिपरिषद मनोनीत करती है। देश के सभी सात प्रांतों से आठ-आठ सदस्य चुने जाते हैँ। हर निर्वाचित सदस्य का कार्यकाल छह साल का होता है।

यूएमएल ने जताया आभार

ताजा चुनाव नतीजों के बाद यूएमएल पार्टी के चीफ ह्विप विशाल भट्टराई ने कहा कि पार्टी इस बात पर खुश है कि उसे एक सीट मिल गई। उन्होंने कहा- ‘बात सिर्फ प्रांत-1 की नहीं है। हमें मधेस, गंडारी और सुदूर पश्चिम प्रांतों में भी उम्मीद से ज्यादा वोट मिले। हम अकेले लड़ रहे थे, जबकि हमारे खिलाफ पांच पार्टियां लामबंद थीं।’

नेपाली अखबारों में छपी टिप्पणियों से जाहिर है कि कई राजनीतिक पर्यवेक्षक यूएमएल के इस दावे से सहमत हैं। उनके मुताबिक यूएमएल ने इन चुनावों से यह संदेश दिया है कि उसके पास बड़ा समर्थन आधार है और अगले आम चुनाव में वह सत्ता की एक प्रमुख दावेदार होगी।

विस्तार

नेपाल की संसद के ऊपरी सदन- नेशनल असेंबली के चुनाव सीटों के लिहाज से विपक्षी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल) को तगड़ा झटका लगा। लेकिन कई विश्लेषकों ने कहा है कि इस हार के बावजूद यूएमएल यह दिखाने में सफल रही कि देश में वह सबसे मजबूत ताकत है। इस तरह चुनावी हार में उसने एक तरह की राजनीतिक जीत दर्ज की है।

इन चुनावों में यूएमएल का मुकाबला सत्ताधारी गठबंधन के पांच दलों ने मिल कर किया। उसका नतीजा रहा कि वे 19 में से 18 सीटें जीतने में सफल रहे। इस तरह इस चुनाव में यूएमएल को सात सीटें गंवानी पड़ी हैं। इसके बावजूद ऊपरी सदन में वह अब भी सबसे बड़ी पार्टी रहेगी। सदन में उसके पास अब 16 सीटें होंगी। सत्ताधारी गठबंधन के बीच नेपाली कांग्रेस ने छह, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड सोशलिस्ट) ने पांच-पांच, और जनता समाजवादी पार्टी एवं राष्ट्रीय जनमोर्चा ने एक-एक सीटें जीतीं। प्रांत-1 से एक सीट यूएमएल को मिली।

नेशनल असेंबली के एक तिहाई सदस्यों को चुनने के लिए बुधवार को मतदान हुआ। नेशनल असेंबली के सदस्यों का चुनाव एक इलेक्ट्रॉल कॉलेज के जरिए होता है। इस निर्वाचक मंडल के सदस्यों में प्रांतों की प्रतिनिधि सभा के सदस्य, और नगर परिषदों के मेयर एवं उप मेयर, और ग्रामीण समितियों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष शामिल होते हैँ। उन सबके वोटों का मूल्य अलग-अलग होता है।

अकेले यूएमएल को 4,524 वोट

इन चुनावों में आरंभ में अनुमान लगाया गया था कि यूएमएल को एक भी सीट नहीं मिलेगी। लेकिन प्रांत-1 में क्रॉस वोटिंग के कारण उसका एक उम्मीदवार जीतने में सफल रहा। अगर वोटों के लिहाज से देखें तो पांच दलों के सत्ताधारी गठबंधन के उम्मीदवारों को 4,668 वोट मिले, जबकि अकेले यूएमएल को 4,524 वोट मिले।

पर्यवेक्षकों का कहना है कि प्रांत-1 में क्रॉस वोटिंग होना सत्ताधारी गठबंधन के लिए झटका है। इस प्रांत की प्रतिनिधि सभा में नेपाली कांग्रेस के सदस्य राजीव कोइराला ने स्वीकार किया कि सत्ताधारी गठबंधन से जुड़े कुछ सदस्यों ने यूएमएल को वोट डाले। नतीजा हुआ कि यूएमएल की सोनम ग्यालजेन नेशनल असेंबली के लिए चुन ली गईं।

नेपाली संसद के ऊपरी सदन में कुल 59 सदस्य होते हैँ। उनमें 56 निर्वाचित होते हैं, जबकि तीन को राष्ट्रपति की सिफारिश पर मंत्रिपरिषद मनोनीत करती है। देश के सभी सात प्रांतों से आठ-आठ सदस्य चुने जाते हैँ। हर निर्वाचित सदस्य का कार्यकाल छह साल का होता है।

यूएमएल ने जताया आभार

ताजा चुनाव नतीजों के बाद यूएमएल पार्टी के चीफ ह्विप विशाल भट्टराई ने कहा कि पार्टी इस बात पर खुश है कि उसे एक सीट मिल गई। उन्होंने कहा- ‘बात सिर्फ प्रांत-1 की नहीं है। हमें मधेस, गंडारी और सुदूर पश्चिम प्रांतों में भी उम्मीद से ज्यादा वोट मिले। हम अकेले लड़ रहे थे, जबकि हमारे खिलाफ पांच पार्टियां लामबंद थीं।’

नेपाली अखबारों में छपी टिप्पणियों से जाहिर है कि कई राजनीतिक पर्यवेक्षक यूएमएल के इस दावे से सहमत हैं। उनके मुताबिक यूएमएल ने इन चुनावों से यह संदेश दिया है कि उसके पास बड़ा समर्थन आधार है और अगले आम चुनाव में वह सत्ता की एक प्रमुख दावेदार होगी।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: