न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Fri, 25 Mar 2022 09:43 PM IST
सार
इस मामले में हाईकोर्ट ने सिद्धू को दोषी ठहराया था और तीन साल जेल व एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ सिद्धू सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे जहां उन्हें बरी कर दिया गया था। पीड़ित पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है।
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विस्तार
आरोप है कि सिद्धू और गुरनाम सिंह के बीच बीच हाथापाई भी हुई थी। पुलिस ने इस घटना में नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 1000 रुपये का जुर्माना लगाकर उन्हें बरी कर दिया था। पीड़ित पक्ष ने इसे लेकर पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने बाउंसर भेजे जाने पर हैरानी जताई
वहीं, एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हैराई जताई। दरअसल, कोर्ट को बताया गया कि खान मार्केट के निकट सुजान सिंह पार्क में रहने वाले सरकारी अधिकारियों की संपत्तियों को खाली कराने के लिए एक निजी फर्म की ओर से बाउंसर भेजे जा रहे हैं।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ को बताया कि सरकारी अधिकारियों को बाउंसर की मदद से सुजान सिंह पार्क के फ्लैट से बाहर निकाला जा रहा है। पीठ ने कहा कि वे भारत सरकार के खिलाफ बाउंसर कैसे भेज सकते हैं? इसे अगले सप्ताह उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करेंगे।
दादी के अंतिम संस्कार में जा सकेगी संजय चंद्रा की पत्नी
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक के पूर्व प्रमोटर संजय चंद्रा की पत्नी प्रीति को अपनी दादी के अंतिम संस्कार में जाने की इजाजत दे दी है। धन शोधन मामले में तिहाड़ जेल में बंद प्रीति 26 मार्च या 5 अप्रैल को पांच घंटे के लिए जेल से बाहर जाकर दादी के अंतिम संस्कार में शामिल हो सकेगी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने यह अनुमति देने से पहले प्रीति से अपने डोमिनिकन रिपब्लिक और अन्य पासपोर्ट जमा कराने के लिए कहा। इस अवधि में न तो वह दिल्ली से बाहर जाएगी और न ही सेलफोन का इस्तेमाल करेगी।