वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Tue, 15 Mar 2022 08:46 AM IST
सार
पूर्व अमेरिकी जनरल का दावा है कि अगर यह युद्ध और लंबा खिंचता है तो रूस की सेना धीरे-धीरे पस्त पड़ने लगेगी। दस दिन के अंदर उसके पास गोला-बारूद भी खत्म होने लगेगा। दरअसल, अभी तक इस जंग में पुतिन की रणनीति हर मोर्चे पर विफल रही है।
रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग 20वें दिन में प्रवेश कर चुकी है। इस बीच दोनों देशों के मध्य तीन दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन युद्ध को रोकने के लिए कोई आम सहमति नहीं बन पा रही है। ऐसे में दोनों देशों को बड़ा नुकसान हो रहा है। सैनिकों को गंवाने के साथ ही साथ दोनों देशों के हथियारखाने भी तेजी से खाली होते जा रहे हैं।
इस बीच अमेरिका के एक पूर्व सैन्य अधिकारी बेन होजेस ने बड़ा दावा किया है कि रूस के पास अब सिर्फ 10 दिन का ही गोला-बारूद बचा है। ऐसे में अगर यह युद्ध और लंबा खिंचता है तो रूस की सेना धीरे-धीरे पस्त पड़ने लगेगी। अमेरिकी अधिकारी का कहना है कि यह एक क्विक ऑपरेशन था, जो युद्ध में बदल गया है।
हर मोर्चे पर फेल हो रही पुतिन की रणनीति
यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ रहे रूस की रणनीति हर मोर्चे पर फेल हो रही है। रूस का अनुमान था कि, उसकी फौज दो से तीन दिन में यूक्रेन को अपने कब्जे में ले लेगी। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ। यूक्रेन की ओर से उसे कड़ा प्रतिरोध देखने को मिला। ऐसे में अभी तक पुतिन की रणनीति हर मोर्चे पर फेल हो रही है। अमेरिका की ओर से भी दावा किया गया है कि, जंग अब सिर्फ पुतिन की बौखलाहट का परिणाम है, क्योंकि उन्होंने सोचा था कि यह वह यूक्रेन को दो दिन में अपने कब्जे में ले लेंगे।
क्या चीन से मांगी मदद?
जंग के बीच एक और बात निकलकर सामने आई है कि, रूस ने चीन से सैन्य उपकरण और सहायता मांगी है। हालांकि, चीन और रूस की ओर से इसका खंडन किया गया है। कहा गया है कि, अमेरिका दुष्प्रचार कर रहा है। हालांकि, अमेरिका की ओर से चीन को चेतावनी भी जारी की गई है कि, अगर चीन रूस की मदद करता है तो उसे भी बुरे परिणाम भुगतने होंगे।
विस्तार
रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग 20वें दिन में प्रवेश कर चुकी है। इस बीच दोनों देशों के मध्य तीन दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन युद्ध को रोकने के लिए कोई आम सहमति नहीं बन पा रही है। ऐसे में दोनों देशों को बड़ा नुकसान हो रहा है। सैनिकों को गंवाने के साथ ही साथ दोनों देशों के हथियारखाने भी तेजी से खाली होते जा रहे हैं।
इस बीच अमेरिका के एक पूर्व सैन्य अधिकारी बेन होजेस ने बड़ा दावा किया है कि रूस के पास अब सिर्फ 10 दिन का ही गोला-बारूद बचा है। ऐसे में अगर यह युद्ध और लंबा खिंचता है तो रूस की सेना धीरे-धीरे पस्त पड़ने लगेगी। अमेरिकी अधिकारी का कहना है कि यह एक क्विक ऑपरेशन था, जो युद्ध में बदल गया है।
हर मोर्चे पर फेल हो रही पुतिन की रणनीति
यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ रहे रूस की रणनीति हर मोर्चे पर फेल हो रही है। रूस का अनुमान था कि, उसकी फौज दो से तीन दिन में यूक्रेन को अपने कब्जे में ले लेगी। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ। यूक्रेन की ओर से उसे कड़ा प्रतिरोध देखने को मिला। ऐसे में अभी तक पुतिन की रणनीति हर मोर्चे पर फेल हो रही है। अमेरिका की ओर से भी दावा किया गया है कि, जंग अब सिर्फ पुतिन की बौखलाहट का परिणाम है, क्योंकि उन्होंने सोचा था कि यह वह यूक्रेन को दो दिन में अपने कब्जे में ले लेंगे।
क्या चीन से मांगी मदद?
जंग के बीच एक और बात निकलकर सामने आई है कि, रूस ने चीन से सैन्य उपकरण और सहायता मांगी है। हालांकि, चीन और रूस की ओर से इसका खंडन किया गया है। कहा गया है कि, अमेरिका दुष्प्रचार कर रहा है। हालांकि, अमेरिका की ओर से चीन को चेतावनी भी जारी की गई है कि, अगर चीन रूस की मदद करता है तो उसे भी बुरे परिणाम भुगतने होंगे।
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