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बड़ी वापसी: चोरी की सात कलाकृतियां भारत को लौटाएगा स्कॉटलैंड म्यूजियम

सार

स्कॉटलैंड के शहर ग्लासगोव के म्यूजियम को ये सभी वस्तुएं उपहार में मिली थीं। म्यूजियम ने बातचीत शुरू की तो भारत सरकार ने इनकी वापसी की पूरी लागत चुकाने पर हामी भर दी। 

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स्कॉटलैंड के शहर ग्लासगोव की नगर परिषद ने भारत से चुराई गई सात ऐतिहासिक कलाकृतियां वापस लौटाने का फैसला सर्वसम्मति से लिया है। स्कॉटलैंड से किसी देश को एक बार में लौटाई जाने वाली ये सबसे ज्यादा कलाकृतियां होंगी। ब्रिटेन के किसी म्यूजियम से भारत को पुरावशेषों की यह सबसे बड़ी वापसी होगी।

लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने इस वर्ष के शुरू में ग्लासगोव नगर परिषद से कानपुर, ग्वालियर और बिहार से चुराई गई पुरातात्विक महत्व की छह कलाकृतियां लौटाने का अनुरोध किया था। पिछले माह उच्चायोग के व्यापार सचिव प्रथम जसप्रीत सिंह सुखीजा ने दक्षिण भारत की 14वीं सदी की ऐतिहासिक तलवार और म्यान लौटाने की मांग उठाई।

भारत सरकार और पुरातात्विक सेवा की ओर से भेजे अनुरोध में उच्चायोग ने कहा था कि प्राचीन समय की ये वस्तुएं भारत की ऐतिहासिक धरोहर हैं। इनका भारतीयों के लिए सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है।

19वीं सदी में इनमें से छह को भारत के विभिन्न राज्यों के हिंदू मंदिरों और धार्मिक स्थलों से चुराकर लाया गया है। तलवार को उसके मालिक के पास चुराकर देश के बाहर तस्करी से पहुंचाया गया है। ग्लासगोव के म्यूजियम को ये सभी वस्तुएं उपहार में मिली थीं। म्यूजियम ने बातचीत शुरू की तो भारत सरकार ने इनकी वापसी की पूरी लागत चुकाने पर हामी भर दी। 

विस्तार

स्कॉटलैंड के शहर ग्लासगोव की नगर परिषद ने भारत से चुराई गई सात ऐतिहासिक कलाकृतियां वापस लौटाने का फैसला सर्वसम्मति से लिया है। स्कॉटलैंड से किसी देश को एक बार में लौटाई जाने वाली ये सबसे ज्यादा कलाकृतियां होंगी। ब्रिटेन के किसी म्यूजियम से भारत को पुरावशेषों की यह सबसे बड़ी वापसी होगी।

लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने इस वर्ष के शुरू में ग्लासगोव नगर परिषद से कानपुर, ग्वालियर और बिहार से चुराई गई पुरातात्विक महत्व की छह कलाकृतियां लौटाने का अनुरोध किया था। पिछले माह उच्चायोग के व्यापार सचिव प्रथम जसप्रीत सिंह सुखीजा ने दक्षिण भारत की 14वीं सदी की ऐतिहासिक तलवार और म्यान लौटाने की मांग उठाई।

भारत सरकार और पुरातात्विक सेवा की ओर से भेजे अनुरोध में उच्चायोग ने कहा था कि प्राचीन समय की ये वस्तुएं भारत की ऐतिहासिक धरोहर हैं। इनका भारतीयों के लिए सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है।

19वीं सदी में इनमें से छह को भारत के विभिन्न राज्यों के हिंदू मंदिरों और धार्मिक स्थलों से चुराकर लाया गया है। तलवार को उसके मालिक के पास चुराकर देश के बाहर तस्करी से पहुंचाया गया है। ग्लासगोव के म्यूजियम को ये सभी वस्तुएं उपहार में मिली थीं। म्यूजियम ने बातचीत शुरू की तो भारत सरकार ने इनकी वापसी की पूरी लागत चुकाने पर हामी भर दी। 

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