वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कोलंबो
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Fri, 08 Apr 2022 09:20 PM IST
सार
भारत ने आर्थिक संकट से निपटने के लिए श्रीलंका को हाल में आर्थिक मदद के रूप में एक अरब डॉलर का ऋण देने की घोषणा भी की थी। भारतीय उच्चायोग ने बुधवार को कर्ज के तहत कोलंबो में ईंधन के दो और और जहाज भेजने की घोषणा की थी। भारत श्रीलंका को चावल की खेप भी भेज रहा है।
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विस्तार
श्रीलंका के मन्नार से चार लोगों का एक परिवार शुक्रवार को नाव से भारत के रामेश्वरम पहुंचा। ये लोग धनुषकोटि के पास अरिचालमुनाई में उतरा। इस परिवार को पूछताछ के बाद मंडपम शरणार्थी शिविर भेज दिया गया है। जानकारी के अनुसार आर्थिक संकट के चलते भारत आने वाला यह पहला श्रीलंकाई तमिल परिवार नहीं है। कुछ दिन पहले भी 16 लोग यहां पहुंचे थे।
गैस, भोजन, ईंधन और अन्य वस्तुओं की कमी और भारी बिजली कटौती के विरोध में लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। जनता के गुस्से के चलते लगभग सभी कैबिनेट मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं और कई सांसद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की सरकार छोड़ चुके हैं। ब्रिटेन की गुलामी से साल 1948 में आजादी पाने के बाद से श्रीलंका सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
श्रीलंकाई तमिलों के लिए चावल और दवाइयां भेजने को तैयार तमिलनाडु
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को केंद्र सरकार को बताया था कि राज्य सरकार तमिलों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए चावल और जीवन रक्षक दवाइयों जैसी जरूरी चीजें श्रीलंका भेजने के लिए तैयार है। स्टालिन नेकोलंबो में भारतीय उच्चायोग और जाफना में भारतीय वाणिज्य दूतावास के माध्यम से तमिलों के बीच इनके वितरण की केंद्र से अनुमति मांगी।
ईंधन की भारी कमी से जूझ रहा श्रीलंका, खत्म होने वाली है क्रेडिट सुविधा
अधिकारियों के अनुसार श्रीलंका में ईंधन की खेप आने की शुरुआत एक अप्रैल से होनी थी लेकिन, हालात की तात्कालिकता को देखते हुए यह मार्च के अंत में आने लगी थीं। भारत से ईंधन की तीन और खेप 15, 18 और 23 अप्रैल को आने वाली हैं। इसके बाद यह सुविधा तब तक के लिए पूरी तरह रुक जाएगी, जब तक कि श्रीलंका भारत से और विस्तार की मांग नहीं करता।
सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी मुख्य विपक्षी पार्टी एसजेबी
उधर, देश की मुख्य विपक्षी पार्टी एसजेबी ने शुक्रवार को एलान किया कि अगर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की सरकार सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रही जनता की चिंताओं को दूर करने के लिए कदम उठाने में विफल रहती है तो हम उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। खबरों के अनुसार एसेबी ने इसके लिए सांसदों से हस्ताक्षर करवाना भी शुरू कर दिया है।