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दिल्ली: इंडिया गेट से गायब हुई सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा, टीएमसी नेताओं ने किया विरोध-प्रदर्शन

इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा होलोग्राम के गायब होने पर ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं ने धरना-प्रदर्शन दिया। इस धरना-प्रदर्शन में टीएमसी सांसद सौगत रॉय भी शामिल रहे। नेताओं ने हाथ में प्ले कार्ड लेकर अपना विरोध दर्ज कराया और पूछा कि नेताजी को अंधेरे में क्यों रखा गया है?

टीएमसी ने गुरुवार को इंडिया गेट पर ऐतिहासिक छत्रछाया के नीचे विरोध-प्रदर्शन करते हुए सवाल किया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस को ‘अंधेरे में’ क्यों रखा गया। 28 फीट लंबा 3डी ‘होलोग्राम’, जो फिलहाल एक मंडप के नीचे प्रक्षेपित है बुधवार को (तीन फरवरी) को गायब थी।

पिछले कुछ दिनों से राष्ट्रीय राजधानी में तेज हवा चलने के कारण होलोग्राम प्रक्षेपण को बंद किया गया है। सरकारी अधिकारियों ने इन्हीं कारणों से पिछली बार 28-29 जनवरी को भी प्रक्षेपण बंद कर दिया था। तेज हवा से कथित तौर पर इंडिया गेट पर होलोग्राम पेश करने वाला उपकरण नीचे गिर गया था, जिसे बाद में ठीक कर दिया गया था। हालांकि, अगले दिन हवा की तेज गति के कारण स्टैंड एक बार फिर से गिर गया।

होलोग्राम के फिर से बंद होने के बाद (तेज हवाओं से इसे बचाने के लिए) टीएमसी सांसद मौके पर पहुंचे और पोस्टरों के साथ विरोध-प्रदर्शन किया, जिसमें लिखा था ‘ब्लैकआउट नेताजी’, ‘लेट देयर बी लाइट’ और ‘नेताजी को अंधेरे में क्यों रखा गया है’?

स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के इंडिया गेट पर 23 जनवरी को नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया था। प्रतिमा के अनावरण के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था, “भारत मां के वीर सपूत, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जन्मजयंती पर पूरे देश की तरफ से कोटि-कोटि नमन।”

उन्होंने कहा कि इस मौके पर हम इंडिया गेट पर महोत्सव मना रहे हैं और नेताजी को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि दे रहे हैं। नेताजी ने हमें संप्रभु भारत का विश्वास दिलाया, जिन्होंने बड़े गर्व के साथ, बड़े आत्मविश्वास, साहस के साथ अंग्रेजी सत्ता के सामने कहा था- मैं स्वतंत्रता की भीख नहीं लूंगा। मैं इसे हासिल करूंगा। जिन्होंने भारत की धरती पर पहली आजाद सरकार को स्थापित किया, हमारे उन नेताजी की भव्य प्रतिमा इंडिया गेट के समीप स्थापित हो रही है। जल्द ही इस होलोग्राम की जगह ग्रेनाइट की विशाल प्रतिमा लगेगी।

पीएम मोदी ने कहा, ‘नेताजी की यह प्रतिमा हमारी लोकतांत्रिक संस्था, पीढ़ियों और कर्तव्य का बोध कराएगी। आने वाली और वर्तमान पीढ़ी को निरंतर प्रेरणा देती रहेगी। पिछले साल से देश ने नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाना शुरू किया है। नेताजी कहते थे कि कभी भी स्वतंत्र भारत के सपने का विश्वास मत खोना, दुनिया की कोई ताकत नहीं है, जो भारत को झकझोर सके। आज हमारे सामने आजाद भारत के सपनों को पूरा करने के लक्ष्य हैं। हमारे सामने आजादी के सौंवें साल से पहले यानी 2047 के पहले नए भारत के निर्माण का लक्ष्य है। नेताजी को देश पर जो विश्वास था, उनके इन भावों के कारण मैं कह सकता हूं कि दुनिया की कोई ताकत नहीं है, जो भारत को इस लक्ष्य तक पहुंचने से रोक सके।’

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