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आरबीआई का दावा: खपत व रोजगार ने सुधारी अर्थव्यवस्था की रफ्तार, अन्य देशों के विपरीत हर मोर्चे पर बढ़ रहा भारत

आरबीआई का दावा: खपत व रोजगार ने सुधारी अर्थव्यवस्था की रफ्तार, अन्य देशों के विपरीत हर मोर्चे पर बढ़ रहा भारत

एजेंसी, मुंबई
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 16 Nov 2021 07:36 AM IST

सार

आरबीआई ने बुलेटिन के हवाले से कहा, अमेरिका-यूरोप सहित दुनिया के अन्य देश जहां अब भी दबावों से जूझ रहे हैं। वहीं, भारत सभी मोर्चे पर दमदार प्रदर्शन कर रहा है।

भारतीय अर्थव्यवस्था
– फोटो : पीटीआई

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भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी के दबाव से पूरी तरह बाहर निकल चुकी है। घरेलू खपत और बढ़ते रोजगार ने अर्थव्यवस्था को सुधारने में बड़ी भूमिका निभाई है। रिजर्व बैंक ने सोमवार को जारी मासिक बुलेटिन में यह दावा किया।

आरबीआई ने बुलेटिन के हवाले से कहा, अमेरिका-यूरोप सहित दुनिया के अन्य देश जहां अब भी दबावों से जूझ रहे हैं। वहीं, भारत सभी मोर्चे पर दमदार प्रदर्शन कर रहा है। कर्ज की मांग ने आर्थिक व औद्योगिक गतिविधियों को पटरी पर ला दिया, जिससे घरेलू भी बढ़ी है। कंपनियां उत्पादन बढ़ाकर नौकरियां दे रही हैं, जिससे लोगों की कमाई दोबारा बढ़नी शुरू हो गई। इस तरह अर्थव्यवस्था का चक्र (पहिया) एक बार फिर अपनी गति से घूमना शुरू हो गया है।

संक्रमण नहीं लौटा तो और तेज रफ्तार पकड़ेंगे
आरबीआई ने चीन, यूरोप, रूस में संक्रमण के दोबारा बढ़ने पर चिंता जताते हुए कहा कि हमने तेजी से टीकाकरण कर महामारी पर काबू तो पा लिया, लेकिन खतरा पूरी तरह टला नहीं है। संक्रमण वापस नहीं लौटता तो अर्थव्यवस्था और रफ्तार पकड़ेगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था में दोबारा अनिश्चितता बढ़ने का असर भारत पर भी हो सकता है। हालांकि, इससे पार पाने के लिए सरकार व केंद्रीय बैंक लगातार कदम उठा रहे हैं।

दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का दम : पात्रा
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल डी पात्रा ने उम्मीद जताई है कि भारत 2040 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा। उन्होंने कहा, अन्य देशों के मुकाबले भारत में भूराजनैतिक तनावों और बाहरी झटकों को झेलने की क्षमता अधिक है। हम दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था बन चुके हैं और अगले एक दशक तक हमारी औसत विकास 8% के आसपास रहेगी, 1970 के दशक में औसत विकास दर 3.5 फीसदी थी।

विस्तार

भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी के दबाव से पूरी तरह बाहर निकल चुकी है। घरेलू खपत और बढ़ते रोजगार ने अर्थव्यवस्था को सुधारने में बड़ी भूमिका निभाई है। रिजर्व बैंक ने सोमवार को जारी मासिक बुलेटिन में यह दावा किया।

आरबीआई ने बुलेटिन के हवाले से कहा, अमेरिका-यूरोप सहित दुनिया के अन्य देश जहां अब भी दबावों से जूझ रहे हैं। वहीं, भारत सभी मोर्चे पर दमदार प्रदर्शन कर रहा है। कर्ज की मांग ने आर्थिक व औद्योगिक गतिविधियों को पटरी पर ला दिया, जिससे घरेलू भी बढ़ी है। कंपनियां उत्पादन बढ़ाकर नौकरियां दे रही हैं, जिससे लोगों की कमाई दोबारा बढ़नी शुरू हो गई। इस तरह अर्थव्यवस्था का चक्र (पहिया) एक बार फिर अपनी गति से घूमना शुरू हो गया है।

संक्रमण नहीं लौटा तो और तेज रफ्तार पकड़ेंगे

आरबीआई ने चीन, यूरोप, रूस में संक्रमण के दोबारा बढ़ने पर चिंता जताते हुए कहा कि हमने तेजी से टीकाकरण कर महामारी पर काबू तो पा लिया, लेकिन खतरा पूरी तरह टला नहीं है। संक्रमण वापस नहीं लौटता तो अर्थव्यवस्था और रफ्तार पकड़ेगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था में दोबारा अनिश्चितता बढ़ने का असर भारत पर भी हो सकता है। हालांकि, इससे पार पाने के लिए सरकार व केंद्रीय बैंक लगातार कदम उठा रहे हैं।

दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का दम : पात्रा

रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल डी पात्रा ने उम्मीद जताई है कि भारत 2040 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा। उन्होंने कहा, अन्य देशों के मुकाबले भारत में भूराजनैतिक तनावों और बाहरी झटकों को झेलने की क्षमता अधिक है। हम दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था बन चुके हैं और अगले एक दशक तक हमारी औसत विकास 8% के आसपास रहेगी, 1970 के दशक में औसत विकास दर 3.5 फीसदी थी।

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