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दक्षिण अफ्रीका: भारतीय मूल के रंगभेद विरोधी इब्राहिम इस्माइल का निधन, नेल्सन मंडेला के साथ गए थे जेल

वर्ल्ड डेस्क, अमर अजाला, जोहान्सबर्ग
Published by: सुभाष कुमार
Updated Tue, 07 Dec 2021 06:13 AM IST

सार

इब्राहिम मात्र 13 वर्ष की उम्र में ही आंदोलन में शामिल हो गए थे और वह रोबेन द्वीप पर नेल्सन मंडेला के साथ राजनीतिक कैदी के तौर पर रहे थे। वह महात्मा गांधी के सत्याग्रह के तरीके से काफी प्रभावित थे।

इब्राहिम ने रोबेन द्वीप पर नेल्सन मंडेला के साथ सालों कैद में गुजारे थे।
– फोटो : Al zazeera english

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भारतीय मूल के रंगभेद विरोधी सामाजिक कार्यकर्ता इब्राहिम इस्माइल इब्राहिम का 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। इब्राहिम ने रोबेन द्वीप पर नेल्सन मंडेला और अहमद कथ्रादा के साथ सालों कैद में गुजारे थे। दक्षिण अफ्रीका की सत्ताधारी पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) ने उनकी मौत की पुष्टि की। पार्टी ने बताया कि लंबे समय से बिमार रहने के बाद इब्राहिम की उनके घर पर मौत हुई। 

एएनसी ने उनकी मौत पर शोक प्रकट किया है। पार्टी ने कहा कि कॉमरेड इबी (इस्माइल का प्रचलित नाम) एएनसी के लंबे समय से सदस्य थे। उन्होंने देश की हर स्तर पर सेवा की थी। इब्राहिम मात्र 13 वर्ष की उम्र में ही आंदोलन में शामिल हो गए थे और वह रोबेन द्वीप पर नेल्सन मंडेला के साथ राजनीतिक कैदी के तौर पर रहे थे। वह महात्मा गांधी के सत्याग्रह के तरीके से काफी प्रभावित थे। इब्राहिम को साल 1963 में गिरफ्तार कर के रोबेन द्वीप पर रखा गया, जहां उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ समय बिताया था। उन्होंने रोबेन द्वीप पर समय बिताते हुए ही दो यूनिवर्सिटी डिग्री ली थी।  

कैद से आजाद होने के बाद इब्राहिम निर्वासन में चले गए थे। यहां उन्होंने अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) के लिए कार्य जारी रखा। हालांकि, रंग भेद जमाने के पुलिस द्वारा उन्हे गिरफ्तार कर के एक बार फिर से रोबेन द्वीप पर कैद कर दिया गया था। सभी राजनीतिक कैदियों के रिहा होने के बाद जब नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति बने तो इब्राहिम ने विदेश मामलों के उप मंत्री और संसदीय परामर्शदाता के पद को संभाला था। 

विस्तार

भारतीय मूल के रंगभेद विरोधी सामाजिक कार्यकर्ता इब्राहिम इस्माइल इब्राहिम का 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। इब्राहिम ने रोबेन द्वीप पर नेल्सन मंडेला और अहमद कथ्रादा के साथ सालों कैद में गुजारे थे। दक्षिण अफ्रीका की सत्ताधारी पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) ने उनकी मौत की पुष्टि की। पार्टी ने बताया कि लंबे समय से बिमार रहने के बाद इब्राहिम की उनके घर पर मौत हुई। 

एएनसी ने उनकी मौत पर शोक प्रकट किया है। पार्टी ने कहा कि कॉमरेड इबी (इस्माइल का प्रचलित नाम) एएनसी के लंबे समय से सदस्य थे। उन्होंने देश की हर स्तर पर सेवा की थी। इब्राहिम मात्र 13 वर्ष की उम्र में ही आंदोलन में शामिल हो गए थे और वह रोबेन द्वीप पर नेल्सन मंडेला के साथ राजनीतिक कैदी के तौर पर रहे थे। वह महात्मा गांधी के सत्याग्रह के तरीके से काफी प्रभावित थे। इब्राहिम को साल 1963 में गिरफ्तार कर के रोबेन द्वीप पर रखा गया, जहां उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ समय बिताया था। उन्होंने रोबेन द्वीप पर समय बिताते हुए ही दो यूनिवर्सिटी डिग्री ली थी।  

कैद से आजाद होने के बाद इब्राहिम निर्वासन में चले गए थे। यहां उन्होंने अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) के लिए कार्य जारी रखा। हालांकि, रंग भेद जमाने के पुलिस द्वारा उन्हे गिरफ्तार कर के एक बार फिर से रोबेन द्वीप पर कैद कर दिया गया था। सभी राजनीतिक कैदियों के रिहा होने के बाद जब नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति बने तो इब्राहिम ने विदेश मामलों के उप मंत्री और संसदीय परामर्शदाता के पद को संभाला था। 

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