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ऑक्सफोर्ड के वायरालॉजिस्ट ने चेताया: 'एंडेमिक' बनने से जीवन सामान्य नहीं होगा, खतरनाक वैरिएंट आएंगे

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Wed, 26 Jan 2022 08:32 AM IST

सार

कोरोना वायरस की विकास यात्रा का जिक्र करते हुए प्रो. काटजोराकिस ने चेतावनी दी है कि भविष्य में इसके और भी खतरनाक रूप सामने आ सकते हैं। यह चेतावनी उन्होंने प्रतिष्ठित पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित एक लेख में दी है। 

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : पीटीआई

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कोरोना महामारी या कोविड-19 को लेकर दुनियाभर के नीति निर्माताओं को ऑक्सफोर्ड वायरोलॉजिस्ट एरिस काटजोराकिस ने चेताया है। उन्होंने कहा कि उन्हें निराशा होती है, जब नीति निर्माता कोरोना पेंडेमिक (Covid-19 pandemic) को लेकर आगे कुछ नहीं करने की मंशा जताते हुए ‘एंडेमिक’ (Covid-19 Endemic) शब्द का इस्तेमाल करते हैं।। 

कोरोना वायरस की विकास यात्रा का जिक्र करते हुए प्रो. काटजोराकिस ने चेतावनी दी है कि भविष्य में इसके और भी खतरनाक रूप सामने आ सकते हैं। यह चेतावनी उन्होंने प्रतिष्ठित पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित एक लेख में दी है।  प्रो. काटजोराकिस का कहना है कि यह कहना गलत होगा कि  कोविड-19 जल्द ही महामारी (pandemic) से स्थानीय बीमारी (Endemic) बनकर रह जाएगी और इसका इलाज करना मुश्किल नहीं रहेगा। 

उन्होंने कहा कि पेंडेमिक की जगह एंडेमिक शब्द का सबसे ज्यादा दुरुपयोग हो रहा है। इसका यह मतलब नहीं है कि कोरोना वायरस का स्वाभाविक रूप से खात्मा हो जाएगा। एरिस काटजोराकिस ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वायरल विकास और जीनोमिक्स के प्रोफेसर हैं।

विस्तार

कोरोना महामारी या कोविड-19 को लेकर दुनियाभर के नीति निर्माताओं को ऑक्सफोर्ड वायरोलॉजिस्ट एरिस काटजोराकिस ने चेताया है। उन्होंने कहा कि उन्हें निराशा होती है, जब नीति निर्माता कोरोना पेंडेमिक (Covid-19 pandemic) को लेकर आगे कुछ नहीं करने की मंशा जताते हुए ‘एंडेमिक’ (Covid-19 Endemic) शब्द का इस्तेमाल करते हैं।। 

कोरोना वायरस की विकास यात्रा का जिक्र करते हुए प्रो. काटजोराकिस ने चेतावनी दी है कि भविष्य में इसके और भी खतरनाक रूप सामने आ सकते हैं। यह चेतावनी उन्होंने प्रतिष्ठित पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित एक लेख में दी है।  प्रो. काटजोराकिस का कहना है कि यह कहना गलत होगा कि  कोविड-19 जल्द ही महामारी (pandemic) से स्थानीय बीमारी (Endemic) बनकर रह जाएगी और इसका इलाज करना मुश्किल नहीं रहेगा। 

उन्होंने कहा कि पेंडेमिक की जगह एंडेमिक शब्द का सबसे ज्यादा दुरुपयोग हो रहा है। इसका यह मतलब नहीं है कि कोरोना वायरस का स्वाभाविक रूप से खात्मा हो जाएगा। एरिस काटजोराकिस ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वायरल विकास और जीनोमिक्स के प्रोफेसर हैं।

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