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राहत: आरबीआई ने निर्यातकों को दिया बड़ा तोहफा, ब्याज सब्सिडी स्कीम को मार्च 2024 तक बढ़ाया

राहत: आरबीआई ने निर्यातकों को दिया बड़ा तोहफा, ब्याज सब्सिडी स्कीम को मार्च 2024 तक बढ़ाया

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Wed, 09 Mar 2022 10:39 AM IST

सार

RBI Extended Bank Interest Subsidy Scheme: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को आउटबाउंड शिपमेंट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एमएसएमई निर्यातकों के लिए प्री और पोस्ट शिपमेंट रुपये क्रेडिट के लिए इंटरेस्ट इक्विलाइजेशन स्कीम को मार्च 2024 तक बढ़ा दिया।

 

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को निर्यातकों के बड़ा तोहफा दिया। केंद्रीय बैंक ने आउटबाउंड शिपमेंट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एमएसएमई निर्यातकों के लिए प्री और पोस्ट शिपमेंट रुपये क्रेडिट के लिए इंटरेस्ट इक्विलाइजेशन स्कीम को मार्च 2024 तक बढ़ा दिया। बता दें कि निर्यातकों को इसके तहत सब्सिडी प्राप्त होती है। इससे पहले बीते साल अप्रैल 2021 में इस योजना को जून के अंत तक और सितंबर 2021 तक दो बार बढ़ाया गया था।

रिजर्व बैंक की अधिसूचना के मुताबिक,सरकार ने रुपया मूल्य में निर्यात से पहले और बाद के लोन पर ब्याज समानीकरण योजना को 31 मार्च, 2024 तक या अगली समीक्षा तक, जो भी पहले हो बढ़ाने का फैसला किया है। यह विस्तार 1 अक्तूबर, 2021 से प्रभावी होता है और 31 मार्च, 2024 को समाप्त होता है। आरबीआई ने कहा कि एमएसएमई निर्माता निर्यातकों की निर्दिष्ट श्रेणियों के लिए योजना के तहत इंटरेस्ट इक्विलाइजेशन दरों को संशोधित कर 2 प्रतिशत और 3 प्रतिशत कर दिया गया है। गौरतलब है कि इस योजना का प्रमुख उद्देश्य निर्यात को प्रोत्साहन देना है। निर्यातकों को ब्याज समानीकरण योजना के तहत सब्सिडी दी जाती है। बता दें कि फरवरी 2022 में भारत का व्यापारिक निर्यात 33.81 अरब डॉलर था, जो 2021 के इसी महीने में 27.63 अरब डॉलर से 22.36 प्रतिशत अधिक था।

विस्तार

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को निर्यातकों के बड़ा तोहफा दिया। केंद्रीय बैंक ने आउटबाउंड शिपमेंट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एमएसएमई निर्यातकों के लिए प्री और पोस्ट शिपमेंट रुपये क्रेडिट के लिए इंटरेस्ट इक्विलाइजेशन स्कीम को मार्च 2024 तक बढ़ा दिया। बता दें कि निर्यातकों को इसके तहत सब्सिडी प्राप्त होती है। इससे पहले बीते साल अप्रैल 2021 में इस योजना को जून के अंत तक और सितंबर 2021 तक दो बार बढ़ाया गया था।

रिजर्व बैंक की अधिसूचना के मुताबिक,सरकार ने रुपया मूल्य में निर्यात से पहले और बाद के लोन पर ब्याज समानीकरण योजना को 31 मार्च, 2024 तक या अगली समीक्षा तक, जो भी पहले हो बढ़ाने का फैसला किया है। यह विस्तार 1 अक्तूबर, 2021 से प्रभावी होता है और 31 मार्च, 2024 को समाप्त होता है। आरबीआई ने कहा कि एमएसएमई निर्माता निर्यातकों की निर्दिष्ट श्रेणियों के लिए योजना के तहत इंटरेस्ट इक्विलाइजेशन दरों को संशोधित कर 2 प्रतिशत और 3 प्रतिशत कर दिया गया है। गौरतलब है कि इस योजना का प्रमुख उद्देश्य निर्यात को प्रोत्साहन देना है। निर्यातकों को ब्याज समानीकरण योजना के तहत सब्सिडी दी जाती है। बता दें कि फरवरी 2022 में भारत का व्यापारिक निर्यात 33.81 अरब डॉलर था, जो 2021 के इसी महीने में 27.63 अरब डॉलर से 22.36 प्रतिशत अधिक था।

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