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शताब्दी समागम: पीएम मोदी करेंगे पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन का उद्घाटन, बनेगी सौ वर्षों की संसदीय कार्ययोजना

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Tue, 16 Nov 2021 07:01 AM IST

सार

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि पीठासीन अधिकारियों के इस शताब्दी सम्मेलन में अगले 100 वर्ष की कार्ययोजना बनाई जाएगी।

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हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संसद और राज्यों के विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारियों के तीन-दिवसीय शताब्दी सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को करेंगे। पीठासीन अधिकारियों का पहला सम्मेलन शिमला में ही 1921 में आयोजित किया गया था।

सम्मेलन की अध्यक्षता लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला करेंगे और समापन हिमाचल के राज्यपाल 18 नवंबर को करेंगे। सभी राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति, राज्यसभा के सभापति एवं उप सभापति इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि पीठासीन अधिकारियों के इस शताब्दी सम्मेलन में अगले 100 वर्ष की कार्ययोजना बनाई जाएगी। संसद और राज्यों के विधानमंडलों में सदन किस तरह से सुचारु रूप से चले, जनता के हितों का सदन सही तरीके से प्रतिनिधित्व कर सके और सरकारों की जवाबदेही कैसे तय की जाए, इन सब मुद्दों पर शिमला सम्मेलन में व्यापक विचार विमर्श किया जाएगा। सम्मेलनों में हुए फैसले को लागू किया गया है या नहीं, इसकी भी इस सम्मेलन में समीक्षा की जाएगी। 

विस्तार

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संसद और राज्यों के विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारियों के तीन-दिवसीय शताब्दी सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को करेंगे। पीठासीन अधिकारियों का पहला सम्मेलन शिमला में ही 1921 में आयोजित किया गया था।

सम्मेलन की अध्यक्षता लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला करेंगे और समापन हिमाचल के राज्यपाल 18 नवंबर को करेंगे। सभी राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति, राज्यसभा के सभापति एवं उप सभापति इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि पीठासीन अधिकारियों के इस शताब्दी सम्मेलन में अगले 100 वर्ष की कार्ययोजना बनाई जाएगी। संसद और राज्यों के विधानमंडलों में सदन किस तरह से सुचारु रूप से चले, जनता के हितों का सदन सही तरीके से प्रतिनिधित्व कर सके और सरकारों की जवाबदेही कैसे तय की जाए, इन सब मुद्दों पर शिमला सम्मेलन में व्यापक विचार विमर्श किया जाएगा। सम्मेलनों में हुए फैसले को लागू किया गया है या नहीं, इसकी भी इस सम्मेलन में समीक्षा की जाएगी। 

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