एएनआई, प्योंगयांग
Published by: Jeet Kumar
Updated Thu, 27 Jan 2022 06:47 AM IST
सार
उत्तर कोरिया ने इस साल का सबसे पहला परीक्षण छह जनवरी को किया था और इसके बाद 11 जनवरी को भी एक बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था वहीं 17 जनवरी को आखिरी बार बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया गया था।
सांकेतिक तस्वीर….
– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में में गुहार लगाई थी, लेकिन चीन और रूस ने उसके प्रयासों को रोक दिया था। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दक्षिण कोरिया और अमेरिका के खुफिया अधिकारी इन प्रक्षेपणों का विश्लेषण कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने विस्तार से जानकारी उपलब्ध नहीं कराई।
उत्तर कोरिया ने छह दिन पहले भी मिसाइल परीक्षण किया था, पांच जनवरी को जब इसने मिसाइल परीक्षण किया था तो इसे हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण बताया था लेकिन दक्षिण कोरिया ने इस बात को मानने से इंकार कर दिया था। लेकिन अब दक्षिण कोरियाई सेना ने पुष्टि कर दी है कि उत्तर कोरिया हाइपरसोनिक मिसाइल दागने में सक्षम हो गया है।
अमेरिका ने लगाए थे प्रतिबंध
अमेरिका ने पिछले हफ्ते मिसाइल प्रक्षेपण पर एकतरफा प्रतिबंध लगाए थे। इसके तहत छह उत्तर कोरियाई, एक रूसी और एक रूसी फर्म को रूस और चीन से परीक्षण कार्यक्रमों के लिए सामान खरीदने का आरोप लगाते हुए ब्लैकलिस्ट कर दिया था।
अमेरिका को लगातार दे रहा चुनौती
उत्तरी कोरिया इस तरह के मिसाइल परीक्षण करके अमेरिका को खुली चुनौती दे रहा है। दरअसल, अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने का प्रयास कर रहा है, साथ ही परमाणु कार्यक्रम बंद करने का भी दबाव बनाया जा रहा है। अब उत्तर कोरिया ने इस तरह के परीक्षण से साफ कर दिया है कि वह अमेरिकी प्रतिबंधों से दबने वाला नहीं है।