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संसद में सरकार : यूपी में यूएपीए के तहत सबसे अधिक सजा और गिरफ्तारियां हुईं, एनआरसी पर अभी कोई फैसला नहीं

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Wed, 16 Mar 2022 06:48 AM IST

सार

सजा देने के मामले में भी सबसे ऊपर यूपी (54) है, इसके बाद तमिलनाडु (21), झारखंड (3) और जम्मू-कश्मीर (2) हैं। गिरफ्तारी के बाद जमानत देने वालों में सबसे ऊपर जम्मू-कश्मीर(103), तमिलनाडु (44), केरल (22), और मणिपुर (19) हैं।

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उत्तर प्रदेश में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के अंतर्गत वर्ष 2020 में सबसे अधिक 361 लोगों की गिरफ्तारियां हुईं और 54 लोगों को सजा मिली। एनसीआरबी के अनुसार वर्ष 2020 में यूएपीए के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 361 लोगों को गिरफ्तार किया गया, इसके बाद जम्मू-कश्मीर का 346 और मणिपुर का 225 गिरफ्तारियों के साथ नंबर आता है।

सजा देने के मामले में भी सबसे ऊपर यूपी (54) है, इसके बाद तमिलनाडु (21), झारखंड (3) और जम्मू-कश्मीर (2) हैं। गिरफ्तारी के बाद जमानत देने वालों में सबसे ऊपर जम्मू-कश्मीर(103), तमिलनाडु (44), केरल (22), और मणिपुर (19) हैं। यूएपीए के अंतर्गत गिरफ्तारी के बाद निर्दोष बरी होने वाले राज्यों में तमिलनाडु (50), झारखंड(46), असम(13) और जम्मू-कश्मीर (4) हैं। 

लोकसभा में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने एक लिखित जानकारी दी, जिसमें पूछा गया था कि कितने लोग इस कानून के अंतर्गत जेल में बंद हैं, और जिनकी जमानत नहीं हुई, उसका आधार क्या है? 

गृह राज्यमंत्री ने कहा कि संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार पुलिस और कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मिली अपराधों की जानकारी को राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो (एनसीआरबी) दर्ज करता है। 

गृह राज्यमंत्री ने कहा कि इस कानून के तहत कितने समय से जेलों में बंद अपराधियों की जानकारी और जो बिना जमानत के कितने समय से जेलों में बंद हैं इसकी जानकारी एनसीआरबी दर्ज नहीं करता है।

विस्तार

उत्तर प्रदेश में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के अंतर्गत वर्ष 2020 में सबसे अधिक 361 लोगों की गिरफ्तारियां हुईं और 54 लोगों को सजा मिली। एनसीआरबी के अनुसार वर्ष 2020 में यूएपीए के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 361 लोगों को गिरफ्तार किया गया, इसके बाद जम्मू-कश्मीर का 346 और मणिपुर का 225 गिरफ्तारियों के साथ नंबर आता है।

सजा देने के मामले में भी सबसे ऊपर यूपी (54) है, इसके बाद तमिलनाडु (21), झारखंड (3) और जम्मू-कश्मीर (2) हैं। गिरफ्तारी के बाद जमानत देने वालों में सबसे ऊपर जम्मू-कश्मीर(103), तमिलनाडु (44), केरल (22), और मणिपुर (19) हैं। यूएपीए के अंतर्गत गिरफ्तारी के बाद निर्दोष बरी होने वाले राज्यों में तमिलनाडु (50), झारखंड(46), असम(13) और जम्मू-कश्मीर (4) हैं। 

लोकसभा में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने एक लिखित जानकारी दी, जिसमें पूछा गया था कि कितने लोग इस कानून के अंतर्गत जेल में बंद हैं, और जिनकी जमानत नहीं हुई, उसका आधार क्या है? 

गृह राज्यमंत्री ने कहा कि संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार पुलिस और कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मिली अपराधों की जानकारी को राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो (एनसीआरबी) दर्ज करता है। 

गृह राज्यमंत्री ने कहा कि इस कानून के तहत कितने समय से जेलों में बंद अपराधियों की जानकारी और जो बिना जमानत के कितने समय से जेलों में बंद हैं इसकी जानकारी एनसीआरबी दर्ज नहीं करता है।

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