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Year Ender: साल 2021 में शेयर बाजार का शानदार प्रदर्शन, निवेशकों की संपत्ति में 72 लाख करोड़ रुपये का इजाफा

Year Ender: साल 2021 में शेयर बाजार का शानदार प्रदर्शन, निवेशकों की संपत्ति में 72 लाख करोड़ रुपये का इजाफा

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Mon, 27 Dec 2021 10:47 AM IST

सार

Indian Share Market Made Investors Richer: साल 2021 शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए ये साल बेहतर साबित हुआ है। कोरोना के प्रकोप के बीच निवेशकों की संपत्ति में 72 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। इस साल सेंसेक्स दुनिया के बड़े बाजारों में सबसे महंगा भी है जिसका मूल्य एवं आय अनुपात 27.11 है।
 

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साल 2021 जाने वाला है और दुनिया नए साल 2022 के स्वागत की तैयारियों में जुट गई है। भारतीय शेयर बाजार में भी नए साल के आगमन के साथ निवेशक नई उम्मीदें लगाने लगे हैं। 2021 की  बात करें तो शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए ये साल बेहतर साबित हुआ है। कोरोना के प्रकोप के बीच निवेशकों की संपत्ति में 72 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। 

बाजार ने इस साल तोड़ पुराने रिकॉर्ड
इस संबंध में जारी रिपोर्ट के मुताबिक, शेयर बाजार की शानदार चाल ने भारत के शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों को 72 लाख करोड़ रुपये का शानदार रिटर्न दिया है। इस साल शेयर बाजार में सूचीबद्ध शेयरों का कुल मूल्यांकन 72 लाख करोड़ रुपये बढ़कर लगभग 260 लाख करोड़ रुपये तक चला गया है। कोविड-19 महामारी से जुड़े जोखिमों के बीच भारतीय शेयर बाजार ने वर्ष 2021 में शानदार प्रतिफल देते हुए अपने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इसमें वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी भारी नकदी के साथ ही मददगार घरेलू नीतियों और दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का भी बड़ा योगदान रहा। 

बीएसई के सेंसेक्स ने बनाया नया कीर्तिमान 
व्यापक अर्थव्यवस्था पुनरुद्धार और गिरावट के बीच फंसी थी लेकिन शेयर बाजार के सूचकांक सिर्फ ऊपर की ओर चढ़ते रहे। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सेंसेक्स ने इस साल पहली बार 50,000 अंक को पार कर इतिहास बनाया और अगले सात महीनों के भीतर 60,000 के स्तर को भी पार कर गया। सूचकांक 18 अक्तूबर को अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 61,765.59 पर बंद हुआ था। हालांकि, सेंसेक्स ने इस साल कई बड़ी गिरावटों का सामना भी किया है। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे की आशंका के चलते सेंसेक्स में गिरावट आई है। 

सबसे महंगा बाजार बनकर उभरा 
सेंसेक्स दुनिया के बड़े बाजारों में सबसे महंगा भी है जिसका मूल्य एवं आय अनुपात 27.11 है। इसका मतलब है कि निवेशक सेंसेक्स की कंपनियों को भविष्य की कमाई के प्रत्येक रुपये के लिए 27.11 रुपये का भुगतान कर रहे हैं, जबकि पिछले 20 साल का औसत 19.80 है। वैसे भारतीय बाजार इस तरह का उत्साह देखने वाला अकेला बाजार नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत और अर्थव्यवस्था के तेजी से पुनरुद्धार के साथ आशावाद की लहर पर इस साल की शुरुआत हुई। हालांकि बाद में दूसरी लहर की तीव्रता, मुद्रास्फीति और आपूर्ति श्रृंखला में बाधा जैसी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा। 

विस्तार

साल 2021 जाने वाला है और दुनिया नए साल 2022 के स्वागत की तैयारियों में जुट गई है। भारतीय शेयर बाजार में भी नए साल के आगमन के साथ निवेशक नई उम्मीदें लगाने लगे हैं। 2021 की  बात करें तो शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए ये साल बेहतर साबित हुआ है। कोरोना के प्रकोप के बीच निवेशकों की संपत्ति में 72 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। 

बाजार ने इस साल तोड़ पुराने रिकॉर्ड

इस संबंध में जारी रिपोर्ट के मुताबिक, शेयर बाजार की शानदार चाल ने भारत के शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों को 72 लाख करोड़ रुपये का शानदार रिटर्न दिया है। इस साल शेयर बाजार में सूचीबद्ध शेयरों का कुल मूल्यांकन 72 लाख करोड़ रुपये बढ़कर लगभग 260 लाख करोड़ रुपये तक चला गया है। कोविड-19 महामारी से जुड़े जोखिमों के बीच भारतीय शेयर बाजार ने वर्ष 2021 में शानदार प्रतिफल देते हुए अपने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इसमें वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी भारी नकदी के साथ ही मददगार घरेलू नीतियों और दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का भी बड़ा योगदान रहा। 

बीएसई के सेंसेक्स ने बनाया नया कीर्तिमान 

व्यापक अर्थव्यवस्था पुनरुद्धार और गिरावट के बीच फंसी थी लेकिन शेयर बाजार के सूचकांक सिर्फ ऊपर की ओर चढ़ते रहे। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सेंसेक्स ने इस साल पहली बार 50,000 अंक को पार कर इतिहास बनाया और अगले सात महीनों के भीतर 60,000 के स्तर को भी पार कर गया। सूचकांक 18 अक्तूबर को अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 61,765.59 पर बंद हुआ था। हालांकि, सेंसेक्स ने इस साल कई बड़ी गिरावटों का सामना भी किया है। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे की आशंका के चलते सेंसेक्स में गिरावट आई है। 

सबसे महंगा बाजार बनकर उभरा 

सेंसेक्स दुनिया के बड़े बाजारों में सबसे महंगा भी है जिसका मूल्य एवं आय अनुपात 27.11 है। इसका मतलब है कि निवेशक सेंसेक्स की कंपनियों को भविष्य की कमाई के प्रत्येक रुपये के लिए 27.11 रुपये का भुगतान कर रहे हैं, जबकि पिछले 20 साल का औसत 19.80 है। वैसे भारतीय बाजार इस तरह का उत्साह देखने वाला अकेला बाजार नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत और अर्थव्यवस्था के तेजी से पुनरुद्धार के साथ आशावाद की लहर पर इस साल की शुरुआत हुई। हालांकि बाद में दूसरी लहर की तीव्रता, मुद्रास्फीति और आपूर्ति श्रृंखला में बाधा जैसी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा। 

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