अमिताभ बच्चन को सदी का महानायक कहा जाता है। लेकिन फिल्म जगत में अपना नाम बनाने के लिए बिग बी ने एक कड़ी मेहनत की है। अमिताभ बच्चन ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ से की थी। इस फिल्म को अमिताभ बच्चन ने 15 फरवरी 1969 में साइन किया था और ये फिल्म 7 नवम्बर को 1969 को बड़े परदे पर रिलीज हुई थी। इस फिल्म के जरिए ही भारतीय फिल्म सिनेमा को एक टैलेंट और दिग्गज कलाकार के रूप में अमिताभ बच्चन जैसा सितारा मिला।
सात हिंदुस्तानी को हुए 52 साल पूरे
अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ को आज रिलीज हुए पूरे 52 साल हो चुके हैं। इस खास मौके पर अमिताभ बच्चन ने अपनी पहली फिल्म की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की। ये उनकी फिल्म की एक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर है। इस तस्वीर में अमिताभ बच्चन बहुत ही गंभीर मुद्रा में खड़े हुए हैं। तस्वीर को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए अमिताभ बच्चन ने अपनी फीलिंग साझा की।
अमिताभ बच्चन ने लिखा ये कैप्शन
अमिताभ बच्चन ने इस पोस्ट को कैप्शन देते हुए लिखा, ’15 फरवरी 1969, को अपनी पहली फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ साइन की थी और 7 नवंबर 1969 को ये फिल्म परदे पर रिलीज हुई थी। आज इस फिल्म को 52 साल पूरे हो गए हैं। बता दें कि अमिताभ बच्चन को ये फिल्म काफी संघर्षों के बाद मिली। अमिताभ बच्चन की ये फिल्म बड़े परदे पर कुछ खास कमाल नहीं कर पाई, लेकिन अमिताभ बच्चन को इंडस्ट्री में एक अलग पहचान जरूर मिली।
इस अभिनेता को ऑफर हुआ था रोल
ये बात शायद ही कम लोग जानते हैं कि अमिताभ बच्चन इस किरदार के लिए पहली पसंद नहीं थे। ये भूमिका उनसे पहले टीनू आनंद को ऑफर हुई थी। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने अनवर अली का किरदार निभाया था। ये किरदार पहले टीनू आनंद के पास गया था और उन्होंने फिल्म के लिए हां भी कर दी थी, लेकिन उसी दौरान सत्यजीत रे ने टीनू आनंद के पिता को एक पत्र लिखा और कहा कि अपने बेटे को असिस्टेंट बनने के लिए भेज दो। इसके बाद टीनू आनंद ने अब्बास से माफी मांगी और फिल्म से आउट हो गए।
इस निर्देशक ने दिया था अमिताभ बच्चन को बड़ा ब्रेक
इस फिल्म में काम करने के लिए अमिताभ बच्चन को कड़ा संघर्ष करना पड़ा था। अमिताभ बच्चन को अपना पहला बड़ा ब्रेक फिल्मकार ख्वाजा अहमद अब्बास ने दिया था। अब्बास फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ के निर्देशक और सह-निर्माता भी थे। इस फिल्म की कहानी भी उन्होंने ही लिखी थी। हालांकि बाहर होने के बाद टीनू आनंद ने ही अमिताभ बच्चन के नाम का सुझाव निर्देशक अब्बास को दिया था।
लंबे लड़के की थी तलाश
दरअसल अहमद अब्बास को इस फिल्म के लिए एक लंबे लड़के की ही तलाश थी। उन्होंने कहा, ‘एक दिन मुझे एक लंबे से लड़के की तस्वीर मिली। मुझे लगा कि वह बॉम्बे में है, तो मैंने कहा कि मिलवा दो। वह अगली शाम मिलने आ गया। उस समय भी लग रहा था कि वह बॉम्बे में ही था, पर वो दिल्ली से आया था। इसके बाद अहमद अब्बास ने अमिताभ बच्चन का परिचय लिया और उन्हें अपनी फिल्म में कास्ट किया। ये फिल्म अमिताभ बच्चन के लिए मील का पत्थर साबित हुई।