बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Tue, 15 Mar 2022 05:11 PM IST
सार
एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि वित्त मंत्रालय ने इस तरह की खबरों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है कि सरकार अपनी कमाई बढ़ाने और कल्याणकारी योजनाओं परखर्च बढ़ाने के लिए कैपिटल गेन्स टैक्स में सुधार करना चाहती है। सूत्रों ने कहा कि सरकार के पास इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं आया है।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने मंगलवार को सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की पूंजीगत लाभ कर ढांचे में सुधार करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। सूत्रों ने मीडिया में चल रही उन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिनमें कहा गया था कि सरकार अपनी कमाई बढ़ाने और कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च बढ़ाने के लिए कैपिटल गेन्स टैक्स ढांचे में सुधार करना चाहती है।
गौरतलब है कि ऐसी खबरें चर्चा में थी कि सरकार अपनी कमाई बढ़ाने और कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च बढ़ाने के लिए कैपिटल गेन्स टैक्स ढांचे में सुधार करना चाहती है। मामले से जुड़े दो अधिकारियों के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया था कि वित्त मंत्रालय के समक्ष इस संबंध में पेश एक प्रस्ताव में कहा गया है कि कैपिटल मार्केट से कमाई पर लगने वाला टैक्स कारोबार से होने वाली आय पर लगने वाले टैक्स से कम नहीं होना चाहिए।
बता दें कि भारत में लिस्टेड इक्विटी पर एक साल से अधिक समय के लिए एक लाख रुपये की सीमा से ऊपर के लाभ पर 10 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स का भुगतान करना होता है। वहीं एक साल से कम समय के लिए रखे गए शेयरों पर 15 फीसदी के हिसाब से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स का भुगतान करना होता है। यह प्रावधान देश में एक अप्रैल, 2019 से लागू है
विस्तार
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने मंगलवार को सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की पूंजीगत लाभ कर ढांचे में सुधार करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। सूत्रों ने मीडिया में चल रही उन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिनमें कहा गया था कि सरकार अपनी कमाई बढ़ाने और कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च बढ़ाने के लिए कैपिटल गेन्स टैक्स ढांचे में सुधार करना चाहती है।
गौरतलब है कि ऐसी खबरें चर्चा में थी कि सरकार अपनी कमाई बढ़ाने और कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च बढ़ाने के लिए कैपिटल गेन्स टैक्स ढांचे में सुधार करना चाहती है। मामले से जुड़े दो अधिकारियों के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया था कि वित्त मंत्रालय के समक्ष इस संबंध में पेश एक प्रस्ताव में कहा गया है कि कैपिटल मार्केट से कमाई पर लगने वाला टैक्स कारोबार से होने वाली आय पर लगने वाले टैक्स से कम नहीं होना चाहिए।
बता दें कि भारत में लिस्टेड इक्विटी पर एक साल से अधिक समय के लिए एक लाख रुपये की सीमा से ऊपर के लाभ पर 10 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स का भुगतान करना होता है। वहीं एक साल से कम समय के लिए रखे गए शेयरों पर 15 फीसदी के हिसाब से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स का भुगतान करना होता है। यह प्रावधान देश में एक अप्रैल, 2019 से लागू है
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