न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Wed, 16 Mar 2022 05:27 AM IST
सार
किसानों की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने मंगलवार को चीफ जस्टिस रमण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष कहा कि इस मामले के एक मुख्य गवाह पर 10 मार्च को गंभीर हमला किया गया। भूषण ने दावा किया कि हमलावर गवाह को धमकाते हुए कह रहे थे कि अब भाजपा जीत गई है। अब वे उन्हें देख लेंगे।
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विस्तार
किसानों की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने मंगलवार को चीफ जस्टिस रमण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष कहा कि इस मामले के एक मुख्य गवाह पर 10 मार्च को गंभीर हमला किया गया। भूषण ने दावा किया कि हमलावर गवाह को धमकाते हुए कह रहे थे कि अब भाजपा जीत गई है। अब वे उन्हें देख लेंगे।
भूषण ने कहा कि सहआरोपी भी आशीष मिश्रा को मिली जमानत को आधार बनाकर जमानत मांग रहे हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि इस याचिका पर वहीं पीठ सुनवाई करेगी, जिसने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की सुनवाई की थी। इस मामले पर चीफ जस्टिस रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने सुनवाई की थी।
आशीष मिश्रा को दी गई जमानत के खिलाफ पीड़ित परिवारों की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देते समय शीर्ष अदालत के दिशा-निर्देशों की अवहेलना की। गत वर्ष 3 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की लखीमपुर खीरी जिले की यात्रा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे चार किसान एक एसयूवी द्वारा कुचले जाने के बाद मारे गए थे। यह एसयूवी कथित तौर पर केंद्रीय गृहराज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा के काफिले का हिस्सा थी।
