वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कीव
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Wed, 09 Mar 2022 09:35 AM IST
सार
ओलेना ने अपने खुले पत्र को ‘यूक्रेन से गवाही’ (testimony from Ukraine) नाम दिया है। इसमें प्रथम महिला ने कहा, ‘यूक्रेन के लोग कभी हार नहीं मानेंगे, हथियार नहीं डालेंगे।’
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विस्तार
ओलेना ने अपने खुले पत्र को ‘यूक्रेन से गवाही’ (testimony from Ukraine) नाम दिया है। इसमें प्रथम महिला ने कहा, ‘यूक्रेन के लोग कभी हार नहीं मानेंगे, हथियार नहीं डालेंगे।’ ओलेना ने कहा कि उनके देश के साथ जो हुआ है, उस पर यकीन करना असंभव है। खुले पत्र का शीर्षक है ‘आई टेस्टीफाय’ यानी ‘मैं गवाही दे रही हूं।’ यह पत्र दुनियाभर के मीडिया को लिखा गया है। इसे मैसेजिंग सर्विस टेलीग्राम पर जारी किया गया है।
पत्र में ओलेना ने लिखा कि क्रेमलिन स्थित प्रोपेगेंडा संस्थान, जो इसे ‘विशेष अभियान’ करार दे रहे हैं, के आश्वासन के बावजूद यूक्रेन के नागरिकों का नरसंहार किया गया।’ इसके साथ ही यूक्रेन की प्रथम महिला ने यह भी लिखा कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के लोगों को कमतर आंका है, हमारे नागरिक बेमिसाल एकता प्रदर्शित कर रहे हैं।
जंग में बच्चों की मौत की निंदा करते हुए ओलेना ने उन कुछ लोगों के नाम लिखे जो जो मर चुके हैं। उन्होंने लिखा कि कई दर्जन बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने अपने जीवन में कभी शांति नहीं देखी। राष्ट्रपति जेलेंस्की की पत्नी फिलहाल कहां है, यह अभी पता नहीं चल सका है। पिछले सप्ताहांत उन्होंने कहा था कि उनका परिवार अब भी यूक्रेन में है।
ओलेना ने यह भी बताया कि वह यह पत्र क्यों लिख रही हैं। वह दुनिया भर के मीडिया के अनुरोधों से अभिभूत हैं। ‘यूक्रेन से गवाही’ मीडिया के सवालों का जवाब है। ओलेना ने लिखा कि रूस के आक्रमण का सबसे भयानक और विनाशकारी अंजाम बच्चों की मौत है। आठ वर्षीय एलिस ओख्तिरका की सड़क पर उसके दादा के सामने मौत हो गई। इसी तरह कीव की पोलीना बमबारी में अपने माता-पिता के साथ मारी गई। 14 साल के आर्सेनी के सिर पर मलबा गिरा। उसे बचाया नहीं जा सका, क्योंकि इलाके में भयंकर आग लगी होने से एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच सकी।
ओलेना ने लिखा कि रूस कहता है कि वह नागरिकों के खिलाफ जंग नहीं कर रहा है, तो मैंने ये उन कुछ बच्चों के नाम गिनाए हैं, जिनकी हत्या हुई है।
