वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वारसॉ
Published by: Amit Mandal
Updated Fri, 25 Mar 2022 08:38 PM IST
सार
यूरोप दौरे के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन आज पोलैंड पहुंचे। इससे पहले बाइडन ने जी-7 के बड़े नेताओं के साथ ब्रुसेल्स में अहम बैठकें की थीं।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन शुक्रवार को पोलैंड पहुंचे और अमेरिकी सैनिकों से मुलाकात की। दो दिन पहले ही बाइडन यूरोप के दौरे पर रवाना हुए थे। सबसे पहले उन्होंने ब्रसेल्स में नाटो की बैठक में शिरकत की थी और इसके बाद शुक्रवार को वह पोलैंड पहुंचे। पोलैंड में उन्होंने अमेरिकी सैनिकों से मुलाकात की। इस दौरान वह सैनिकों के साथ पिज्जा खाते हुए भी दिखे।
ब्रसेल्स में हुईं अहम बैठकें
ब्रसेल्स में नाटो की आपातकालीन बैठक में हिस्सा लेने के बाद उन्होंने यूरोपीय संघ और ग्रुप ऑफ सेवन की बैठकों में भी हिस्सा लिया था। नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रवाना होने से पहले बाइडन ने बुधवार को कहा था कि रूस द्वारा यूक्रेन पर रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करने की आशंका ही असल खतरा है। पोलैंड के अधिकारियों से मिलने के लिए शुक्रवार को वारसॉ पहुंचे।
जी-7 के बड़े नेताओं के साथ ब्रुसेल्स में हुई बैठक में उन्होंने रूस के अनुचित, अकारण और अवैध आक्रमण पर चर्चा की। साथ ही यूक्रेन को रूस के खिलाफ मजबूत करने पर जोर दिया। जी-7 ने अपने संयुक्त बयान में कहा था कि हम यूक्रेन की सरकार और उसके लोगों के साथ खड़े हैं। हम शांति और स्थिरता बहाल करने और अंतरराष्ट्रीय कानून को बनाए रखने के अपने संकल्प में एकजुट हैं।
पोलैंड ने दी है 20 लाख से अधिक लोगों को शरण
पोलैंड, यूक्रेन का पड़ोसी देश है। पोलैंड ने युद्धग्रस्त देश से पलायन करने वाले 20 लाख से अधिक लोगों को शरण दी है। पोलैंड ने हमेशा नाटो के अपने साथी सदस्यों से यह रक्तपात रोकने के लिए अधिक प्रयास करने की अपील की है। व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने पहले ही कहा था कि बाइडन की यूक्रेन की यात्रा करने की कोई योजना नहीं है। बाइडन और नाटो कह चुके हैं कि अमेरिका और नाटो, गैर-नाटो सदस्य यूक्रेन को हथियार और अन्य रक्षा सहायता देंगे।
विस्तार
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन शुक्रवार को पोलैंड पहुंचे और अमेरिकी सैनिकों से मुलाकात की। दो दिन पहले ही बाइडन यूरोप के दौरे पर रवाना हुए थे। सबसे पहले उन्होंने ब्रसेल्स में नाटो की बैठक में शिरकत की थी और इसके बाद शुक्रवार को वह पोलैंड पहुंचे। पोलैंड में उन्होंने अमेरिकी सैनिकों से मुलाकात की। इस दौरान वह सैनिकों के साथ पिज्जा खाते हुए भी दिखे।
ब्रसेल्स में हुईं अहम बैठकें
ब्रसेल्स में नाटो की आपातकालीन बैठक में हिस्सा लेने के बाद उन्होंने यूरोपीय संघ और ग्रुप ऑफ सेवन की बैठकों में भी हिस्सा लिया था। नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रवाना होने से पहले बाइडन ने बुधवार को कहा था कि रूस द्वारा यूक्रेन पर रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करने की आशंका ही असल खतरा है। पोलैंड के अधिकारियों से मिलने के लिए शुक्रवार को वारसॉ पहुंचे।
जी-7 के बड़े नेताओं के साथ ब्रुसेल्स में हुई बैठक में उन्होंने रूस के अनुचित, अकारण और अवैध आक्रमण पर चर्चा की। साथ ही यूक्रेन को रूस के खिलाफ मजबूत करने पर जोर दिया। जी-7 ने अपने संयुक्त बयान में कहा था कि हम यूक्रेन की सरकार और उसके लोगों के साथ खड़े हैं। हम शांति और स्थिरता बहाल करने और अंतरराष्ट्रीय कानून को बनाए रखने के अपने संकल्प में एकजुट हैं।
पोलैंड ने दी है 20 लाख से अधिक लोगों को शरण
पोलैंड, यूक्रेन का पड़ोसी देश है। पोलैंड ने युद्धग्रस्त देश से पलायन करने वाले 20 लाख से अधिक लोगों को शरण दी है। पोलैंड ने हमेशा नाटो के अपने साथी सदस्यों से यह रक्तपात रोकने के लिए अधिक प्रयास करने की अपील की है। व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने पहले ही कहा था कि बाइडन की यूक्रेन की यात्रा करने की कोई योजना नहीं है। बाइडन और नाटो कह चुके हैं कि अमेरिका और नाटो, गैर-नाटो सदस्य यूक्रेन को हथियार और अन्य रक्षा सहायता देंगे।
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