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आंध्र प्रदेश: विधानसभा में मर्यादा तार-तार, टीडीपी विधायकों ने राज्यपाल के भाषण की प्रतियां फाड़ीं

एजेंसी, अमरावती।
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 08 Mar 2022 02:26 AM IST

सार

टीडीपी विधायकों का आरोप था कि राज्यपाल सांविधानिक संस्थाओं को संरक्षण देने में विफल रहे। इसलिए उन्हें विधानसभा छोड़कर लौट जाना चाहिए। हालांकि राज्यपाल ने अपना भाषण जारी रखा तो टीडीपी विधायकों ने कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए वॉकआउट कर दिया।

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विधानसभा के उद्घाटन सत्र में राज्यपाल के संबोधन के विरोध का सिलसिला आंध्र प्रदेश में भी जारी रहा। सोमवार को सदन के संयुक्त सत्र के दौरान तेलुगु देशम पार्टी के विधायकों ने न सिर्फ राज्यपाल के संबोधन के दौरान बाधा डाली बल्कि वेल में जाकर भाषण की प्रतियां भी फाड़ीं। राज्यपाल वापस जाओ के नारों के बीच राज्यपाल बिश्व भूषण हरिचंदन ने अपना स्वागत भाषण पूरा किया। 

टीडीपी विधायकों का आरोप था कि राज्यपाल सांविधानिक संस्थाओं को संरक्षण देने में विफल रहे। इसलिए उन्हें विधानसभा छोड़कर लौट जाना चाहिए। हालांकि राज्यपाल ने अपना भाषण जारी रखा तो टीडीपी विधायकों ने कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए वॉकआउट कर दिया। हालांकि बाद में कांग्रेस विधायकों ने लॉबी में जमा होने की कोशिश भी की लेकिन मार्शलों ने उन्हें रोक दिया, इस पर विवाद भी हुआ।

विधायक लॉबी में ही धरने पर बैठ गए और राज्यपाल के विरोध में नारेबाजी करते रहे। राज्यपाल का करीब एक घंटे चला संबोधन समाप्त होने के बाद उन्हें मार्शलों की निगरानी में सदन से बाहर सुरक्षित राजभवन तक पहुंचाया गया। 

महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात में भी हो चुका हंगामा 
इसके पहले महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात में भी राज्यपाल के संबोधन के बीच हंगामा हुआ था। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने इस रवैये पर आपत्ति जताते हुए इसे लोकतंत्र के लिए खतरा भी बताया था। उन्होंने इस प्रथा को खत्म करने की अपील भी की थी।

विस्तार

विधानसभा के उद्घाटन सत्र में राज्यपाल के संबोधन के विरोध का सिलसिला आंध्र प्रदेश में भी जारी रहा। सोमवार को सदन के संयुक्त सत्र के दौरान तेलुगु देशम पार्टी के विधायकों ने न सिर्फ राज्यपाल के संबोधन के दौरान बाधा डाली बल्कि वेल में जाकर भाषण की प्रतियां भी फाड़ीं। राज्यपाल वापस जाओ के नारों के बीच राज्यपाल बिश्व भूषण हरिचंदन ने अपना स्वागत भाषण पूरा किया। 

टीडीपी विधायकों का आरोप था कि राज्यपाल सांविधानिक संस्थाओं को संरक्षण देने में विफल रहे। इसलिए उन्हें विधानसभा छोड़कर लौट जाना चाहिए। हालांकि राज्यपाल ने अपना भाषण जारी रखा तो टीडीपी विधायकों ने कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए वॉकआउट कर दिया। हालांकि बाद में कांग्रेस विधायकों ने लॉबी में जमा होने की कोशिश भी की लेकिन मार्शलों ने उन्हें रोक दिया, इस पर विवाद भी हुआ।

विधायक लॉबी में ही धरने पर बैठ गए और राज्यपाल के विरोध में नारेबाजी करते रहे। राज्यपाल का करीब एक घंटे चला संबोधन समाप्त होने के बाद उन्हें मार्शलों की निगरानी में सदन से बाहर सुरक्षित राजभवन तक पहुंचाया गया। 

महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात में भी हो चुका हंगामा 

इसके पहले महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात में भी राज्यपाल के संबोधन के बीच हंगामा हुआ था। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने इस रवैये पर आपत्ति जताते हुए इसे लोकतंत्र के लिए खतरा भी बताया था। उन्होंने इस प्रथा को खत्म करने की अपील भी की थी।

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