ज्योतिष डेस्क, अमरउजाला, नई दिल्ली
Published by: श्वेता सिंह
Updated Sat, 05 Feb 2022 11:54 AM IST
सार
Panchak February 2022: फरवरी माह में लगने वाला पंचक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस बार का दूसरा पंचक 2 फरवरी को लग चुका है। यह पंचक 6 फरवरी रविवार शाम 5 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
Panchak February 2022: जब चंद्रमा का गोचर घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र में होता है तो पंचक लगता है।
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Panchak February 2022: हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में पांच दिन ऐसे आते हैं जिनका विशेष महत्व होता है। यही पांच दिन पंचक के नाम से जाना जाता है। साल 2022 का दूसरा पंचक लग चुका है। किसी माह का पंचक शुभ फल प्रदान करता है और किसी माह का पंचक अशुभ फल। फरवरी माह में लगने वाला पंचक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस बार का दूसरा पंचक 2 फरवरी को लग चुका है। यह पंचक 6 फरवरी रविवार शाम 5 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
कैसे लगता है पंचक
जब चंद्रमा का गोचर घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र में होता है तो पंचक लगता है। वहीं जब चंद्रमा का गोचर कुंभ और मीन राशि में होता है, तो भी ‘पंचक’ की स्थिति बनती है। पंचक को ‘भदवा’ के नाम से जाना जाता है।
पंचक का महत्व
पौराणिक मान्यता के अनुसार पंचक में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। लेकिन जब बुधवार और गुरुवार से पंचक लगते हैं तो पंचक के पांच कार्यों के अतिरिक्त शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
पंचक में निषेध हैं ये पांच कार्य
ज्योतिष के अनुसार पंचक के दौरान पांच कार्यों को करना निषेध माना गया है। आइए जानते हैं क्या हैं वो पांच कार्य-
पंचक के दौरान चारपाई नहीं बनवानी चाहिए, ऐसे करने से व्यक्ति के ऊपर संकट आने की संभावना बनी रहती है।
पंचक के दौरान घास, लकड़ी, आदि जलने वाली वस्तुएं एकत्र नहीं करनी चाहिए।
पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं माना जाता है। दरअसल यह दिशा यम और पितरों की मानी गई है। इसलिए इन नक्षत्रों में दक्षिण दिशा की यात्रा करना हानिकारक माना गया है।
पंचक के दौरान घर की छत नहीं बनवानी चाहिए। ऐसा करने से घर में क्लेश और धन की हानि हो सकती है।
पंचक के दौरान जो अंतिम कार्य निषेध माना गया है उसके अनुसार अंतिम शय्या का निर्माण पंचकों के दौरान नहीं करना चाहिए।
विस्तार
Panchak February 2022: हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में पांच दिन ऐसे आते हैं जिनका विशेष महत्व होता है। यही पांच दिन पंचक के नाम से जाना जाता है। साल 2022 का दूसरा पंचक लग चुका है। किसी माह का पंचक शुभ फल प्रदान करता है और किसी माह का पंचक अशुभ फल। फरवरी माह में लगने वाला पंचक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस बार का दूसरा पंचक 2 फरवरी को लग चुका है। यह पंचक 6 फरवरी रविवार शाम 5 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
कैसे लगता है पंचक
जब चंद्रमा का गोचर घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र में होता है तो पंचक लगता है। वहीं जब चंद्रमा का गोचर कुंभ और मीन राशि में होता है, तो भी ‘पंचक’ की स्थिति बनती है। पंचक को ‘भदवा’ के नाम से जाना जाता है।
पंचक का महत्व
पौराणिक मान्यता के अनुसार पंचक में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। लेकिन जब बुधवार और गुरुवार से पंचक लगते हैं तो पंचक के पांच कार्यों के अतिरिक्त शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
पंचक में निषेध हैं ये पांच कार्य
ज्योतिष के अनुसार पंचक के दौरान पांच कार्यों को करना निषेध माना गया है। आइए जानते हैं क्या हैं वो पांच कार्य-
पंचक के दौरान चारपाई नहीं बनवानी चाहिए, ऐसे करने से व्यक्ति के ऊपर संकट आने की संभावना बनी रहती है।
पंचक के दौरान घास, लकड़ी, आदि जलने वाली वस्तुएं एकत्र नहीं करनी चाहिए।
पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं माना जाता है। दरअसल यह दिशा यम और पितरों की मानी गई है। इसलिए इन नक्षत्रों में दक्षिण दिशा की यात्रा करना हानिकारक माना गया है।
पंचक के दौरान घर की छत नहीं बनवानी चाहिए। ऐसा करने से घर में क्लेश और धन की हानि हो सकती है।
पंचक के दौरान जो अंतिम कार्य निषेध माना गया है उसके अनुसार अंतिम शय्या का निर्माण पंचकों के दौरान नहीं करना चाहिए।
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