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काम की बात: बच्चों के बेहतर वित्तीय भविष्य के लिए इन पांच तरीकों से बनाएं फंड

काम की बात: बच्चों के बेहतर वित्तीय भविष्य के लिए इन पांच तरीकों से बनाएं फंड

अपने बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए माता-पिता को जल्द बचत शुरू कर देनी चाहिए। लगातार बढ़ रही महंगाई और शिक्षा की बढ़ती लागत को देखते हुए ध्यान देने वाली बात है कि सिर्फ बचत करने से ही काम नहीं चलेगा बल्कि अपने पैसे को बेहतर रिटर्न देने वाली योजनाओं में लगाना होगा।

निवेश सलाहकारों का मानना है कि मौजूदा समय में सिर्फ बैंक खातों में पैसे जमा करने मात्र से यह उद्देश्य पूरा नहीं हो सकता है। बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने के लिए माता-पिता को सही निवेश विकल्पों का चुनाव करना होगा। निवेश विकल्पों का चयन करते समय महंगाई दर का भी ध्यान रखना होगा। इसलिए हमें उन योजनाओं में निवेश करना चाहिए, जिनमें महंगाई दर (करीब 6 फीसदी) के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिले। इससे जरूरी फंड जमा करने में मदद मिलेगी।

सुकन्या समृद्धि योजना
यह योजना विशेष तौर पर बेटियों के लिए है। एक एजुकेशन फंड के अलावा अगर आपको विदेश में पढ़ाई जैसे बड़े खर्चों के लिए पैसे की जरूरत नहीं है तो भी इसमें निवेश कर सकते हैं। सरकार समर्थित बचत योजना से जुड़े पैसे का इस्तेमाल बेटी की शादी के लिए भी कर सकते हैं। हालांकि, इसकी मैच्योरिटी अवधि लंबी होती है, लेकिन इसमें निश्चित रूप से पीपीएफ के मुकाबले ज्यादा अधिक रिटर्न मिलता है।

इक्विटी म्यूचुअल फंड
पढ़ाई की लागत सालाना औसतन 10 फीसदी से अधिक दर से बढ़ रही है। इसे देखते हुए ऐसे फंड्स में निवेश जरूरी है, जो इससे अधिक रिटर्न दे सकें। इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में अच्छा रिटर्न मिल सकता है, जो बच्चे की पढ़ाई के लिए जरूरी रकम जुटाने में अहम भूमिका निभा सकता है। इसके लिए इक्विटी फंड में एसआईपी में पैसे लगा सकते हैं। डेट फंड भी निवेश का बेहतर विकल्प हो सकते हैं। इनमें बैंक एफडी से ज्यादा रिटर्न मिल सकता है।

नैस्डैक 500 और मोतीलाल एसएंडपी 500
बच्चों को विदेश में पढ़ाना चाहते हैं तो इन दोनों अंतरराष्ट्रीय फंडों में निवेश कर सकते हैं। इनमें डॉलर में हेज होता है। इसका मतलब है कि आपका निवेश और रिटर्न सीधे डॉलर मार्केट में होगा। इससे मुद्रा विनिमय पर होने वाला नुकसान कम होगा और कोई भी इसे बिना मुश्किल के विदेश में खर्च कर सकता है।

फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान
तीन साल या इससे कम अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो फिक्स्ड मैच्योरिटी अच्छा साधन हो सकता है। इसे एफएमपी के नाम से जाता है। ये डेट बॉन्ड होते हैं। इनमें न सिर्फ जोखिम कम रहता है बल्कि एफडी से ज्यादा रिटर्न देते हैं।

टैक्स बचाने के साथ जोखिम नहीं लेने वालों के लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) एक बेहतर निवेश विकल्प है। इनमें 15 साल की लॉकइन अवधि है, जो लंबी अवधि में बड़ा फंड बनाने में मददगार है। पीपीएफ पर 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है।

महंगाई को देखकर करें निवेश
किसी भी योजना में निवेश से पहले उत्पाद के बारे में पूरी जानकारी जुटाएं। पता लगाएं कि यह उत्पाद महंगाई दर को कैसे मात दे सकता है। शिक्षा से जुड़ी महंगाई 10% से ज्यादा की रफ्तार से बढ़ रही है। ऐसे में हाइब्रिड या इक्विटी फंड में पैसे लगाएं। लंबी अवधि के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड. सोना, सुकन्या समृद्धि, पीपीएफ के मिश्रण का उपयोग कर सकते हैं। एक उत्पाद में एकमुश्त पैसे न लगाएं। -अर्चित गुप्ता, सीईओ, क्लियर टैक्स

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