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मुंबई: केंद्रीय मंत्री राणे को बीएमसी का नोटिस, सात दिन के भीतर मांगा जवाब, जुहू स्थित बंगले में अनधिकृत रूप से किए गए बदलाव

अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 08 Mar 2022 03:16 AM IST

सार

बीएमसी की ओर से जारी नोटिस मे कहा गया है कि बंगले में हुए अनधिकृत निर्माण को लेकर उचित कारण बताएं कि आखिर इस तरह का बदलाव क्यों किया गया है।

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केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। शिवसेना शासित बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने केंद्रीय मंत्री राणे को नोटिस जारी किया है और सात दिन के अंदर जवाब मांगा है। बीएमसी की यह नोटिस उनके जुहू स्थित अधीश बंगले में कथित तौर पर अनधिकृत रूप से किए गए बदलाव को लेकर जारी हुआ है।

बीएमसी की ओर से जारी नोटिस मे कहा गया है कि बंगले में हुए अनधिकृत निर्माण को लेकर उचित कारण बताएं कि आखिर इस तरह का बदलाव क्यों किया गया है। नोटिस में बंगले के भूतल और आठ मंजिलों में से सात में अनधिकृत तौर पर बदलाव किए जाने का उल्लेख किया गया है। बीएमसी के एक अधिकारी का कहना है कि पहली मंजिल से लेकर 8वीं मंजिल (7वीं मंजिल छोड़कर)  तक बगीचे की जगह रूम बनवाए गए हैं जबकि नियम के मुताबिक आठ मंजिला बंगले के सभी फ्लोर पर बगीचे का क्षेत्र होना आवश्यक है।

गौरतलब है कि बीएमसी की टीम ने पिछले दिनो समुद्र तटीय नियामक क्षेत्र (सीआरजेड) के मानक के उलंघन के लिए राणे के ‘अधीश’ बंगले का निरीक्षण किया था। उसके बाद राणे को बीएमसी अधिनियम 1888 की धार 351 (1) के तहत नोटिस जारी किया गया है। बीएमसी के-पश्चिम वार्ड के अधिकारी द्वारा जारी नोटिस में कहा है कि बंगले में किए गए परिवर्तन अनुमोदित योजनाओं के अनुरूप नहीं थे। इसलिए बीएमसी अधिनियम की धारा 351(1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए इस संबंध में कारण बताने का निर्देश दिया जाता है कि आखिर इस भवन में हुए बदलावों को क्यों न गिराया जाए।

विस्तार

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। शिवसेना शासित बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने केंद्रीय मंत्री राणे को नोटिस जारी किया है और सात दिन के अंदर जवाब मांगा है। बीएमसी की यह नोटिस उनके जुहू स्थित अधीश बंगले में कथित तौर पर अनधिकृत रूप से किए गए बदलाव को लेकर जारी हुआ है।

बीएमसी की ओर से जारी नोटिस मे कहा गया है कि बंगले में हुए अनधिकृत निर्माण को लेकर उचित कारण बताएं कि आखिर इस तरह का बदलाव क्यों किया गया है। नोटिस में बंगले के भूतल और आठ मंजिलों में से सात में अनधिकृत तौर पर बदलाव किए जाने का उल्लेख किया गया है। बीएमसी के एक अधिकारी का कहना है कि पहली मंजिल से लेकर 8वीं मंजिल (7वीं मंजिल छोड़कर)  तक बगीचे की जगह रूम बनवाए गए हैं जबकि नियम के मुताबिक आठ मंजिला बंगले के सभी फ्लोर पर बगीचे का क्षेत्र होना आवश्यक है।

गौरतलब है कि बीएमसी की टीम ने पिछले दिनो समुद्र तटीय नियामक क्षेत्र (सीआरजेड) के मानक के उलंघन के लिए राणे के ‘अधीश’ बंगले का निरीक्षण किया था। उसके बाद राणे को बीएमसी अधिनियम 1888 की धार 351 (1) के तहत नोटिस जारी किया गया है। बीएमसी के-पश्चिम वार्ड के अधिकारी द्वारा जारी नोटिस में कहा है कि बंगले में किए गए परिवर्तन अनुमोदित योजनाओं के अनुरूप नहीं थे। इसलिए बीएमसी अधिनियम की धारा 351(1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए इस संबंध में कारण बताने का निर्देश दिया जाता है कि आखिर इस भवन में हुए बदलावों को क्यों न गिराया जाए।

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