जानिए आपके लिए साल 2022 कैसा रहेगा?
पूर्व दिशा का प्रभाव
वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा की दिशा को देवताओं का स्वामी माना गया है। इस दिशा में सिर करके सोने से स्मृति, एकाग्रता एवं स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है और मनुष्य का आध्यात्मिकता के प्रति झुकाव बढ़ता है। वास्तु के अनुसार छात्रों को स्मृति में वृद्धि एवं एकाग्रता बढ़ाने के लिए पूर्व दिशा में सिर करके सोना लाभकारी हो सकता है।
उत्तर दिशा का प्रभाव
वैज्ञानिक मत के अनुसार मनुष्य का शरीर चुम्बकीय तरंगों से प्रभावित होता है और मनुष्य का शरीर स्वयं सूक्ष्म चुम्बकीय तरंगों को फेंकता भी है जो प्रभामंडल में आकर्षण एवं विकर्षण उत्पन्न करती हैं। जिस प्रकार पृथ्वी का उत्तरी ध्रुव है ठीक उसी प्रकार से मनुष्य शरीर का मस्तिष्क वाला हिस्सा उसका उत्तरी ध्रुव माना गया है। इसलिए विश्राम के लिए व्यक्ति का सिर वाला हिस्सा सदैव दक्षिण ध्रुव की ओर रहना चाहिए ताकि चुम्बकीय तरंगें सही दिशा में प्रवाहित हो सकें। इसके विपरीत उत्तर दिशा में सिर रखकर सोने से चुम्बकीय प्रवाह अवरुद्ध होकर बिगड़ जाएगा जिस कारण मनुष्य को ठीक से नींद नहीं आ पाएगी। वास्तु के अनुसार इस दिशा में सिर करके सोने से नींद बाधित होती है जिस कारण सिरदर्द रह सकता है। जो लोग उत्तर की तरफ सिर एवं दक्षिण की तरफ पैर रखकर सोते हैं ऐसे लोग रातभर करवटें बदलते रहेंगे,सुबह उठकर भी आलस्य बना रहेगा। मानसिक बीमारियों की संभावना बढ़ जाएगी अतः वास्तु की मानें तो इस दिशा में सिर करके कभी न सोएं।
पश्चिम दिशा का प्रभाव
वास्तु के अनुसार पश्चिम दिशा में सिर करके सोना भी अनुकूल है क्योंकि यह दिशा नाम,प्रसिद्धि,प्रतिष्ठा और समृद्धि को बढ़ाती है।
दक्षिण दिशा का प्रभाव
मृत्यु के देवता यम दक्षिण दिशा के स्वामी हैं,इस दिशा में सिर करके सोना सबसे अच्छा है। वास्तु में कहा गया है कि स्वस्थ जीवन एवं लंबी आयु चाहने वाले मनुष्य को सदैव अपना सिर दक्षिण में एवं पैर उत्तर दिशा की और करके सोना चाहिए’।इस दिशा की ओर सिर करके सोने से व्यक्ति को धन,ख़ुशी,समृद्धि एवं यश की प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त व्यक्ति गहरी नींद में आराम से सोता है।
