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सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई: बिहार सरकार के शीर्ष अधिकारियों को जारी किए अवमानना नोटिस, पढ़िए क्या है पूरा मामला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Tue, 18 Jan 2022 11:10 PM IST

सार

अपने आदेशों का पालन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के कुछ शीर्ष अधिकारियों को अवमानना नोटिस भेजा है और 22 फरवरी को अदालत के सामने पेश होने के लिए कहा है।

सुप्रीम कोर्ट
– फोटो : सोशल मीडिया

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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिहार सरकार के कुछ शीर्ष अधिकारियों को प्रथम दृष्टया अपमानना का दोषी करार दिया। शीर्ष अदालत ने कुछ कर्मचारियों को पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ देने के लिए अपने आदेशों का पालन करने के लिए इन अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं और 22 फरवरी को पेश होने के लिए कहा है। 

न्यायाधीश एल नागेश्वर राव और बीआर गवई की पीठ ने यह कदम उस याचिका पर सुनवाई करते हुए उठाया जिसमें बिहार के मुख्य सचिव और वित्त विभाग के प्रधान सचिव समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ कथित तौर पर जानबूझ कर आदेश का पालन करने के लिए अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की गई थी।

पीठ ने कहा, हम, प्रथम दृष्टया, पाते हैं कि इस अदालत की ओर से चार मार्च 2020 और 15 फरवरी 2021 को जारी किए गए निर्देशों का पालन जानबूझ कर नहीं किया गया है और यह इस अदालत की अवमानना है। पीठ ने अधिकारियों को 22 फरवरी को पेश होने के लिए और अपने बचाव में कारण पेश करने के लिए कहा।

विस्तार

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिहार सरकार के कुछ शीर्ष अधिकारियों को प्रथम दृष्टया अपमानना का दोषी करार दिया। शीर्ष अदालत ने कुछ कर्मचारियों को पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ देने के लिए अपने आदेशों का पालन करने के लिए इन अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं और 22 फरवरी को पेश होने के लिए कहा है। 

न्यायाधीश एल नागेश्वर राव और बीआर गवई की पीठ ने यह कदम उस याचिका पर सुनवाई करते हुए उठाया जिसमें बिहार के मुख्य सचिव और वित्त विभाग के प्रधान सचिव समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ कथित तौर पर जानबूझ कर आदेश का पालन करने के लिए अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की गई थी।

पीठ ने कहा, हम, प्रथम दृष्टया, पाते हैं कि इस अदालत की ओर से चार मार्च 2020 और 15 फरवरी 2021 को जारी किए गए निर्देशों का पालन जानबूझ कर नहीं किया गया है और यह इस अदालत की अवमानना है। पीठ ने अधिकारियों को 22 फरवरी को पेश होने के लिए और अपने बचाव में कारण पेश करने के लिए कहा।

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