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MPC Meeting: लता मंगेशकर के निधन को लेकर महाराष्ट्र में अवकाश, आरबीआई ने टाली एमपीसी की बैठक, जानें कब होगी

MPC Meeting: लता मंगेशकर के निधन को लेकर महाराष्ट्र में अवकाश, आरबीआई ने टाली एमपीसी की बैठक, जानें कब होगी

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Mon, 07 Feb 2022 10:30 AM IST

सार

RBI MPC Meeting Postpond: भारतीय रिजर्व बैंक की एमपीसी की बैठक सोमवार 7 फरवरी से लेकर 9 फरवरी 2022 तक होनी थी, लेकिन स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन के बाद महाराष्ट्र में अवकाश घोषित होने के चलतेे इसमें बदलाव करते हुए बैठक को 8 फरवरी से करने का फैसला लिया गया, इसके नतीजे 10 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।
 

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन पर महाराष्ट्र सरकार के 7 फरवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के कारण आज होने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक टाल दी है। गौरतलब है कि सोमवार 7 फरवरी से लेकर 9 फरवरी 2022 तक होनी थी, लेकिन इसमें बदलाव करते हुए आरबीआई की ओर से कहा गया कि अब बैठक 8 फरवरी से होगी और नतीजे 10 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।

बजट के बाद एमपीसी की पहली बैठक
एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक महंगाई संबंधी चिंताओं को लेकर इस द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति को इस बार भी कायम रख सकता है। बता दें कि देश का आम बजट  2022 पेश होने के बाद यह एमपीसी की पहली बैठक होगी। पिछली एमपीसी दिसंबर 2021 में हुई थी, तब केंद्रीय बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को चार फीसदी पर बरकरार रखा था। कोविड-19 के नए स्वरूप ओमीक्रॉन को लेकर अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने के इरादे से केंद्रीय बैंक ने लगातार नौवीं बार नीतिगत दर को रिकॉर्ड निचले स्तर पर कायम रखने का फैसला किया था। 

एमपीसी के सामने ये चुनौतियां
गौरतलब है कि इस बार एमपीसी के सामने महंगाई पर लगाम लगाना, सुस्त आर्थिक वृद्धि को गति देने और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से उपभोक्ता और अर्थव्यवस्था पर पड़ने पर असर से निपटने की चुनौती होगी। बता दें कि खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर, 2021 में बढ़कर 5.59 प्रतिशत पर पहुंच गई थी, यह खुदरा महंगाई का छह माह का शीर्ष स्तर है। यह आरबीआई के लिए निर्धारित ऊपरी सीमा छह प्रतिशत के करीब पहुंच गई है। वहीं कच्चे तेल की कीमत 90 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गई है। कच्चा तेल महंगा होने से पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस समेत कई उत्पादों की कीमतों में तेजी आई है। इसका असर मालभाड़े पर पड़ता है जिससे महंगाई बढ़ती है।

विस्तार

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन पर महाराष्ट्र सरकार के 7 फरवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के कारण आज होने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक टाल दी है। गौरतलब है कि सोमवार 7 फरवरी से लेकर 9 फरवरी 2022 तक होनी थी, लेकिन इसमें बदलाव करते हुए आरबीआई की ओर से कहा गया कि अब बैठक 8 फरवरी से होगी और नतीजे 10 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।

बजट के बाद एमपीसी की पहली बैठक

एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक महंगाई संबंधी चिंताओं को लेकर इस द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति को इस बार भी कायम रख सकता है। बता दें कि देश का आम बजट  2022 पेश होने के बाद यह एमपीसी की पहली बैठक होगी। पिछली एमपीसी दिसंबर 2021 में हुई थी, तब केंद्रीय बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को चार फीसदी पर बरकरार रखा था। कोविड-19 के नए स्वरूप ओमीक्रॉन को लेकर अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने के इरादे से केंद्रीय बैंक ने लगातार नौवीं बार नीतिगत दर को रिकॉर्ड निचले स्तर पर कायम रखने का फैसला किया था। 

एमपीसी के सामने ये चुनौतियां

गौरतलब है कि इस बार एमपीसी के सामने महंगाई पर लगाम लगाना, सुस्त आर्थिक वृद्धि को गति देने और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से उपभोक्ता और अर्थव्यवस्था पर पड़ने पर असर से निपटने की चुनौती होगी। बता दें कि खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर, 2021 में बढ़कर 5.59 प्रतिशत पर पहुंच गई थी, यह खुदरा महंगाई का छह माह का शीर्ष स्तर है। यह आरबीआई के लिए निर्धारित ऊपरी सीमा छह प्रतिशत के करीब पहुंच गई है। वहीं कच्चे तेल की कीमत 90 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गई है। कच्चा तेल महंगा होने से पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस समेत कई उत्पादों की कीमतों में तेजी आई है। इसका असर मालभाड़े पर पड़ता है जिससे महंगाई बढ़ती है।

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