कालीचरण, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 07 Feb 2022 06:29 AM IST
सार
बजट 2022 में क्रिप्टोकरेंसी सहित वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) के ट्रांसफर से कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा की गई है। इस बीच, कई निवेशकों में कर देनदारी को लेकर भ्रम की स्थिति है। टैक्स पर तस्वीर पूरी तरह साफ तभी होगी, जब आरबीआई कोई नियम लाएगा। क्रिप्टो पर टैक्स का गणित समझाती कालीचरण की रिपोर्ट….
क्रिप्टोकरेंसी
– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
निवेश सलाहकार बलवंत जैन ने बजट नि मेमोरेंडम का हवाला देते हुए बताया कि क्रिप्टोकरेंसी या अन्य वीडीए में निवेश पर किसी व्यक्तिगत करदाता की कुल कर देनदारी ऐसे एसेट्स के ट्रांसफर या लेनदेन से होने वाली कमाई का योग होगी। 2022-23 से क्रिप्टो करेंसी और एनएफटी सहित डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर या बिक्री से होने वाले लाभ पर 30 फीसदी टैक्स का नियम लागू होगा।
इसका मतलब है कि अगर किसी करदाता को वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर से कोई कमाई हुई है तो उस आय पर उसे 30 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा। इस स्रोत से होने वाली कमाई पर कर की गणना में अन्य स्रोत से होने वाली आय को शामिल नहीं किया जाएगा। निवेशकों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले नुकसान को सेट ऑफ या कैरी फॉरवर्ड नहीं किया जा सकता है।
- मान लीजिए, किसी करदाता की कुल करयोग्य आय दो लाख रुपये है। इसमें से 40,000 रुपये वीडीए ट्रांसफर से होने वाली कमाई है। इस पर 30 फीसदी स्लैब के हिसाब से 12,000 रुपये कर का भुगतान करना होगा, जबकि 1.6 लाख रुपये पर स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा।
टैक्स पर अलग-अलग राय
क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स की दर को विशेषज्ञों की अलग अलग राय । इस पर तस्वीर तभी स्पष्ट जब आरबीआई वर्चुअल एसेट्स पर कर देनदारी को लेकर कोई फ्रेमवर्क बना लेता है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि इससे कमाई पर सिर्फ 30 फीसदी टैक्स का भुगतान करना होगा, जबकि कुछ का मानना है कि इस टैक्स में सरचार्ज भी शामिल होगा।
- निवेश सलाहकार स्वीटी मनोज जैन का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी एसेट्स से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स के साथ सरचार्ज और सेस भी लगेगा।
- ऐसे में करयोग्य आय के आधार पर 10 फीसदी, 15 फीसदी, 25 फीसदी और 37 फीसदी की दर से सरचार्ज लगेगा टैक्स और सरचार्ज राशि के 4 फीसदी की दर से सेस भी लग सकता है।
फायदा और नुकसान दोनों पर देनदारी
- क्रिप्टो एसेट्स के ट्रांसफर से घाटा होने पर इसे किसी अन्य कमाई के सेट ऑफ या कैरी फॉरवर्ड नहीं किया जा सकता। हालांकि, इसके ट्रांसफर से होने वाले नुकसान को उसी वित्तीय वर्ष में क्रिप्टो एसेट्स के ट्रांसफर से होने वाले लाभ के साथ सेट ऑफ कर सकते हैं।
- मान लीजिए, किसी करदाता की वेतन से कमाई 20 लाख रुपये है। उसे एक क्रिप्टोकरेंसी को बेचने पर 5 लाख रुपये का फायदा हुआ और दूसरे वर्चुअल एसेट्स की बिक्री लाख रुपये का नुकसान हुआ है। ऐसे में वह नुकसान को सेट ऑफ कर सकता है। उसे दोनों क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री से होने वाले शुद्ध लाभ 3 लाख रुपये पर कर का भुगतान करना होगा।
- इसके अलावा, इस पर सरचार्ज (इस मामले में () और सेस मामले में शून्य) भी देना होगा। इस तरह उस करदाता को कुल मिलाकर 31.2 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा 20 लाख रुपये की वेतन से कमाई पर 5 से 30 फीसदी (सरचार्ज और सेस के साथ) के सामान्य टैक्स स्लैब के हिसाब से कर देना होगा।
- यह इस पर भी निर्भर करेगा कि क्या करदाता ने आयकर कानून की धारा 115 बीएसी तहत वैकल्पिक कर व्यवस्था का चुनाव किया हो।
अभी मौजूदा नियमों के तहत कर भुगतान
क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स के नए नियम अगले वित्त वर्ष से लागू होंगे। तब तक कम-से-कम 31 मार्च, 2022 तक पुराने नियम ही चलने चाहिए। अब तक क्रिप्टोकरेंसी से हुए मुनाफे पर वैसे ही टैक्स लगता है, जैसे सोने और डेट म्यूचुअल फंड पर यानी निवेश अवधि 3 साल से कम तो मुनाफे पर स्लैब के अनुसार टैक्स और इससे ज्यादा तो 20 फीसदी टैक्स इंडेक्सेशन के साथ देना होगा। आदिल शेट्टी, सीईओ, बैंकबाजार
