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दुखद: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आरसी लाहोटी का निधन, दिल्ली के अपोलो अस्पताल में ली अंतिम सांस

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 24 Mar 2022 02:01 AM IST

सार

भारत के पूर्व सीजेआई रमेश चन्द्र लाहोटी का बुधवार को 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह एक जून 2004 को भारत के 35वें सीजेआई बने थे और एक नवंबर 2005 तक इस पद पर रहे।

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भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रमेश चंद्र लाहोटी का बुधवार शाम दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। न्यायमूर्ति लाहोटी 81 वर्ष के थे। जस्टिस लाहोटी को एक जून 2004 को भारत के 35वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त किया गया था। वह एक नवंबर 2005 को सेवानिवृत्त हुए थे।

लाहोटी का जन्म एक नवंबर 1940 को हुआ था। वह मध्यप्रदेश के गुना के रहने वाले थे। उन्हें अप्रैल 1977 में बार से राज्य उच्च न्यायिक सेवा में सीधे भर्ती करते हुए जिला और सत्र न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।

एक वर्ष तक पद पर रहने के बाद, न्यायमूर्ति लाहोटी ने मई 1978 में इस्तीफा दे दिया था और मुख्य रूप से उच्च न्यायालय में वकालत करने के लिए बार में लौट आए थे। उन्हें तीन मई 1988 को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और अगले वर्ष चार अगस्त को स्थायी न्यायाधीश बना दिया गया।

जस्टिस लाहोटी को सात फरवरी, 1994 को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया और बाद में नौ दिसंबर, 1998 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।

लाहोटी के निधन पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त किया
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रमेश चंद्र लाहोटी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। चौहान ने अपने शोक संदेश में कहा कि लाहोटी का निधन देश और प्रदेश की अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि वह मध्यप्रदेश के गौरव थे। 

मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपने शोक संदेश में कहा कि लाहोटी ने न्याय व्यवस्था में उच्च आदर्शों को स्थापित किया।

मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के गुना जिले से जुड़े लाहोटी न्यायपालिका क्षेत्र के एक मजबूत स्तंभ थे।

विस्तार

भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रमेश चंद्र लाहोटी का बुधवार शाम दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। न्यायमूर्ति लाहोटी 81 वर्ष के थे। जस्टिस लाहोटी को एक जून 2004 को भारत के 35वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त किया गया था। वह एक नवंबर 2005 को सेवानिवृत्त हुए थे।

लाहोटी का जन्म एक नवंबर 1940 को हुआ था। वह मध्यप्रदेश के गुना के रहने वाले थे। उन्हें अप्रैल 1977 में बार से राज्य उच्च न्यायिक सेवा में सीधे भर्ती करते हुए जिला और सत्र न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।

एक वर्ष तक पद पर रहने के बाद, न्यायमूर्ति लाहोटी ने मई 1978 में इस्तीफा दे दिया था और मुख्य रूप से उच्च न्यायालय में वकालत करने के लिए बार में लौट आए थे। उन्हें तीन मई 1988 को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और अगले वर्ष चार अगस्त को स्थायी न्यायाधीश बना दिया गया।

जस्टिस लाहोटी को सात फरवरी, 1994 को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया और बाद में नौ दिसंबर, 1998 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।

लाहोटी के निधन पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त किया

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रमेश चंद्र लाहोटी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। चौहान ने अपने शोक संदेश में कहा कि लाहोटी का निधन देश और प्रदेश की अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि वह मध्यप्रदेश के गौरव थे। 

मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपने शोक संदेश में कहा कि लाहोटी ने न्याय व्यवस्था में उच्च आदर्शों को स्थापित किया।

मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के गुना जिले से जुड़े लाहोटी न्यायपालिका क्षेत्र के एक मजबूत स्तंभ थे।

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