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Ukraine Russia War: नाटो महासचिव बोले, यूक्रेन पर जैविक हमला कर सकता है रूस, उपलब्ध कराएंगे जरूरी हथियार

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ब्रसेल्स
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Thu, 24 Mar 2022 08:50 PM IST

सार

रूस-यूक्रेन संघर्ष पर नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) की आपात बैठक के बाद नाटो महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने अपने भविष्य और आजादी के लिए असाधारण बहादुरी और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करने के लिए यूक्रेनी नागरिकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि नाटो रूस पर अभूतपूर्व प्रतिबंध लगाना जारी रखेगा।

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रूस और यूक्रेन के बीच लगभग एक महीने से चल रहे युद्ध को लेकर गुरुवार को नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) ने एक आपातकालीन बैठक की। बैठक के बाद नाटो महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि हम इसलिए चिंतित हैं क्योंकि रूस यह बहाना बनाकर कि नाटो बायोलॉजिकल हमले की तैयारी कर रहा है, वह यूक्रेन पर ऐसा हमला कर सकता है। 

स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो यह विवाद की प्रकृति को बदल देगा। इसका असर केवल यूक्रेन पर ही नहीं बल्कि नाटो देशों पर भी पड़ेगा। नाटो के सदस्य देश ऐसे हमलों का सामना करने के लिए यूक्रेन को जरूरी हथियारों की आपूर्ति करने पर सहमत हुए हैं। हमने अपने केमिकल, बायोलॉजिकल और न्यूक्लियर रक्षा तत्वों को सक्रिय कर दिया है।

नाटो महासचिव ने इस दौरान चीन को भी संदेश दिया। उन्होंने कहा कि चीन के लिए हमारा संदेश यह है कि उसे बाकी दुनिया के साथ शामिल होना चाहिए और इस अकारण व गैरकानूनी युद्ध के लिए रूस की निंदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन को न तो आर्थिक रूप से और न ही सैन्य रूप से रूस को किसी तरह की कोई मदद उपलब्ध करानी चाहिए।

जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि यूक्रेन संकट को समाप्त करने के लिए चीन को रूस पर अपने उल्लेखनीय प्रभाव का उपयोग करना चाहिए न कि इस अमानवीय कृत्य में रूस का साथ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन को रूस के युद्ध प्रयासों का समर्थन करने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन रूसी हमले के लिए आर्थिक या सैन्य मदद न उपलब्ध कराए। 

विस्तार

रूस और यूक्रेन के बीच लगभग एक महीने से चल रहे युद्ध को लेकर गुरुवार को नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) ने एक आपातकालीन बैठक की। बैठक के बाद नाटो महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि हम इसलिए चिंतित हैं क्योंकि रूस यह बहाना बनाकर कि नाटो बायोलॉजिकल हमले की तैयारी कर रहा है, वह यूक्रेन पर ऐसा हमला कर सकता है। 

स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो यह विवाद की प्रकृति को बदल देगा। इसका असर केवल यूक्रेन पर ही नहीं बल्कि नाटो देशों पर भी पड़ेगा। नाटो के सदस्य देश ऐसे हमलों का सामना करने के लिए यूक्रेन को जरूरी हथियारों की आपूर्ति करने पर सहमत हुए हैं। हमने अपने केमिकल, बायोलॉजिकल और न्यूक्लियर रक्षा तत्वों को सक्रिय कर दिया है।

नाटो महासचिव ने इस दौरान चीन को भी संदेश दिया। उन्होंने कहा कि चीन के लिए हमारा संदेश यह है कि उसे बाकी दुनिया के साथ शामिल होना चाहिए और इस अकारण व गैरकानूनी युद्ध के लिए रूस की निंदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन को न तो आर्थिक रूप से और न ही सैन्य रूप से रूस को किसी तरह की कोई मदद उपलब्ध करानी चाहिए।

जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि यूक्रेन संकट को समाप्त करने के लिए चीन को रूस पर अपने उल्लेखनीय प्रभाव का उपयोग करना चाहिए न कि इस अमानवीय कृत्य में रूस का साथ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन को रूस के युद्ध प्रयासों का समर्थन करने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन रूसी हमले के लिए आर्थिक या सैन्य मदद न उपलब्ध कराए। 

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