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Budget 2022: ज्वेलरी इंडस्ट्री को बजट से बड़ी उम्मीद, आभूषणों पर जीएसटी घटाने के साथ इस अनिवार्यता को खत्म करने की मांग

Budget 2022: ज्वेलरी इंडस्ट्री को बजट से बड़ी उम्मीद, आभूषणों पर जीएसटी घटाने के साथ इस अनिवार्यता को खत्म करने की मांग

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Wed, 19 Jan 2022 12:19 PM IST

सार

Jewellery Industry Expectations From Budget 2022: देश का आम बजट पेश होने में महज कुछ दिन का समय ही बचा है। उम्मीद है कि इस बार का बजट लोक लुभावन हो सकता है। इस बीच तमाम सेक्टरों के साथ जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री ने भी कई उम्मीदें बांध रखी हैं। इनमें कीमती पीली धातु सोने से बने आभूषणों पर जीएसटी दर को कम करना भी शामिल है। 

 

सोना (प्रतीकात्मक तस्वीर)
– फोटो : iStock

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देश का आम बजट पेश होने में महज कुछ दिन का समय ही बचा है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2022 को बजट पेश करेंगी। उम्मीद है कि इस बार का बजट लोक लुभावन हो सकता है। इस बीच तमाम सेक्टरों के साथ जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री ने भी कई उम्मीदें बांध रखी हैं। इनमें कीमती पीली धातु सोने से बने आभूषणों पर जीएसटी दर को कम करना भी शामिल है। 

आभूषणों पर जीएसटी 1.25% करने की मांग
इस बार के आम बजट से देश के करदाताओं के साथ लगभग हर सेक्टर को बड़ी आस है। कोरोना महामारी के साये में 1 फरवरी 2022 को पेश होने वाले बजट में ज्वेलरी इंडस्ट्री ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आभूषणों पर जीएसटी दर घटाने की मांग की है। ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) ने ज्वेलरी पर जीएसटी को मौजूदा 3 फीसदी से घटाकर 1.25 फीसदी करने की मांग की है।

पैन कार्ड की अनिवार्यता को खत्म किया जाए
आभूषणों पर जीएसटी दर में कमी करने की मांग के साथ ही जीजेसी ने एक और मांग सरकार के सामने रखी है। दरअसल, ज्वेलरी इंडस्ट्री ने कहा है कि बगैर पैन कार्ड के ज्वेलरी खरीदने की लिमिट को भी 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया जाए। काउंसिल के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में कई लोगों के पास पैन कार्ड नहीं होता है और सोने की खरीदारी के दौरान उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 

क्रेडिट कार्ड से खरीदारी पर उठी ये मांग
ज्वेलरी इंडस्ट्री ने आयकर अधिनियम के सेक्शन 40 ए  में डेली कैश लिमिट को 10,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति दिन करने की मांग की है। इसके साथ ही जीजेसी ने क्रेडिट कार्ड से ज्वेलरी खरीदने पर बैंक द्वारा चार्ज किए जाने वाले 1 से 1.5 फीसदी शुल्क को भी खत्म करने की मांग उठाई है। जीजेसी के चेयरमैन इस संबंध में कहा है कि जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री को कोरोना महामारी के दौरान भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। ये क्षेत्र सबसे ज्यादा संकट से जूझ रहा है इसलिए सरकार को इसे क्षेत्र पर विशेष ध्यान देना चाहिए।  

विस्तार

देश का आम बजट पेश होने में महज कुछ दिन का समय ही बचा है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2022 को बजट पेश करेंगी। उम्मीद है कि इस बार का बजट लोक लुभावन हो सकता है। इस बीच तमाम सेक्टरों के साथ जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री ने भी कई उम्मीदें बांध रखी हैं। इनमें कीमती पीली धातु सोने से बने आभूषणों पर जीएसटी दर को कम करना भी शामिल है। 

आभूषणों पर जीएसटी 1.25% करने की मांग

इस बार के आम बजट से देश के करदाताओं के साथ लगभग हर सेक्टर को बड़ी आस है। कोरोना महामारी के साये में 1 फरवरी 2022 को पेश होने वाले बजट में ज्वेलरी इंडस्ट्री ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आभूषणों पर जीएसटी दर घटाने की मांग की है। ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) ने ज्वेलरी पर जीएसटी को मौजूदा 3 फीसदी से घटाकर 1.25 फीसदी करने की मांग की है।

पैन कार्ड की अनिवार्यता को खत्म किया जाए

आभूषणों पर जीएसटी दर में कमी करने की मांग के साथ ही जीजेसी ने एक और मांग सरकार के सामने रखी है। दरअसल, ज्वेलरी इंडस्ट्री ने कहा है कि बगैर पैन कार्ड के ज्वेलरी खरीदने की लिमिट को भी 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया जाए। काउंसिल के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में कई लोगों के पास पैन कार्ड नहीं होता है और सोने की खरीदारी के दौरान उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 

क्रेडिट कार्ड से खरीदारी पर उठी ये मांग

ज्वेलरी इंडस्ट्री ने आयकर अधिनियम के सेक्शन 40 ए  में डेली कैश लिमिट को 10,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति दिन करने की मांग की है। इसके साथ ही जीजेसी ने क्रेडिट कार्ड से ज्वेलरी खरीदने पर बैंक द्वारा चार्ज किए जाने वाले 1 से 1.5 फीसदी शुल्क को भी खत्म करने की मांग उठाई है। जीजेसी के चेयरमैन इस संबंध में कहा है कि जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री को कोरोना महामारी के दौरान भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। ये क्षेत्र सबसे ज्यादा संकट से जूझ रहा है इसलिए सरकार को इसे क्षेत्र पर विशेष ध्यान देना चाहिए।  

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