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सुप्रीम कोर्ट: सुपरटेक को लगाई फटकार, ट्विन टावर में घर खरीदने वालों को 28 फरवरी तक रकम लौटाने का निर्देश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Fri, 04 Feb 2022 10:12 PM IST

सार

न्यायालय ने कहा कि बकाया आवासीय ऋण वाले मामलों में कंपनी को 31 मार्च तक कर्ज निपटाना होगा और इससे जुड़े वित्तीय संस्थानों से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेकर 10 अप्रैल 2022 तक जमा करना होगा।

सुपरटेक ट्विन टावर।
– फोटो : अमर उजाला

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विस्तार

सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट डेवेलपर कंपनी सुपरटेक लिमिटेड को सख्त निर्देश दिया है कि वह अपनी एमेराल्ड कोर्ट परियोजना के तहत दोनों टावरों में घर खरीदने वाले ग्राहकों को 28 फरवरी तक तय राशि लौटा दे। इसी के साथ कोर्ट ने साफ कर दिया कि वह नोएडा स्थित इस परियोजना में घर खरीदने वाले ग्राहकों के बीच रकम वापसी पर सहमति की प्रक्रिया दोबारा शुरू नहीं करवाएगा।

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। गौरतलब है कि न्यायालय की तरफ से इस मामले में नियुक्त न्याय-मित्र गौरव अग्रवाल ने घर खरीदारों को लौटाई जाने वाली राशि निर्धारित की है। न्यायालय ने कहा कि बकाया आवासीय ऋण वाले मामलों में कंपनी को 31 मार्च तक कर्ज निपटाना होगा और इससे जुड़े वित्तीय संस्थानों से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेकर 10 अप्रैल 2022 तक जमा करना होगा।

38 फ्लैट खरीदारों से रकम वापसी पर बनी सहमति

पीठ ने कहा कि वापस लौटाई जाने वाली रकम के बारे में फ्लैट खरीदारों के साथ बनी सहमति का पालन दोनों ही पक्षों को करना होगा। उसने तय रकम के बारे में न्याय-मित्र की गणना को स्वीकार करते हुए कहा कि इस पर नए सिरे से गौर करना अनुचित होगा।  वकील गौरव अग्रवाल ने पीठ को बताया कि कुछ घर खरीदारों ने वापस लौटाई जाने वाली रकम की गणना ठीक ढंग से नहीं किए जाने की बात कही है। लेकिन उनमें से किसी ने भी तय राशि की मात्रा में कोई गड़बड़ी नहीं पाई है। अब तक 38 फ्लैट खरीदारों की रकम वापसी पर सहमति बनी है।

दोनों टावरों को गिराए जाने के मसले पर फिर होगा विचार

पीठ ने कहा कि दोनों टावरों को गिराए जाने के मसले पर वह सात फरवरी को विचार करेगी। इस आवासीय परियोजना को भवन निर्माण मानकों के उल्लंघन का दोषी पाए जाने के बाद 40 मंजिला टॉवरों को गिराने के आदेश दिए गए हैं। नोएडा प्राधिकरण ने पीठ को बताया कि उसने टॉवर ध्वस्त करने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग को केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की के साथ परामर्श में काम करने के चुना है।

उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त 2021 को सुपरटेक के निर्माणाधीन 40 मंजिला दोनों टॉवरों को ध्वस्त करने का आदेश देते हुए कहा था कि इस काम को तीन महीने के भीतर पूरा किया जाए। इसके साथ ही उसने इस परियोजना में घर खरीदने वाले सभी खरीदारों को बुकिंग के समय से 12 प्रतिशत ब्याज के साथ रकम लौटाने का निर्देश सुपरटेक को दिया था।

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