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म्यांमार : काया प्रांत में 30 से ज्यादा लोगों को सेना ने मारा, जले शव बरामद

एजेंसी, प्रुसो टाउन (म्यांमार)।
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 26 Dec 2021 01:32 AM IST

सार

करेनी मानवाधिकार समूह ने अपनी फेसबुक पोस्ट में बताया कि मारे गए 30 से ज्यादा लोगों में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। उसने म्यांमार सेना द्वारा किए गए इस अमानवीय और नृशंस हत्याकांड की सख्त निंदा की है।

म्यांमार की सेना (फाइल फोटो)
– फोटो : पीटीआई

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देश में संघर्ष से जूझ रहे काया प्रांत में महिलाओं और बच्चों समेत 30 से ज्यादा लोग शुक्रवार को मारे गए और उनके शव जला दिए गए। यह जानकारी स्थानीय निवासियों, मानवाधिकार समूह और मीडिया रिपोर्टों से मिली है। करेनी मानवाधिकार समूह ने कहा कि उन्हें आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के जले हुए शव मिले हैं जो प्रुसो शहर के पास एक गांव में सेना द्वारा मारे गए हैं।

समूह ने अपनी फेसबुक पोस्ट में बताया कि मारे गए 30 से ज्यादा लोगों में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। उसने म्यांमार सेना द्वारा किए गए इस अमानवीय और नृशंस हत्याकांड की सख्त निंदा की है। जबकि देश के सरकारी मीडिया ने म्यांमार की सेना के हवाले से बताया कि सेना का इस गांव में विरोधी सशस्त्र बलों से संघर्ष हुआ।

इस दौरान हथियारों के साथ आए आतंकवादियों को सेना ने गोली मार दी। ये लोग सात वाहनों में सवार थे और सेना के रोकने पर भी नहीं रुके थे। टिप्पणी के लिए म्यांमार की सेना से संपर्क नहीं हो पाया है। मानवाधिकार समूह और स्थानीय मीडिया द्वारा साझा की गई तस्वीरों में जले हुए ट्रकों पर शवों के जले हुए अवशेष दिखाई दे रहे हैं। समूह के कमांडर ने बताया कि हम यह जानकर बेहद हैरान थे कि सभी शव अलग-अलग आकार के थे जिनमें बच्चे, महिलाएं और बूढ़े शामिल थे।

महिलाओं बच्चों के कपड़े बिखरे पड़े थे : स्थानीय ग्रामीण
सुरक्षा कारणों से नाम उजागर न करने की शर्त पर एक ग्रामीण ने बताया कि उन्हें शुक्रवार की रात आग लगने की जानकारी मिली थी। इस बीच गोलीबारी के कारण वे घटनास्थल की तरफ नहीं जा सके। शनिवार की सुबह जब ग्रामीण वहां गया तो उसने बच्चों और महिलाओं के जले हुए शव देखे, जिनके कपड़े पास ही बिखरे हुए पड़े थे।

विस्तार

देश में संघर्ष से जूझ रहे काया प्रांत में महिलाओं और बच्चों समेत 30 से ज्यादा लोग शुक्रवार को मारे गए और उनके शव जला दिए गए। यह जानकारी स्थानीय निवासियों, मानवाधिकार समूह और मीडिया रिपोर्टों से मिली है। करेनी मानवाधिकार समूह ने कहा कि उन्हें आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के जले हुए शव मिले हैं जो प्रुसो शहर के पास एक गांव में सेना द्वारा मारे गए हैं।

समूह ने अपनी फेसबुक पोस्ट में बताया कि मारे गए 30 से ज्यादा लोगों में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। उसने म्यांमार सेना द्वारा किए गए इस अमानवीय और नृशंस हत्याकांड की सख्त निंदा की है। जबकि देश के सरकारी मीडिया ने म्यांमार की सेना के हवाले से बताया कि सेना का इस गांव में विरोधी सशस्त्र बलों से संघर्ष हुआ।

इस दौरान हथियारों के साथ आए आतंकवादियों को सेना ने गोली मार दी। ये लोग सात वाहनों में सवार थे और सेना के रोकने पर भी नहीं रुके थे। टिप्पणी के लिए म्यांमार की सेना से संपर्क नहीं हो पाया है। मानवाधिकार समूह और स्थानीय मीडिया द्वारा साझा की गई तस्वीरों में जले हुए ट्रकों पर शवों के जले हुए अवशेष दिखाई दे रहे हैं। समूह के कमांडर ने बताया कि हम यह जानकर बेहद हैरान थे कि सभी शव अलग-अलग आकार के थे जिनमें बच्चे, महिलाएं और बूढ़े शामिल थे।

महिलाओं बच्चों के कपड़े बिखरे पड़े थे : स्थानीय ग्रामीण

सुरक्षा कारणों से नाम उजागर न करने की शर्त पर एक ग्रामीण ने बताया कि उन्हें शुक्रवार की रात आग लगने की जानकारी मिली थी। इस बीच गोलीबारी के कारण वे घटनास्थल की तरफ नहीं जा सके। शनिवार की सुबह जब ग्रामीण वहां गया तो उसने बच्चों और महिलाओं के जले हुए शव देखे, जिनके कपड़े पास ही बिखरे हुए पड़े थे।

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