Desh

हलफनामा: नए आईटी नियम से इंटरनेट पर बच्चों महिलाओं की सुरक्षा हुई सुनिश्चित

एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Wed, 17 Nov 2021 04:19 AM IST

सार

सुप्रीम कोर्ट ने भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी, दुष्कर्म व सामूहिक दुष्कर्म की तस्वीरों, वीडियो के प्रसार व ऐसी अश्लील सामग्री परोसने वाली साइटों पर अंकुश लगाने के लिए गाइडलाइन बनाने का निर्देश दिया है।

ख़बर सुनें

केंद्र सरकार ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में बताया कि इंटरनेट पर महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए आईटी नियम बेहद जरूरी हैं।

2021 के नए आईटी नियमों की वैधता का बचाव करते हुए  दिल्ली हाईकोर्ट में पेश नए हलफनामे में सरकार ने कहा, नए नियमों से फर्जी व जघन्य अपराधों के लिए उकसाने वाली सामग्री पर नकेल कसने की एक व्यवस्था तैयार होगी। इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा, यूजर्स की सुरक्षा खासतौर से महिलाओं व बच्चों को लेकर चिंताएं बहुत अधिक थीं।

दिल्ली हाईकोर्ट ने नए आईटी नियमों को असांविधानिक और विरोधात्मक बताते हुए चुनौती देने वाली एक याचिका पर सरकार से जवाब मांगा था। केंद्र ने फरवरी में सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को अधिसूचित किया था। इसमें ऑनलाइन संस्थाओं को कई दायित्व लागू किये थे। इनमें किसी भी तरह की विवादास्पद सामग्री को तुरंत हटाने, शिकायत निवारण अधिकारियों की नियुक्ति करने और जांच में सहायता करना शामिल है।

वकील उदय बेदी ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि नए आईटी नियमों में मुफ्त भाषण के मौलिक अधिकारों और व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म के उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता की घोर उपेक्षा की गई है। उनकी दलील थी कि शिकायत के आधार पर सोशल मीडिया मंचों को सामग्री हटाने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। 

सोशल मीडिया मंचों की जिम्मेदारी तय की 
केंद्र ने बताया कि नए नियमों के जरिये सोशल मीडिया मंचों की जिम्मेदारी तय की गई है। अब वह उनके प्लेटफार्म पर परोसी गई विवादास्पद, अश्लील या विचलित करने वाली सामग्री से पल्ला नहीं झाड़ सकतीं। उन्हें ऐसे मामलों में 24 घंटे के भीतर ऐसी सामग्री हटानी होगी और इस पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी। साथ ही पीड़ित को पूरी मदद मुहैया करानी होगी। गैर कानूनी सामग्री को इंटरनेट से हटाने के भी प्रावधान नए नियमों में किये गए हैं।

विस्तार

केंद्र सरकार ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में बताया कि इंटरनेट पर महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए आईटी नियम बेहद जरूरी हैं।

2021 के नए आईटी नियमों की वैधता का बचाव करते हुए  दिल्ली हाईकोर्ट में पेश नए हलफनामे में सरकार ने कहा, नए नियमों से फर्जी व जघन्य अपराधों के लिए उकसाने वाली सामग्री पर नकेल कसने की एक व्यवस्था तैयार होगी। इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा, यूजर्स की सुरक्षा खासतौर से महिलाओं व बच्चों को लेकर चिंताएं बहुत अधिक थीं।

दिल्ली हाईकोर्ट ने नए आईटी नियमों को असांविधानिक और विरोधात्मक बताते हुए चुनौती देने वाली एक याचिका पर सरकार से जवाब मांगा था। केंद्र ने फरवरी में सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को अधिसूचित किया था। इसमें ऑनलाइन संस्थाओं को कई दायित्व लागू किये थे। इनमें किसी भी तरह की विवादास्पद सामग्री को तुरंत हटाने, शिकायत निवारण अधिकारियों की नियुक्ति करने और जांच में सहायता करना शामिल है।

वकील उदय बेदी ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि नए आईटी नियमों में मुफ्त भाषण के मौलिक अधिकारों और व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म के उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता की घोर उपेक्षा की गई है। उनकी दलील थी कि शिकायत के आधार पर सोशल मीडिया मंचों को सामग्री हटाने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। 

सोशल मीडिया मंचों की जिम्मेदारी तय की 

केंद्र ने बताया कि नए नियमों के जरिये सोशल मीडिया मंचों की जिम्मेदारी तय की गई है। अब वह उनके प्लेटफार्म पर परोसी गई विवादास्पद, अश्लील या विचलित करने वाली सामग्री से पल्ला नहीं झाड़ सकतीं। उन्हें ऐसे मामलों में 24 घंटे के भीतर ऐसी सामग्री हटानी होगी और इस पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी। साथ ही पीड़ित को पूरी मदद मुहैया करानी होगी। गैर कानूनी सामग्री को इंटरनेट से हटाने के भी प्रावधान नए नियमों में किये गए हैं।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: