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Cabinet Decisions: कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई बड़े फैसले, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का कार्यकाल 3 साल बढ़ा

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Wed, 19 Jan 2022 03:32 PM IST

सार

Commission For Safai Karamcharis Tenure Extended: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनट बैठक में कई अहम फैसलों को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद  केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि आज कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया है कि राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का जो कार्यकाल है, उसको 1 अप्रैल 2022 से अगले 3 साल के लिए बढ़ाने का निर्णय कर दिया गया है।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर
– फोटो : एएनआई

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विस्तार

अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बुधवार को भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) में 1,500 करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी दी। सरकार के इस फैसले से इरेडा की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए कर्ज देने की क्षमता 12,000 करोड़ रुपये तक बढ़ जाएगी। साथ ही हर साल रोजगार के करीब 10,200 नए अवसर पैदा होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में 1,500  करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डालने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

एक अधिकारी ने बताया कि अतिरिक्त इक्विटी पूंजी उपलब्ध कराने से इरेडा करीब 12,000 करोड़ रुपये का कर्ज नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को दे सकेगी। इससे 3,500 से 4,000 मेगावॉट अतिरिक्त नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता की कर्ज जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा। इससे न सिर्फ इरेडा का नेटवर्थ बढ़ाने में मदद मिलेगी बल्कि सरकार की ओर से निर्धारित नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में बेहतर योगदान हो सकेगा। इरेडा का मौजूदा बुक साइज 27,000 करोड़ रुपये है।

7.49 लाख टन कम होगा कार्बन उत्सर्जन
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इरेडा में इस निवेश से अतिरिक्त नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ने के साथ सालाना करीब 7.49 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में अक्षय ऊर्जा पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसलिए देश इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ा रहा है और निवेश भी हो रहा है। केंद्र सरकार की ओर से अक्षय ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी संस्थाओं को कर्ज देकर प्रोत्साहित किया जाता है। आम लोगों को भी सौर ऊर्जा जैसे विकल्पों का चुनाव करने के लिए कहा जा रहा है।

इसलिए पड़ी निवेश की जरूरत
अनुराग ठाकुर ने कहा कि अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने में इरेडा की अहम भूमिका रही है। पिछले 6 साल में उसका पोर्टफोलियो 8,800 से बढ़कर 27,000 करोड़ रुपये हो गया है। इसके बावजूद आरबीआई के कर्ज संबंधी नियमों को देखते हुए निवेश का फैसला लिया गया है। नियमों के अनुसार, कोई कंपनी अपनी नेटवर्थ का 20 फीसदी ही कर्ज के रूप में दे सकती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार के इस फैसले से इरेडा का नेटवर्थ 3,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,500 करोड़ रुपये हो जाएगा। ऐसे में वह 900 करोड़ रुपये तक का कर्ज दे सकेगी। साथ ही कर्ज देने और देने की गतिविधियों के संचालन में सुविधा के लिए जोखिम आधारित परिसंपत्ति अनुपात (सीआरएआर) में सुधार होगा।

अनुग्रह राशि भुगतान के लिए एसबीआई को 973 करोड़
सरकार ने एसबीआई के लिए 973.74 करोड़ रुपये की राशि जारी करने की स्वीकृति दी। यह राशि महामारी के दौरान 2020 में कर्ज की किस्त के भुगतान के लिए दी गई मोहलत से संबंधित है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस दौरान कर्ज लेने वाले लोगों को छह महीने के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के बराबर अनुग्रह भुगतान को लेकर बजट में 5,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। उन्होंने कहा कि इसमें 4,626 करोड़ रुपये का भुगतान 2020-21 में किया गया। अतिरिक्त 1,846 करोड़ का दावा लंबित है। इसके निपटान के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बकाया भुगतान को लेकर शेष 973.74 करोड़ एसबीआई को देने को मंजूरी दी है। आरबीआई ने कोरोना संकट के दौरान 27 मार्च, 2020 को विभिन्न अवधि के कर्ज की लौटाने को लेकर मोहलत दी थी। यह मोहलत उन किस्तों के लिए दी गई थी, जो एक मार्च से 31 मई, 2020 के दौरान चुकाई जानी थी। बाद में इसे बढ़ाकर 31 अगस्त, 2021 तक कर दिया गया था।

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का कार्यकाल 3 साल बढ़ा
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग (एनसीएसके) का कार्यकाल 31 मार्च, 2022 से तीन साल के लिए बढ़ा दिया गया है। महामारी के बीच आयोग के कार्यकाल का विस्तार अहम है क्योंकि संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में सफाई कर्मचारी ही सबसे अहम फ्रंटलाइन कर्मचारी हैं। मंत्रिमंडल के फैसले में कहा गया है कि आयोग का कार्यकाल तीन साल बढ़ाए जाने से इस मद में 43.68 करोड़ खर्च होंगे। इस विस्तार से मुख्य रूप से देश के सफाई कर्मचारी और हाथ से मैला उठाने वाले चिह्नित लोग लाभान्वित होंगे। 31 दिसंबर, 2021 को एमएस अधिनियम सर्वेक्षण के तहत देश में चिह्नित हाथ से मैला उठाने वालों की संख्या 58,098 है।

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