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हाफिज सईद का बेटा आतंकी घोषित: गृह मंत्रालय बोला- पश्चिमी देशों-अफगानिस्तान में भारत के खिलाफ जिहाद फैला रहा लश्कर का ये प्रमुख

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Sat, 09 Apr 2022 10:26 AM IST

सार

पाकिस्तान की एक आतंकरोधी अदालत ने एक दिन पहले ही तल्हा के पिता हाफिज सईद को आतंक से जुड़े मामलों में दोषी पाते हुए 32 साल जेल में रखने की सजा सुनाई।

लश्कर-ए-तयैबा का सरगना हाफिज सईद और उसका बेटा तल्हा सईद।
– फोटो : Social Media

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विस्तार

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाफिज सईद के बेटे- हाफिज तल्हा सईद को यूएपीए एक्ट, 1967 के तहत आतंकवादी घोषित किया है। मंत्रालय ने इसे लेकर एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है। इसमें कहा गया है कि तल्हा लश्कर-ए-तयैबा के मौलवी विंग का प्रमुख बताया गया है। गौरतलब है कि तल्हा लश्कर का बड़ा आतंकी है। मंत्रालय ने कहा है कि वह भारत के हितों के खिलाफ पश्चिमी देशों और अफगानिस्तान में जिहाद फैलाने में शामिल रहा है। 

अधिसूचना के मुताबिक, 46 वर्षीय हाफिज तल्हा सईद भारत और अफगानिस्तान में भारतीय हितों को निशाना बनाने के लिए लश्कर-ए-तैयबा में कारिंदों की भर्ती करने, धन जुटाने और हमलों की साजिश रचने तथा उन्हें अंजाम देने के कृत्यों में सक्रिय रूप से शामिल है। इसमें कहा गया है कि वह पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के विभिन्न ठिकानों का भी नियमित रूप से दौरा करता है और भारत, इजराइल, अमेरिका व अन्य पश्चिमी देशों में भारतीय हितों के खिलाफ जिहाद छेड़ने का आह्वान करने वाले बयान देता है।

गृह मंत्रालय के मुताबिक, ‘‘केंद्र सरकार का मानना है कि हाफिज तल्हा सईद आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा हुआ है और उसे गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 (1967 का 37) के तहत आतंकवादी घोषित किया जाना चाहिए।’’

गौरतलब है कि मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमले का सरगना हाफिज सईद था। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे। उसे कुछ साल पहले इसी कानून के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था और वर्तमान में वह पाकिस्तान में आतंकवाद संबंधी आरोपों में जेल की सजा काट रहा है। भारत लगातार हाफिज सईद की हिरासत की मांग करता रहा है, लेकिन पाकिस्तान ने उसे सौंपने से इनकार कर दिया है।

लश्कर-ए-तैयबा 26/11 के हमलों के अलावा भारत में कई घातक हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है। इनमें से ज्यादातर हमले जम्मू-कश्मीर में हुए हैं, जिनमें पिछले कुछ वर्षों में कई नागरिक और सुरक्षाबल मारे गए हैं।

 

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