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लड़ेंगे कोरोना से: अमेरिका ने दी एस्ट्राजेनेका की एंटीबॉडी दवा को मंजूरी, संक्रमण से मिलेगी लंबी सुरक्षा

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Thu, 09 Dec 2021 06:45 PM IST

सार

एस्ट्राजेनेका की एक एंटीबॉडी दवा एवुशेल्ड को अमेरिका ने आपात इस्तेमाल की मंजूरी (ईयूएल) दी है। यह दवा ऐसे वयस्क और 12 या उससे अधिक आयु के बच्चों के लिए है, जिनके शरीर में कोविड टीके लेने के बाद भी पर्याप्त प्रतिरोधक क्षमता नहीं बन पाई है, या जिन्हें टीके लेने से गंभीर एलर्जी की समस्या होती है।

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : पेक्सेल्स

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एस्ट्राजेनेका की एंटीबॉडी दवा एवुशेल्ड (Evusheld) को अमेरिका ने उन लोगों के लिए आपात मंजूरी दे दी है जो किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या या एलर्जी से पीड़ित हैं और जिन्हें कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ सामान्य टीकाकरण से पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिल पाती है। ऐसे लोगों में इस वायरस के खिलाफ लंबी प्रतिरोध क्षमता बनाने वाली इस दवा की पहली खुराक के जल्द ही उपलब्ध होने की उम्मीद है।

अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने इस दवा को बुधवार को मंजूरी दे दी। यह पहली ऐसी दवा है जो संक्रमण के खिलाफ लंबे समय के लिए सुरक्षा प्रदान करेगी। इस दवा की खुराक 12 वर्ष या इससे अधिक आयु के उन लोगों को दी जाएगी जिनका वजन 44 किलोग्राम से अधिक है किसी स्वास्थ्य समस्या के चलते जिनके शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र वायरस के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा नहीं प्रदान कर पाता है। 

इन लोगों को दी जा सकती है यह एंटीबॉडी दवा
इसके साथ ही यह दवा उन लोगों को भी देने की अनुमति मिली है जिनके लिए कोविड-19 टीकाकरण की सिफारिश नहीं की गई है। हालांकि, यह दवा लेने के लिए जरूरी है कि व्यक्ति दवा लेते समय कोरोना वायरस से संक्रमित न हो या बीते कुछ समय में किसी कोरोना संक्रमित शख्स के संपर्क में न आया हो। कैंसर रोगी, अंग प्रत्यारोपण कराने वाले, गठिया जैसी बीमारियों से ग्रसित लोग इस दवा को ले सकते हैं।

एक ही खुराक दे सकती है लंबे समय तक सुरक्षा
एस्ट्राजेनेका में बायोफार्मास्यूटिकल आर एंड डी के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट मीन पैंगलोस ने कहा कि हम कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग में नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभाकर गर्व महसूस कर रहे हैं। हमारी पहली एंटीबॉडी थेरेपी को वायरस की चपेट में आने से पहले ही कोविड से बचने के लिए अमेरिका में अनुमति मिल गई है। इसकी एक खुराक ही संक्रमण के खिलाफ लंबे समय तक सुरक्षा देती है।

ओमिक्रॉन पर असर जानने के लिए हो रही जांच
पैंगलोस ने कहा कि एवुशेल्ट अभी तक सामने आए सार्स-कोव-2 के सभी वैरिएंट पर असरदार है और हम इस बात का निर्धारण करने पर काम कर रहे हैं कि नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ यह दवा कितनी तेजी से काम करती है। बता दें कि दक्षिण अफ्रीका में सामने आए कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन को अब तक का सबसे अधिक संक्रामक और पहले के मुकाबले कहीं अधिक खतरनाक वैरिएंट माना जा रहा है। 
 

विस्तार

एस्ट्राजेनेका की एंटीबॉडी दवा एवुशेल्ड (Evusheld) को अमेरिका ने उन लोगों के लिए आपात मंजूरी दे दी है जो किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या या एलर्जी से पीड़ित हैं और जिन्हें कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ सामान्य टीकाकरण से पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिल पाती है। ऐसे लोगों में इस वायरस के खिलाफ लंबी प्रतिरोध क्षमता बनाने वाली इस दवा की पहली खुराक के जल्द ही उपलब्ध होने की उम्मीद है।

अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने इस दवा को बुधवार को मंजूरी दे दी। यह पहली ऐसी दवा है जो संक्रमण के खिलाफ लंबे समय के लिए सुरक्षा प्रदान करेगी। इस दवा की खुराक 12 वर्ष या इससे अधिक आयु के उन लोगों को दी जाएगी जिनका वजन 44 किलोग्राम से अधिक है किसी स्वास्थ्य समस्या के चलते जिनके शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र वायरस के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा नहीं प्रदान कर पाता है। 

इन लोगों को दी जा सकती है यह एंटीबॉडी दवा

इसके साथ ही यह दवा उन लोगों को भी देने की अनुमति मिली है जिनके लिए कोविड-19 टीकाकरण की सिफारिश नहीं की गई है। हालांकि, यह दवा लेने के लिए जरूरी है कि व्यक्ति दवा लेते समय कोरोना वायरस से संक्रमित न हो या बीते कुछ समय में किसी कोरोना संक्रमित शख्स के संपर्क में न आया हो। कैंसर रोगी, अंग प्रत्यारोपण कराने वाले, गठिया जैसी बीमारियों से ग्रसित लोग इस दवा को ले सकते हैं।

एक ही खुराक दे सकती है लंबे समय तक सुरक्षा

एस्ट्राजेनेका में बायोफार्मास्यूटिकल आर एंड डी के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट मीन पैंगलोस ने कहा कि हम कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग में नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभाकर गर्व महसूस कर रहे हैं। हमारी पहली एंटीबॉडी थेरेपी को वायरस की चपेट में आने से पहले ही कोविड से बचने के लिए अमेरिका में अनुमति मिल गई है। इसकी एक खुराक ही संक्रमण के खिलाफ लंबे समय तक सुरक्षा देती है।

ओमिक्रॉन पर असर जानने के लिए हो रही जांच

पैंगलोस ने कहा कि एवुशेल्ट अभी तक सामने आए सार्स-कोव-2 के सभी वैरिएंट पर असरदार है और हम इस बात का निर्धारण करने पर काम कर रहे हैं कि नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ यह दवा कितनी तेजी से काम करती है। बता दें कि दक्षिण अफ्रीका में सामने आए कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन को अब तक का सबसे अधिक संक्रामक और पहले के मुकाबले कहीं अधिक खतरनाक वैरिएंट माना जा रहा है। 

 

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