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World Inequality Report 2022: भारत दुनिया में सबसे असमान देशों में शामिल, जानें किस वजह से रिपोर्ट में किया गया दावा

World Inequality Report 2022: भारत दुनिया में सबसे असमान देशों में शामिल, जानें किस वजह से रिपोर्ट में किया गया दावा

बिजनेस डैस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Tue, 07 Dec 2021 05:42 PM IST

सार

World Inequality Report 2022 : ‘विश्व असमानता रिपोर्ट 2022’ के मुताबिक, भारत के शीर्ष 10 फीसदी अमीर लोगों की आय भारत की कुल आय का 57 फीसदी है, जबकि शीर्ष 1 फीसदी अमीर देश की कुल कमाई में 22 फीसदी हिस्सा रखते हैं। इसके विपरीत नीचे के 50 फीसदी लोगों की कुल आय का योगदान घटकर महज 13 फीसदी पर रह गया है। 

विश्व असमानता रिपोर्ट
– फोटो : अमर उजाला

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‘विश्व असमानता रिपोर्ट 2022’ के अनुसार, भारत दुनिया के सबसे असमान देशों में से एक है, जहां एक ओर गरीबी बढ़ रही है तो दूसरी ओर एक समृद्ध अभिजात वर्ग और ऊपर हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के शीर्ष 10 फीसदी अमीर लोगों की आय भारत की कुल आय का 57 फीसदी है, जबकि शीर्ष 1 फीसदी अमीर देश की कुल कमाई में 22 फीसदी हिस्सा रखते हैं। इसके विपरीत नीचे के 50 फीसदी लोगों की कुल आय का योगदान घटकर महज 13 फीसदी पर रह गया है। 

रिपोर्ट में आंकड़े पेश करते हुए बताया गया कि देश के वयस्क आबादी की औसत राष्ट्रीय आय 2 लाख 4 हजार 200 रुपए सालाना है। इनमें से नीचे के 50 फीसदी लोग 53,610 रुपए कमाते हैं, जबकि शीर्ष 10 फीसदी वयस्क औसतन 11,66,520 रुपये कमाते हैं। यह आंकड़ा नीचे के 50 फीसदी वयस्कों की राष्ट्रीय आय से करीब 20 गुना अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में औसत घरेलू संपत्ति लगभग 9,83,010 रुपये है। इस रिपोर्ट को लुकास चांसल द्वारा लिखा गया और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी, इमैनुएल सैज और गेब्रियल ज़ुकमैन द्वारा समन्वयित किया गया है। 

विस्तार

‘विश्व असमानता रिपोर्ट 2022’ के अनुसार, भारत दुनिया के सबसे असमान देशों में से एक है, जहां एक ओर गरीबी बढ़ रही है तो दूसरी ओर एक समृद्ध अभिजात वर्ग और ऊपर हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के शीर्ष 10 फीसदी अमीर लोगों की आय भारत की कुल आय का 57 फीसदी है, जबकि शीर्ष 1 फीसदी अमीर देश की कुल कमाई में 22 फीसदी हिस्सा रखते हैं। इसके विपरीत नीचे के 50 फीसदी लोगों की कुल आय का योगदान घटकर महज 13 फीसदी पर रह गया है। 

रिपोर्ट में आंकड़े पेश करते हुए बताया गया कि देश के वयस्क आबादी की औसत राष्ट्रीय आय 2 लाख 4 हजार 200 रुपए सालाना है। इनमें से नीचे के 50 फीसदी लोग 53,610 रुपए कमाते हैं, जबकि शीर्ष 10 फीसदी वयस्क औसतन 11,66,520 रुपये कमाते हैं। यह आंकड़ा नीचे के 50 फीसदी वयस्कों की राष्ट्रीय आय से करीब 20 गुना अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में औसत घरेलू संपत्ति लगभग 9,83,010 रुपये है। इस रिपोर्ट को लुकास चांसल द्वारा लिखा गया और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी, इमैनुएल सैज और गेब्रियल ज़ुकमैन द्वारा समन्वयित किया गया है। 

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