पीटीआई, नई दिल्ली/पटना।
Published by: Jeet Kumar
Updated Sat, 06 Nov 2021 12:07 AM IST
सार
राज्य सरकार ने कहा कि बिहार राज्य ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का गठन 2015 में किया गया है। बोर्ड द्वारा समय-समय पर ट्रांसजेंडर समुदाय के सामाजिक विकास के उपायों को लागू किया जा रहा है और उनकी निगरानी की जा रही है।
देश में ट्रांसजेंडर समुदाय की आवाज अब तेजी से उठने लगी है। ट्रांसजेंडर के मुद्दे से जुड़ी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में बिहार सरकार ने भी अपनी बात रखी। बिहार सरकार ने कोर्ट को बताया है कि उसने ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए सभी संभव कदम उठाए हैं, जिसमें उनके सामाजिक विकास की निगरानी के लिए राज्य ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की स्थापना भी शामिल है।
इसी साल 12 अप्रैल को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े (सेवानिवृत्त होने के बाद से) की अध्यक्षता वाली पीठ ने किन्नर मां सामाजिक संस्था ट्रस्ट की एक याचिका पर केंद्र और राज्यों से जवाब मांगा था, जिसमें इस समुदाय के सामाजिक कल्याण के मुद्दों को हल करने के लिए एक ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड स्थापित करने के निर्देश देने की मांग की गई थी।
बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक राकेश रंजन ने जवाब से संबंधित हलफनामा दाखिल करते हुए कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं और वे देश में किसी भी अन्य नागरिक की तरह सम्मानजनक जीवन जी सकते हैं। राज्य सरकार ने कहा कि बिहार राज्य ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का गठन 2015 में किया जा चुका है।
बोर्ड द्वारा समय-समय पर ट्रांसजेंडर समुदाय के सामाजिक विकास के उपायों को लागू किया जा रहा है और उनकी निगरानी की जा रही है। इसकी संरचना में ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों को उनकी मान्यता और सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए शामिल किया गया था।
राज्य सरकार ने कहा कि अन्य कल्याणकारी उपाय भी किए जा रहे हैं और इस मुद्दे पर एक मामले की निगरानी पटना उच्च न्यायालय द्वारा की जा रही है जो समय-समय पर कई आदेश पारित करता रहा है। वहीं ट्रांसजेंडर समुदाय की आवाज उठाई जा सके उसके लिए एक अलग वेब पोर्टल भी तैयार किया गया है।
विस्तार
देश में ट्रांसजेंडर समुदाय की आवाज अब तेजी से उठने लगी है। ट्रांसजेंडर के मुद्दे से जुड़ी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में बिहार सरकार ने भी अपनी बात रखी। बिहार सरकार ने कोर्ट को बताया है कि उसने ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए सभी संभव कदम उठाए हैं, जिसमें उनके सामाजिक विकास की निगरानी के लिए राज्य ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की स्थापना भी शामिल है।
इसी साल 12 अप्रैल को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े (सेवानिवृत्त होने के बाद से) की अध्यक्षता वाली पीठ ने किन्नर मां सामाजिक संस्था ट्रस्ट की एक याचिका पर केंद्र और राज्यों से जवाब मांगा था, जिसमें इस समुदाय के सामाजिक कल्याण के मुद्दों को हल करने के लिए एक ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड स्थापित करने के निर्देश देने की मांग की गई थी।
बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक राकेश रंजन ने जवाब से संबंधित हलफनामा दाखिल करते हुए कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं और वे देश में किसी भी अन्य नागरिक की तरह सम्मानजनक जीवन जी सकते हैं। राज्य सरकार ने कहा कि बिहार राज्य ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का गठन 2015 में किया जा चुका है।
बोर्ड द्वारा समय-समय पर ट्रांसजेंडर समुदाय के सामाजिक विकास के उपायों को लागू किया जा रहा है और उनकी निगरानी की जा रही है। इसकी संरचना में ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों को उनकी मान्यता और सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए शामिल किया गया था।
राज्य सरकार ने कहा कि अन्य कल्याणकारी उपाय भी किए जा रहे हैं और इस मुद्दे पर एक मामले की निगरानी पटना उच्च न्यायालय द्वारा की जा रही है जो समय-समय पर कई आदेश पारित करता रहा है। वहीं ट्रांसजेंडर समुदाय की आवाज उठाई जा सके उसके लिए एक अलग वेब पोर्टल भी तैयार किया गया है।
Source link
Share this:
-
Click to share on Facebook (Opens in new window)
-
Like this:
Like Loading...
-
तेलंगाना : सरकार द्वारा संचालित एक स्कूल में मिड-डे मील खाने के बाद 32 छात्र हुए बीमार
-
-
मनी लॉन्ड्रिंग मामला: स्वास्थ परीक्षण के लिए लाए गए अनिल देशमुख, कुछ ही देर में पीएमएलए अदालत में होगी पेशी