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राजमार्गों का निर्माण: आर्थिक क्षेत्रों में संपर्क बढ़ाने के लिए बढ़ेगी रफ्तार, एक साल में 25000 किमी सड़क बनाएगी सरकार 

राजमार्गों का निर्माण: आर्थिक क्षेत्रों में संपर्क बढ़ाने के लिए बढ़ेगी रफ्तार, एक साल में 25000 किमी सड़क बनाएगी सरकार 

एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Mon, 07 Feb 2022 04:06 AM IST

सार

आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, देश में राष्ट्रीय राजमार्गों/सड़कों के निर्माण में 2013-14 से काफी तेजी आई है। 2020-21 में 13,327 किलोमीटर सड़क बनाए गए। 2019-20 में कुल 10,237 किलोमीटर सड़कें बनाई गई थीं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में 12,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण का लक्ष्य रखा है।

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केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव गिरिधर अरमाने ने कहा कि 2022-23 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए राजमार्गों के निर्माण की गति तेज की जाएगी। 2021-22 में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवरंसचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) ने अब तक 7,500 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया है। बाकी दो महीने में कम-से-कम 2,500 किलोमीटर सड़कें और बनाई जाएंगी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के बजट में 25,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का लक्ष्य रखा है। 

अरमाने ने कहा कि 2022-23 का बजट विकासोन्मुख है। इसमें बुनियादी ढांचे पर जोर दिया गया है। इससे आने वाले दशकों में देश को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में 25,000 किलोमीटर के निर्माण लक्ष्य को पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत हासिल किया जाएगा। सरकार सभी आर्थिक क्षेत्रों में संपर्क बढ़ाना चाहती है। इसलिए हम राजमार्गो के निर्माण की रफ्तार बढ़ाने के साथ मौजूदा सड़कों को बड़ा और मजबूत करेंगे। हमें मुंबई या नासिक या दिल्ली या वाराणसी जैसे आर्थिक केंद्रों को बहु-संपर्क उपलब्ध कराने की जरूरत है।

2013-14 से निर्माण में आई तेजी
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, देश में राष्ट्रीय राजमार्गों/सड़कों के निर्माण में 2013-14 से काफी तेजी आई है। 2020-21 में 13,327 किलोमीटर सड़क बनाए गए। 2019-20 में कुल 10,237 किलोमीटर सड़कें बनाई गई थीं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में 12,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। सचिव ने कहा कि संसाधनों के जरिये बुनियादी ढांचा विकास को सस्ता किया गया है। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सकेगा।

सड़क मंत्रालय को 1.99 लाख करोड़
एनएचएआई के बढ़ते कर्ज पर कहा कि बजट 2022-23 की मुख्य विशेषता बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए असाधारण आवंटन है। वास्तव में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को राजमार्गों के निर्माण और परिवहन क्षेत्र में सुधार के लिए 1.99 लाख करोड़ रुपये की बड़ी रकम आवंटित की गई है।

पीएम गति शक्ति से इन्फ्रा परियोजनाओं को मिलेगी रफ्तार : डीपीआईआईटी सचिव
अगले वित्त वर्ष से यानी एक अप्रैल, 2022 से 500 करोड़ रुपये से अधिक की सभी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत गठित नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) के जरिये आगे बढ़ाया जाएगा। एनपीजी से ही उन्हें मंजूरी मिलेगी। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अनुराग जैन ने कहा कि पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान अंतिम रूप में है। इस पर तेजी से काम हो रहा है।

इसके जरिये बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को आगे बढ़ाने से लॉजिस्टिक लागत को कम करने में मदद मिलेगी। सचिव ने कहा कि पूरी तैयारी हो गई है। सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएस) और एनपीजी का गठन किया गया है। तकनीकी समर्थन इकाई (टीएसयू) भी काफी हद तक तैयार है। जैन ने बताया कि हमने राज्यों को अपनी ओर से जरूरी चीजों या रिकॉर्ड को पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान पोर्टल पर डालने को कहा है। मार्च तक राज्यों की ओर से अन्य जरूरी चीजें मसलन भूमि रिकॉर्ड आदि भी पोर्टल पर लाने का लक्ष्य है। इस प्रक्रिया से योजना को अधिक कुशल बनाने में मदद मिलेगी।

विस्तार

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव गिरिधर अरमाने ने कहा कि 2022-23 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए राजमार्गों के निर्माण की गति तेज की जाएगी। 2021-22 में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवरंसचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) ने अब तक 7,500 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया है। बाकी दो महीने में कम-से-कम 2,500 किलोमीटर सड़कें और बनाई जाएंगी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के बजट में 25,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का लक्ष्य रखा है। 

अरमाने ने कहा कि 2022-23 का बजट विकासोन्मुख है। इसमें बुनियादी ढांचे पर जोर दिया गया है। इससे आने वाले दशकों में देश को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में 25,000 किलोमीटर के निर्माण लक्ष्य को पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत हासिल किया जाएगा। सरकार सभी आर्थिक क्षेत्रों में संपर्क बढ़ाना चाहती है। इसलिए हम राजमार्गो के निर्माण की रफ्तार बढ़ाने के साथ मौजूदा सड़कों को बड़ा और मजबूत करेंगे। हमें मुंबई या नासिक या दिल्ली या वाराणसी जैसे आर्थिक केंद्रों को बहु-संपर्क उपलब्ध कराने की जरूरत है।

2013-14 से निर्माण में आई तेजी

आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, देश में राष्ट्रीय राजमार्गों/सड़कों के निर्माण में 2013-14 से काफी तेजी आई है। 2020-21 में 13,327 किलोमीटर सड़क बनाए गए। 2019-20 में कुल 10,237 किलोमीटर सड़कें बनाई गई थीं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में 12,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। सचिव ने कहा कि संसाधनों के जरिये बुनियादी ढांचा विकास को सस्ता किया गया है। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सकेगा।

सड़क मंत्रालय को 1.99 लाख करोड़

एनएचएआई के बढ़ते कर्ज पर कहा कि बजट 2022-23 की मुख्य विशेषता बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए असाधारण आवंटन है। वास्तव में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को राजमार्गों के निर्माण और परिवहन क्षेत्र में सुधार के लिए 1.99 लाख करोड़ रुपये की बड़ी रकम आवंटित की गई है।

पीएम गति शक्ति से इन्फ्रा परियोजनाओं को मिलेगी रफ्तार : डीपीआईआईटी सचिव

अगले वित्त वर्ष से यानी एक अप्रैल, 2022 से 500 करोड़ रुपये से अधिक की सभी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत गठित नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) के जरिये आगे बढ़ाया जाएगा। एनपीजी से ही उन्हें मंजूरी मिलेगी। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अनुराग जैन ने कहा कि पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान अंतिम रूप में है। इस पर तेजी से काम हो रहा है।

इसके जरिये बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को आगे बढ़ाने से लॉजिस्टिक लागत को कम करने में मदद मिलेगी। सचिव ने कहा कि पूरी तैयारी हो गई है। सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएस) और एनपीजी का गठन किया गया है। तकनीकी समर्थन इकाई (टीएसयू) भी काफी हद तक तैयार है। जैन ने बताया कि हमने राज्यों को अपनी ओर से जरूरी चीजों या रिकॉर्ड को पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान पोर्टल पर डालने को कहा है। मार्च तक राज्यों की ओर से अन्य जरूरी चीजें मसलन भूमि रिकॉर्ड आदि भी पोर्टल पर लाने का लक्ष्य है। इस प्रक्रिया से योजना को अधिक कुशल बनाने में मदद मिलेगी।

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