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ये जंग नहीं आसां : कीव पर कब्जे में विफल रहने के बाद अब डोनबास बना नई रणभूमि, भयावह खून खराबे की आशंका

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Sat, 09 Apr 2022 10:32 AM IST

सार

अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा प्रकाशित एक आलेख में कहा गया है कि 24 फरवरी को रूस द्वारा शुरू किए गए हमले के बाद से यूक्रेन उसे कड़ी चुनौती दे रहा है। 

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रूस-यूक्रेन जंग को डेढ़ माह से ज्यादा हो गया है, लेकिन यह किसी अंजाम तक पहुंचती नजर नहीं आ रही है। एक अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जे में विफल होने के बाद अब पूर्वी यूक्रेन में विद्रोहियों के कब्जे वाले डोनबास को नया मैदान-ए-जंग बनाया है। यहां भी यूक्रेन उसे कड़ी टक्कर दे सकता है। 

अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा प्रकाशित एक आलेख में यह बातें कही गई हैं। इसमें कहा गया है कि 24 फरवरी को रूस द्वारा शुरू किए गए हमले के बाद से यूक्रेन उसे कड़ी चुनौती दे रहा है। करीब डेढ़ माह बाद रूसी सेना ने अपनी रणनीति बदली है। इस बीच यूक्रेन ने उस पर बूचा में नरसंहार का आरोप लगाकर पूरी दुनिया में रूस को कठघरे में खड़ा किया है। 

भीषण संग्राम होगा
अमेरिकी रक्षा विभाग की वेबसाइट पर जारी इस आलेख में एक अधिकारी ने चेतावनी दी है कि पूर्वी यूक्रेन के डोनबास इलाके में आमने-सामने की जंग होगी, क्योंकि इस इलाके के ज्यादातर हिस्सों से दोनों देशों की सेना भलीभांति अवगत है। यहां लड़ाई बहुत वीभत्स व खून खराबे वाली होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि डोनबास पर रूस व यूक्रेन की बीते आठ सालों से नजर है। यूक्रेन की सेना इस इलाके पर रूस के कब्जे की रणनीति को लगातार विफल करती रही है। अब यहां भीषण संग्राम होगा। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि कीव पर हमले में जुटी रूसी सेना की टुकड़ियां अब बेलारूस व पश्चिमी रूस में नए सिरे से तैयार हो रही हैं। ये वहां से पूरे साजो-सामान के साथ डोनबास इलाके के उत्तरी हिस्से में पहुंचेंगी। शनिवार को दोनों देशों के बीच जंग 45 वें दिन में प्रवेश कर गई। इस दौरान रूस पर नृशंस हमलों के आरोप लगे हैं। रहवासी क्षेत्रों पर हमले, अस्पतालों पर मिसाइलें गिराने व दुष्कर्म जैसे आरोप भी लगाए गए हैं। 

रूस संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से निलंबित
यूक्रेन के अनेक शहरों में तबाही व मातम पसरा पड़ा है। लाशों के ढेर, जलती इमारतें व लगातार बमबारी के साए में वहां से लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं। कई दौर की वार्ताओं के बाद भी संघर्ष विराम नहीं हो सका है। हालांकि एक बड़े कदम के त हत गुरुवार को रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से निलंबित कर दिया गया है। 

विस्तार

रूस-यूक्रेन जंग को डेढ़ माह से ज्यादा हो गया है, लेकिन यह किसी अंजाम तक पहुंचती नजर नहीं आ रही है। एक अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जे में विफल होने के बाद अब पूर्वी यूक्रेन में विद्रोहियों के कब्जे वाले डोनबास को नया मैदान-ए-जंग बनाया है। यहां भी यूक्रेन उसे कड़ी टक्कर दे सकता है। 

अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा प्रकाशित एक आलेख में यह बातें कही गई हैं। इसमें कहा गया है कि 24 फरवरी को रूस द्वारा शुरू किए गए हमले के बाद से यूक्रेन उसे कड़ी चुनौती दे रहा है। करीब डेढ़ माह बाद रूसी सेना ने अपनी रणनीति बदली है। इस बीच यूक्रेन ने उस पर बूचा में नरसंहार का आरोप लगाकर पूरी दुनिया में रूस को कठघरे में खड़ा किया है। 

भीषण संग्राम होगा

अमेरिकी रक्षा विभाग की वेबसाइट पर जारी इस आलेख में एक अधिकारी ने चेतावनी दी है कि पूर्वी यूक्रेन के डोनबास इलाके में आमने-सामने की जंग होगी, क्योंकि इस इलाके के ज्यादातर हिस्सों से दोनों देशों की सेना भलीभांति अवगत है। यहां लड़ाई बहुत वीभत्स व खून खराबे वाली होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि डोनबास पर रूस व यूक्रेन की बीते आठ सालों से नजर है। यूक्रेन की सेना इस इलाके पर रूस के कब्जे की रणनीति को लगातार विफल करती रही है। अब यहां भीषण संग्राम होगा। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि कीव पर हमले में जुटी रूसी सेना की टुकड़ियां अब बेलारूस व पश्चिमी रूस में नए सिरे से तैयार हो रही हैं। ये वहां से पूरे साजो-सामान के साथ डोनबास इलाके के उत्तरी हिस्से में पहुंचेंगी। शनिवार को दोनों देशों के बीच जंग 45 वें दिन में प्रवेश कर गई। इस दौरान रूस पर नृशंस हमलों के आरोप लगे हैं। रहवासी क्षेत्रों पर हमले, अस्पतालों पर मिसाइलें गिराने व दुष्कर्म जैसे आरोप भी लगाए गए हैं। 

रूस संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से निलंबित

यूक्रेन के अनेक शहरों में तबाही व मातम पसरा पड़ा है। लाशों के ढेर, जलती इमारतें व लगातार बमबारी के साए में वहां से लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं। कई दौर की वार्ताओं के बाद भी संघर्ष विराम नहीं हो सका है। हालांकि एक बड़े कदम के त हत गुरुवार को रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से निलंबित कर दिया गया है। 

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