अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: Jeet Kumar
Updated Thu, 07 Apr 2022 03:25 AM IST
सार
न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने अजय सिंह, शिकायतकर्ता व दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा।
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विस्तार
न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने अजय सिंह, शिकायतकर्ता व दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा।
निचली अदालत ने पिछले महीने सिंह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि मामले के समग्र तथ्यों और परिस्थितियों और अपराध की गंभीरता को देखते हुए उसे राहत देने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है।
सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने तर्क दिया कि स्पाइसजेट के प्रमोटर की हिरासत में पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं है। वह फरार नहीं होने वाला और वह जांच में सहयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि सिंह ने 10 लाख रुपये की राशि भी वापस कर दी, जो उन्हें शिकायतकर्ता द्वारा शेयरों के हस्तांतरण के लिए दी गई थी।
शिकायतकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान मामला गंभीर है और सिंह उसी दिन फरार हो गया जब निचली अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी।
लूथरा ने कहा कि सिंह किसी काम की वजह से देश छोड़कर गए है और उनका इरादा वापस आने का है। इस मामले में शिकायतकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने तर्क दिया कि सिंह ने ऐसे वादे किए जिन्हें पूरा करने का उनका कभी इरादा नहीं है।
दिल्ली पुलिस के वकील ने सिंह को राहत देने का भी विरोध किया और कहा कि उनके खिलाफ अन्य आपराधिक मामले लंबित हैं और वर्तमान मामले में उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया है।