वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, टोरंटो
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Mon, 07 Feb 2022 10:10 AM IST
सार
कनाडा में मंदिरों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं 15 जनवरी से शुरू हुईं। रिपोर्ट के मुताबिक, तोड़तोड़ करने वाले दो ही व्यक्ति हैं। वे वारदात को अंजाम देने से पहले मंदिर में काफी समय बिताते हैं और सुबह दाे से तीन बजे के आसपास तोड़फोड़ करते हैं।
कनाडा के ग्रेटर टोरंटो एरिया में मंदिरों व पूजा स्थलों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। स्थिति यह हो गई है कि पिछले दस दिनों में यहां के छह से ज्यादा मंदिरों में तोड़फोड़ की गई और दान पेटियों की नकदी और आभूषण लूट लिए गए। इसके बाद से पुजारियों व भक्तों में डर की स्थिति है। दरअसल, मंदिरों को निशाना बनाने वाली ये घटनाएं 15 जनवरी को जीटीए शहर ब्रैम्पटन में हनुमान मंदिर में तोड़-फोड़ के साथ शुरू हुई, जहां पर मंदिर में बदमाशों ने जमकर उत्पात मचाया। पुजारियों व भक्तों का कहना है कि अब तो उन्हें मंदिरों को खोलने से भी डर लगने लगा है।
25 जनवरी को भी हुई तोड़फोड़
15 जनवरी के बाद ब्रैम्पटन में एक और मंदिर, मां चिंतपूर्णा मंदिर में तोड़फोड़ की गई। इसके बाद गौरी शंकर, जगन्नाथ मंदिर में भी ऐसी ही तोड़तोड़ की गई। मिसिसॉगा में 30 जनवरी को भी ऐसी ही घटना हुई। यहां की दानपेटी को भी लूट लिया गया।
दो ही व्यक्ति दे रहे वारदात को अंजाम
रिपोर्ट के मुताबिक, मंदिरों को निशाना बनाए जाने की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, उसमें दो ही व्यक्ति इन घटनाओं में दिख रहे हैं। सभी घटनाएं दो से तीन बजे के बीच हुई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, घटना को अंजाम देने से पहले ये दोनों व्यक्ति मंदिर में समय बिताते हैं। दान पेटी, आभूषणों के बारे में जानकारी इकट्ठा करते हैं।
मंदिरों की बढ़ाई गई सुरक्षा
इस तरह की घटनाएं सामने आने के बाद कनाडा में मंदिरों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने मंदिर के चारों ओर गश्त देना भी शुरू कर दिया है। वहीं पुजारियों का कहना है कि सुबह-सुबह मंदिर में प्रार्थना की तैयारी करते समय डर लगता है। पंडित यदु नाथ शर्मा ने कहा, मैं सभी लाइटें चालू करने और चारों तरफ देखने के बाद ही मंदिर परिसर को खोलता हूं।
विस्तार
कनाडा के ग्रेटर टोरंटो एरिया में मंदिरों व पूजा स्थलों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। स्थिति यह हो गई है कि पिछले दस दिनों में यहां के छह से ज्यादा मंदिरों में तोड़फोड़ की गई और दान पेटियों की नकदी और आभूषण लूट लिए गए। इसके बाद से पुजारियों व भक्तों में डर की स्थिति है। दरअसल, मंदिरों को निशाना बनाने वाली ये घटनाएं 15 जनवरी को जीटीए शहर ब्रैम्पटन में हनुमान मंदिर में तोड़-फोड़ के साथ शुरू हुई, जहां पर मंदिर में बदमाशों ने जमकर उत्पात मचाया। पुजारियों व भक्तों का कहना है कि अब तो उन्हें मंदिरों को खोलने से भी डर लगने लगा है।
25 जनवरी को भी हुई तोड़फोड़
15 जनवरी के बाद ब्रैम्पटन में एक और मंदिर, मां चिंतपूर्णा मंदिर में तोड़फोड़ की गई। इसके बाद गौरी शंकर, जगन्नाथ मंदिर में भी ऐसी ही तोड़तोड़ की गई। मिसिसॉगा में 30 जनवरी को भी ऐसी ही घटना हुई। यहां की दानपेटी को भी लूट लिया गया।
दो ही व्यक्ति दे रहे वारदात को अंजाम
रिपोर्ट के मुताबिक, मंदिरों को निशाना बनाए जाने की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, उसमें दो ही व्यक्ति इन घटनाओं में दिख रहे हैं। सभी घटनाएं दो से तीन बजे के बीच हुई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, घटना को अंजाम देने से पहले ये दोनों व्यक्ति मंदिर में समय बिताते हैं। दान पेटी, आभूषणों के बारे में जानकारी इकट्ठा करते हैं।
मंदिरों की बढ़ाई गई सुरक्षा
इस तरह की घटनाएं सामने आने के बाद कनाडा में मंदिरों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने मंदिर के चारों ओर गश्त देना भी शुरू कर दिया है। वहीं पुजारियों का कहना है कि सुबह-सुबह मंदिर में प्रार्थना की तैयारी करते समय डर लगता है। पंडित यदु नाथ शर्मा ने कहा, मैं सभी लाइटें चालू करने और चारों तरफ देखने के बाद ही मंदिर परिसर को खोलता हूं।
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