एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Mon, 07 Feb 2022 03:52 AM IST
सार
एक अधिकारी ने बताया कि डिजिटल रुपी पारंपरिक मुद्रा से अलग नहीं होगी। इस पर भारतीय मुद्रा की तरह खास तरह के अंक होंगे। यह फिएट मुद्रा से अलग नहीं होगी बल्कि उसका डिजिटल स्वरूप होगी।
देश में डिजिटल मुद्रा की शुरुआत अगले साल यानी 2023 में हो सकती है। यह मौजूदा समय में उपलब्ध निजी कंपनी के संचालन वाले ई-वॉलेट जैसी होगी। हालांकि, इसके साथ सरकार की गारंटी होगी। वित्तमंत्री ने 2022-23 के बजट में कहा था कि जल्द ही आरबीआई के समर्थन वाली डिजिटल रुपी पेश किया जाएगी।
एक अधिकारी ने बताया कि डिजिटल रुपी पारंपरिक मुद्रा से अलग नहीं होगी। इस पर भारतीय मुद्रा की तरह खास तरह के अंक होंगे। यह फिएट मुद्रा से अलग नहीं होगी बल्कि उसका डिजिटल स्वरूप होगी। सरकार की ओर से जारी की जाने वाली करेंसी को फिएट मुद्रा कहते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि डिजिटल रुपी सरकारी गारंटी वाला डिजिटल वॉलेट होगा।
सभी लेनदेन का पता लगाने में सक्षम
अधिकारी ने आरबीआई के हवाले से कहा कि डिजिटल रुपी 2022-23 के अंत तक तैयार हो जाएगा। ब्लॉकचेन आधारित यह मुद्रा निजी कंपनियों की पेश किए जाने वाले मोबाइल वॉलेट की मौजूदा प्रणाली के विपरीत सभी लेनदेन का पता लगाने में सक्षम होगी। अधिकारी के मुताबिक, निजी कंपनियों के ई-वॉलेट का इस्तेमाल करते हुए लोग उन कंपनियों को पैसे हस्तांतरित करते हैं। यह पैसा उनके पास रहता है और कंपनियां किसी लेनदेन पर ग्राहकों की ओर से दुकानदारों को भुगतान करती हैं।
लोगों की ओर से आरबीआई करेगा भुगतान
इसके विपरीत, डिजिटल मुद्रा लोगों को फोन में और आरबीआई के पास रहेगी। ग्राहक की ओर से केंद्रीय बैंक किसी दुकानदार को भुगतान करेगा। इस पर पर पूरी तरह सरकार की गारंटी होगी। अधिकारी ने बताया कि जब पैसा किसी कंपनी के ई-वॉलेट में स्थानांतरित किया जाता है तो उस कंपनी का क्रेडिट जोखिम भी इस पैसे से जुड़ा होता है। कंपनियां शुल्क भी वसूलती हैं।
विस्तार
देश में डिजिटल मुद्रा की शुरुआत अगले साल यानी 2023 में हो सकती है। यह मौजूदा समय में उपलब्ध निजी कंपनी के संचालन वाले ई-वॉलेट जैसी होगी। हालांकि, इसके साथ सरकार की गारंटी होगी। वित्तमंत्री ने 2022-23 के बजट में कहा था कि जल्द ही आरबीआई के समर्थन वाली डिजिटल रुपी पेश किया जाएगी।
एक अधिकारी ने बताया कि डिजिटल रुपी पारंपरिक मुद्रा से अलग नहीं होगी। इस पर भारतीय मुद्रा की तरह खास तरह के अंक होंगे। यह फिएट मुद्रा से अलग नहीं होगी बल्कि उसका डिजिटल स्वरूप होगी। सरकार की ओर से जारी की जाने वाली करेंसी को फिएट मुद्रा कहते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि डिजिटल रुपी सरकारी गारंटी वाला डिजिटल वॉलेट होगा।
सभी लेनदेन का पता लगाने में सक्षम
अधिकारी ने आरबीआई के हवाले से कहा कि डिजिटल रुपी 2022-23 के अंत तक तैयार हो जाएगा। ब्लॉकचेन आधारित यह मुद्रा निजी कंपनियों की पेश किए जाने वाले मोबाइल वॉलेट की मौजूदा प्रणाली के विपरीत सभी लेनदेन का पता लगाने में सक्षम होगी। अधिकारी के मुताबिक, निजी कंपनियों के ई-वॉलेट का इस्तेमाल करते हुए लोग उन कंपनियों को पैसे हस्तांतरित करते हैं। यह पैसा उनके पास रहता है और कंपनियां किसी लेनदेन पर ग्राहकों की ओर से दुकानदारों को भुगतान करती हैं।
लोगों की ओर से आरबीआई करेगा भुगतान
इसके विपरीत, डिजिटल मुद्रा लोगों को फोन में और आरबीआई के पास रहेगी। ग्राहक की ओर से केंद्रीय बैंक किसी दुकानदार को भुगतान करेगा। इस पर पर पूरी तरह सरकार की गारंटी होगी। अधिकारी ने बताया कि जब पैसा किसी कंपनी के ई-वॉलेट में स्थानांतरित किया जाता है तो उस कंपनी का क्रेडिट जोखिम भी इस पैसे से जुड़ा होता है। कंपनियां शुल्क भी वसूलती हैं।
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